आॅक्सीजन नहीं मिल पाने से मरीज एवं परिजन होते रहे थे परेशान
गौरतलब है कि कोरोना की दूसरी लहर में समय पर ऑक्सीजन नहीं मिल पाने के कारण अधिकांश मरीजों को उज्जैन-रतलाम जाना पड़ा था। समय पर ऑक्सीजन नहीं मिलने की वजह से कई लोगों की मौत भी हो गई थी। इसकी वजह यह थी कि सिविल अस्पताल ऑक्सीजन के लिए आत्मनिर्भर नहीं था और अन्य स्त्रोतों से ऑक्सीजन सिलेंडर यहां जुटाए गए थे। ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ. कमल सोलंकी ने बताया प्रधानमंत्री केयर फंड से सिविल अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का यह कार्य किया जा रहा है। आॅक्सीजन प्लांट लगाऐ जाने हेतु प्रोजेक्ट मैनेजर, बीएमओ और नगर पालिका परिषद् के सीएमओ सहित अन्य अधिकारी सिविल अस्पताल का निरीक्षण कर चुके हैं। जिसके कारण स्थान का चयन कर प्लांट लगाने का काम भी शुरू कर दिया गया है। अस्पताल परिसर में इसके लिए गड्ढों की खुदाई भी हो चुकी है। अगर बारिश आड़े नहीं आई तो करीब एक महीने में प्लांट के सिविल वर्क सहित इंस्टॉलेशन का काम यहां पूरा हो जाएगा। यह ऑक्सीजन प्लांट कोरोना की तीसरी लहर में स्वास्थ्य सुविधा के क्षेत्र में कारगर साबित होगा। इंगोरिया रोड स्थित बीमा अस्पताल में भी ऑक्सीजन प्लांट लगाया जा रहा है।
डीआरडीओ करेगा इंस्टाॅलेशनएनएचए बनाएगी स्ट्रक्चर
ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी (एनएचए) कंपनी द्वारा स्ट्रक्चर बनाने का काम किया जा रहा है। प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारी और स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार लगभग 15 से 20 दिनों के भीतर सिविल वर्क पूरा हो जाएगा। इसके बाद डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) द्वारा प्लांट का इंस्टाॅलेशन का काम किया जाएगा।
200 लीटर ऑक्सीजन प्रति मिनिट मिल सकेगी
बीएमओ डॉ. सोलंकी ने बताया सिविल अस्पताल में लगाए जा रहे ऑक्सीजन प्लांट से प्रति मिनट 200 लीटर ऑक्सीजन बन सकेगी। जिससे ऑक्सीजन के मामले में सिविल अस्पताल पूरी तरह आत्मनिर्भर बन जाएगा। जिससे गंभीर मरीजों को तत्काल ही ऑक्सीजन उपलब्ध हो सकेगी और मरीजों को तुरंत ही इसका लाभ मिल सकेगा।
Post a Comment