नागदा - कोरोना आईसोलेशन वार्डो में आम नागरिकों की आवाजाही कहीं शहर पर न पड जाऐ भारी



Nagda(mpnews24)।  कोरेाना महामारी की दुसरी लहर जो कि बहुत ही खतरना साबित हो रही है। इस दुसरी लहर में प्रशासन जहाॅं नागरिकों को बचाने का भरपुर प्रयास कर रहा है लेकिन दबाव एवं प्रभाव में आईसोलेशन वार्डो, अस्पताल आदि में बाहरी लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने में प्रशासन पुरी तरह से विफल साबित हो रहा है। किसी व्यक्ति के कोरोना संक्रमित आने के बाद बनाऐ जाने वाले कंटेनमेंट क्षेत्र का पालन करना भी प्रशासन के लिए इस बार काफी तेडी खील साबित हो रहा है। आलम यह है कि अस्पतालों में बाहरी लोगों की बेरोकटोक आवाजाही, संक्रमित के परिजनों का खुलेआम शहर में घुमना लगातार संक्रमण का आंकडा बढा रहा है। वहीं आऐ अस्पतालों में होने वाली भीड आखिर किस लिए की जा रही है यह भी समझ से परे है। निरीक्षण-निरीक्षण खेलते-खेलते संक्रमण-संक्रमण का खेल हो रहा है। ऐसे में अधिकारियों को चाहिए की अपने प्रभाव का उपयोग कर इस प्रकार की आवाजाही पर रोक लगाना चाहिए जिससे की शहर में संक्रमण को कम किया जा सके।

अस्पतालों में है बेरोकटोक आवाजाही
शहर में वर्तमान में दो कोविड सेंटर संचालित हो रहे है। जवाहर मार्ग स्थित सिविल हाॅस्पिटल एवं इंगोरिया रोड स्थित बीमा हाॅस्पिटल। सिविल हाॅस्पिटल में गत दिनों एसडीएम आशुतोष गोस्वामी द्वारा निरीक्षण किए जाने पर आईसीयू वार्ड में भी आम नागरिकों की आवाजाही हो रही थी। जिसको प्रतिबंधित किया गया। कुछ इसी प्रकार से सिविल के आईसोलेशन वार्ड एवं बीमा अस्पताल के आईसोलेशन वार्डो में बाहरी लोगों की आवाजाही हो रही है। दोनों ही स्थानों पर कोरोना संक्रमित एवं एसिम्टोमेटिक मरीजों को रखा गया है। ऐसे में ऐहतियात एवं अन्य नागरिकों की सुरक्षा के लिए बाहरी लोगों को प्रवेश दिया जाना शहर के लिए भारी पड सकता है। प्रशासन चाहे तो परिजनों को दूर से अथवा सीसीटीवी के माध्यम से उनके मरीजों से मुलाकात किए जाने की व्यवस्था करना चाहिए।

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होम आईसोलेशन मरीजों के परिजनों पर प्रशासन दिखाऐ सख्ती

गौरतलब है कि कोरोना संक्रमित होने के बाद होम आईसोलेशन में रहकर अपना उपचार करवा रहे मरीजों के परिजनों को प्रशासन को हिदायत देना चाहिए कि उन्हें कंटेनमेंट क्षेत्र का पालन करना चाहिए। अमुमन देखा जा रहा है कि कंटेनमेंट क्षेत्र बना दिए जाने के बाद भी परिजन बाहर घुम रहे हैं तथा बाजार आदि में भी देखे जा रहे है। प्रशासनिक अधिकारियों को ऐसे कई मामलों में जानकारी दिए जाने के बाद भी कार्रवाई न होना प्रशासन की लचर प्रणाली को दर्शा रहा है। यदि कंटेनमेंट क्षेत्र पालन करना ही नहीं है आईसोलेशन वाले मरीजों के यहाॅं पोस्टर लगाने का भी औचित्य नहीं बनता है। प्रशासन को चाहिए कि कंटेनेमेंट क्षेत्र का सख्ती से पालन हो जिससे की संक्रमण की चेन को तोडा जा सके।
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