नागदा - अनुपयोगी भूमि से रेल प्रशासन को करोडों की आय सृजन करने का बडा अवसर, शहर को मिल सकेगा नवीन मार्ग वर्तमान में अनुपयोगी पडी है भूमि, एप्रोच रोड की भूमि के हस्तांतरण के साथ इस भूमि पर भी हो विचार



Nagda(mpnews24)।  रतलाम रेल मण्डल अंतर्गत आने वाले नागदा जंक्शन अंतर्गत पुरानी कोटा लाईन वाली रेल्वे की करोडों रूपये मूल्य की अनुपयोगी भूमि पर यदि अच्छा प्रोजेक्ट बनाकर इसका व्यवसायिक उपयोग किया जाऐ तो रेल प्रशासन को करोडों रूपये की कमाई हो सकती है। स्थानिय कोटा फाटक चैराहे से मवेशियों के हाट से होते हुए बायपास ब्रीज तक रेल्वे की बेशकीमती करोडों रूपये लागत की भूमि वर्तमान में रेल प्रशासन के लिए अनुपयोगी साबित हो रही है। वहीं रेल्वे को इस भूमि को अतिक्रमण से बचाने के लिए लाखों-करोडों रूपये दिवाल आदि बनाने पर खर्च करना पड रहे है। ऐसे में यदि विस्तृत प्राजेक्ट बना कर नागदा की अनुपयोगी भूमि का व्यवसायिक उपयोग किया जाता है तो रेल्वे को करोडों की कमाई हो सकती है वहीं भूमि को भी बचाया जा सकता है। ऐसे में आवश्यकता एक सकारात्मक पहल की है।

खुलेंगे रोजगार के द्वार, रेल्वे के साथ ही नागरिकों को भी होगा फायदा
वर्तमान दौर में शहरों के सौंदर्यीकरण एवं स्वच्छता को लेकर केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा रेंकिंग प्रणाली को लागू कर शहरों को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने के प्रयास किए जा रहे है। इसी कडी में यदि नागदा शहर के सौंदर्यीकरण एवं सुव्यवस्थित यातायात को लेकर कोटा फाटक एप्रोच रौड चैराहे से सीधे मवेशियों के हाट वाली जमीन से होते हुए सीधे बायपास तक मार्ग निर्माण करने से क्षेत्र को एक नई सौगात मिल सकती है। वर्तमान में उक्त भूमि खुली अवस्था में स्थित है तथा यहाॅं काफी गंदगी आदि भी रहती है। कच्चा मार्ग तो बना हुआ लेकिन यदि मात्र एक-डेढ किलोमीटर के मार्ग का निर्माण यदि हो जाता है तो शहर के सौंदर्यीकरण में चार चांद लग सकते हैं तथा जावरा-उज्जैन बायपास मार्ग से सीधे भारी वाहन उक्त नवीन मार्ग से एप्रोच रोड होते हुए औद्योगिक क्षेत्र में पहुॅंच जाऐंगे। जिससे इंगोरिया रोड रहवासी बस्ती से होकर गुजरने वाले भारी वाहनों से क्षेत्रवासियों को निजात मिल जाऐगी।

नए मार्ग के सृजन से बढेगी क्षेत्र में व्यवसायिक गतिविधियाॅं
कोटा फाटक एप्रोच रोड के सीधे मवेशियों के हाट से होते हुए बायपास तक वर्तमान में कच्चा मार्ग उपलब्ध है। पूर्व में यहाॅं कोटा रेल लाईन स्थित थी लेकिन नवीन रेल लाईन बनाऐ जाने से उक्त भूमि वर्तमान में ऐसे ही अनुपयोगी पडी हुई। रेल प्रशासन चाहे तो स्वयं उक्त भूमि पर कमर्शीयल काॅम्पलेक्स बनाकर सडक निर्माण कर सकता है अथवा एप्रोच रोड की तर्ज पर सडक का निर्माण नगर पालिका द्वारा भी किया जा सकता है। मवेशियों के हाट वाली खूली भूमि पर व्यवसायिक काॅम्पलेक्स बनने से इस क्षेत्र का विकास भी तेजी से होगा वहीं शहर के सैकडों लोगों को रोजगार के अवसर भी दिलाऐ जा सकते है।

क्षेत्र के सांसद एवं विधायक ने भी लिखा है रेल मंत्रालय को पत्र
सांसद अनिल फिरोजिया ने भी एप्रोच रोड की भूमि को स्थानिय शासन को दिए जाने के संबंध में रेल प्रशासन को पत्र लिखा है। ऐसे में दोनों भूमियाॅं यदि मिलती हैं तो शहर विकास के लिए महत्वपूर्ण होगा। क्षेत्र के विधायक दिलीपसिंह गुर्जर ने नगर विकास परियोजना के प्रारूप प्रकाशन तथा दावे-आपत्तियों में उक्त मार्ग के सृजन करने का प्रस्ताव शासन को दिया है। साथ ही रेल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारीयों को भी विभिन्न मार्गो के सृजन हेतु पत्र लिखा है। एप्रोच रोड के सामने से गुजरने वाले मार्ग के समीप ही विद्यानगर सहित कई रहवासी काॅलोनियाॅं स्थित है जहाॅं आवागमन के साधन काफी सिमित है। विकास परियोजना में दिए गए प्रस्ताव के तहत यदि नए मागर्् का सृजन कर सीधे जावरा-उज्जैन बायपास से जोड दिया जाता है तो बायपास पर भी एक नवीन तिराहे का निर्माण होगा तथा वहाॅं पर भी काफी व्यवसायिक गतिविधियों के अवसर मिल सकते है।

एप्रोच रोड की भूमि को अधिग्रहित करने की प्रक्रिया भी चल रही
गौरतलब है कि स्थानिय प्रशासन एवं रेल विभाग के मध्य एप्रोच रोड की भूमि को रेल प्रशासन से लिए जाने की प्रक्रिया चल रही है, जिसको लेकर रेल्वे के अधिकारियों का एक दल भी आने वाला है। रेल प्रशासन को एप्रोच रोड के साथ नवीन मार्ग की भूमि का भी स्थल निरीक्षण करना चाहिए। जिससे रेल्वे को भी फायदा होगा एवं शहर के नागरिकों को भी लाभ मिल सकेगा।
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