नागदा - श्रेय की राजनीतिक करने वाले कोविड से हुई मौतों की जिम्मेदारी भी लें



Nagda(mpnews24)।  नागदा में कोरोना महामारी की दुसरी लहर के दौरान अस्पतालों में बेड, आॅक्सीजन, कोविड सेन्टर, दवाईया और इलाज की बन्दर-बांट और लूटमार से कई निर्दोष लोगो की जान चली गई। नेताओं ने आम जनता एवं निर्धनो की व्यवस्था पर कब्जा कर, राजनैतिक वितरण करके अमानवीय कार्य किया है। प्रशासन और भाजपा नेता कोरोना से हुई मौतो का हिसाब नहीं दे पा रहे है। नागरिको को मुआवजा देने वाली सूची में अधिकांश लोगो के नाम काटे जा रहे है, मुआवजा राशि भी चार लाख से घटाकर मात्र एक लाख रूपये दी गई है। प्रदेश में भाजपा की सरकार है और नागदा-खाचरौद क्षैत्र क्राईसेस मेनेजमेन्ट समिति मे केन्द्रीय मंत्री थावरचंद गेहलोत, सांसद अनिल फिरोजिया व पूर्व विधायक दिलीपसिंह शेखावत सर्वे-सर्वा है तो श्रेय की राजनीति करने वाले कोविड से हुई मौतों की जिम्मेदारी भी लें।

कई जानें जाने के बाद प्रारंभ हुआ बीमा कोविड सेंटर
जिला कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष सुबोध स्वामी ने आरोप लगाते हुए कहा कि बीमा कोविड सेन्टर में भाजपा नेताओ के षड़यंत्र और प्रशासन के साथ सांठ-गांठ के चलते जान बूझकर 5 मई को प्रारंभ किया गया तथा इससे पूर्व जनता को मौत के मुॅंह में झोक दिया गया। भाजपा नेता कहते है कि बीमा कोविड सेन्टर उनकी मांग पर चालु हुआ है अगर भाजपा नेता मांग नहीं करते तो क्या जिले के दुसरे बडे शहर नागदा में बीमा कोविड सेन्टर प्रारंभ नहीं होता ?
क्षेत्र के विधायक दिलीपसिंह गुर्जर द्वारा अधिकांश विधायक निधि को इन लोगो की कमीयो को देखते हुए कोरोना से मुकाबला करने के लिये दे दिया उसका भी समय पर उपयोग नहीं किया। मध्य प्रदेश शासन को पूर्व सूचना के बावजूद प्रदेश शासन जनता को बचाने में असफल रहा।

सवाल सत्ता पक्ष से हों या विपक्ष से ?
विधायक गुर्जर द्वारा सीटी स्केन मशीन कि मांग से घबराकर भाजपा नेता अर्नगल आरोप लगाकर उन्हीं से प्रश्न पूछ रहे है, जबकि सत्ता में वह बैठे हैं। इन लोगों से विपक्ष के नाते विधायक को प्रश्न पूछना चाहिये। आगामी विधानसभा में इन सारे प्रश्नो को लेकर सरकार को कठघरे मे खड़ा किया जायगा और तीसरी लहर का मुकाबला करने की भी मांग जोर-शोर से उठाई जाएगी।

विधायक गुर्जर ने स्वयं कार्यालय बन्द करके अपने आप को कोरेन्टाईन किया। प्रशासन ने क्या किया और क्या नहीे किया इसका प्रश्न प्रशासन में बैठे सत्ता पक्ष के लोगो को पूछना चाहिये। विधायकजी के अस्वस्थ्य होने का प्रमाण आम जनता उनके पास आकर देख सकती है। विधायक श्री गुर्जर ने उनके सहयोगियो और समर्थको की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा। भाजपा के लोग स्वयं मानते है कि कार्यालय बन्द था तो क्या विधायकजी को कार्यालय बन्द नहीं करना था।

भाजपा के लोग कन्फ्यूज
स्वामी ने कहा कि भाजपा के लोग कन्यूज है आखिर पहले तय करे कि विधायकजी का कार्यालय बन्द करवाना चाहते या चालू करवाना। कांग्रेस नेता का कहना है कि विधायक श्री गुर्जर भाजपा नेताओ की तरह बीमारी की सेल्फी खिंचवाकर जनता में सहानूभूति लेने की राजनीति में विश्वास नही करते हैं।

पूर्व लाॅकडाउन में प्रदान की लाखों की सामग्री
श्री स्वामी बताया कि कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान विधायक गुर्जर द्वारा जनता की सेवा लाॅकडाउन के दौरान कितनी की यह जनता स्वयं जानती है। जब वह स्वस्थ थे तो उन्होंने एवं सहयोगियो ने पुरी ताकत से सेवा की थी तथा राहत सामग्री बांटी थी। इस बार भाजपा नेताओं ने गरीब लोगों की मदद क्यों नहीं की ? राहत सामग्री क्यों नहीं बांटी ? विधायक जी ने बीमार होने के बावजूद भी विधायक निधी का पूरा उपयोग किया और संगठन के कार्यकर्ताओ ने भी आम जनता को पूरा सहयोग दिया। बीमारी के दौरान भी विधायकजी ने अपनी शारीरिक स्थिति के अनूरूप पूरा प्रयास किया। विधायक श्री गुर्जर और उनके कार्यकर्ताओं ने आपदा को अवसर नहीं बनाया, जो जनता के बीच आने में कोई भूमिका बनानी पड़े, जनता कोई शिकायत नहीं कर रही।

भाजपा नेता कर रहे जनता को गुमराह, मण्डल अध्यक्ष कहा थे ?
श्री स्वामी ने आरोप लगाया कि भाजपा नेता क्षेत्र कि जनता को गुमराह करने के लिये अर्नगल प्रलाप कर रहे है। मण्डल अध्यक्ष खुद भी कोरोना काल मे कही नजर नही आये। कांग्रेस कार्यकर्ताओ ने आपदा के अवसर की गंभीरता को समझते हुई अव्यवस्था और भ्रष्ट्राचार का विरोध नही किया। कांग्रेस नेता का कहना है कि जनता, शासन और उद्योग समुह द्वारा दी गई एक-एक पैसे की दान की राशि के उपयोग का हिसाब और कोविड सेन्टर चालू करने में जान बूझकर हुई देरी का कारण सरकार से जरूर पूछा जाएगा।
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