Nagda(mpnews24)। ठेकेदार श्रमिक संघ द्वारा इंगोरिया रोड स्थित बीमा हास्पीटल को श्रमिको के बेहतर ईलाज हेतु आदर्श बीमा हास्पीटल बनाये जाने के संबंध में कलेक्टर के नाम पर एक ज्ञापन अनुविभागीय अधिकारी को दिया है।
श्रमिकों के उचित उपचार हेतु है बीमा अस्पताल
संघ के महामंत्री राजकुमार सिसौदिया ने बताया कि नागदा नगर एक औद्योगिक नगर है यहां की आबादी लगभग डेढ़ लाख लाख से अधिक है। नगर के लगभग 10 से 15 हजार श्रमिक परिवार नगर के उद्योगों पर निर्भर है जिसमें लगभग 6000 श्रमिक कर्मचारी इलाज हेतु ईएसआई पर निर्भर है। यह योजना कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम 1948 के अंतर्गत श्रमिकों व उसके परिवार के चिकित्सा, सुविधा एवं उनके हित की सुरक्षा करने के उद्देश्य से लागू कि गई है। जिसके लिए कर्मचारी व नियोक्ता दोनों को मिलाकर 6.5 प्रतिशत अंशदान देना होता था जो 1 जुलाई 2019 से अब 4 प्रतिशत देय होता है। बीमा अस्पताल में इलाज की पर्याप्त सुविधा नहीं होने के कारण श्रमिक व उनके परिवार के सदस्यों को इलाज हेतु नगर के बाहर उज्जैन, देवास व इंदौर रेफर किया जाता है जिस कारण श्रमिकों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
सिसोदिया बताया कि संघ ज्ञापन के माध्यम से पुनः मांग करता है कि पंचदीप भवन नंदा नगर इंदौर की तर्ज पर इंगोरिया रोड स्थित कर्मचारी राज्य बीमा अस्पताल को भी आदर्श बीमा अस्पताल बनाया जाए क्योंकि बीमा की बिल्डिंग में पर्याप्त हॉल रूम एवं पर्यावरण अनुरूप बेहतर व्यवस्था है। कोविड-19 की दूसरी लहर में राज्य शासन के आदेश पर कोविड-सेंटर बनाया गया था जिसमें जनप्रतिनिधियों व शासन के सहयोग से ऑक्सीजन प्लांट इलाज की अन्य सुविधाएं भी बीमा अस्पताल में उपलब्ध हुई है एवं कोविड-19 की तीसरी लहर को देखते हुए इलाज के अन्य महत्वपूर्ण भौतिक संसाधन भी बीमा में उपलब्ध हो रहे हैं।
रिक्त भूमि पर बने शासकीय अस्तपाल, वर्तमान बिल्डिंग बीमा की ही रहे
सिसोदिया ने कहा कि कर्मचारी राज्य बीमा निगम (कारपोरेशन) द्वारा संचालित अस्पताल को शासकीय अस्पताल बनाया जा रहा है। जबकि इसे शासकीय अस्पताल की जगह आदर्श कर्मचारी राज्य बीमा अस्पताल बनाना चाहिए अन्यथा नगर के 6000 श्रमिक व उनके परिवार के सदस्यों को अंशदान देने के बाद भी पर्याप्त चिकित्सा सुविधा का लाभ नहीं मिल पाएगी। आपात स्थिति में बीमा में श्रमिकों को प्राथमिकता देकर सार्वजनिक किया जा सकता है जिससे श्रमिकों के अलावा नगर की अन्य जनता को भी इलाज का लाभ मिल सकेगा इसमें श्रमिकों को कोई आपत्ति भी नहीं होगी परंतु हमेशा के लिए शासकीय अस्पताल बनाना उचित फैसला नहीं होगा। बीमा क्षेत्र के आसपास कई शासकीय भूमि रिक्त पड़ी है शासन चाहे तो उक्त भूमि शासकीय अस्पताल हेतु उपयोग कर सकता है। ज्ञापन की प्रतिलिपि केंद्र एवं प्रदेश के श्रम मंत्री, कमिश्नर कर्मचारी राज्य बीमा निगम इन्दौर तथा संचालक कर्मचारी राज्य बीमा सेवाए इंदौर को प्रेषित की है। इस अवसर पर ठेकेदार श्रमिक संघ के सदस्य महेश नायर, विरेन्द्रसिंह चौहान, सुरेन्द्रसिंह तंवर, संजयसिंह चौहान उपस्थित थे।
संघ के महामंत्री राजकुमार सिसौदिया ने बताया कि नागदा नगर एक औद्योगिक नगर है यहां की आबादी लगभग डेढ़ लाख लाख से अधिक है। नगर के लगभग 10 से 15 हजार श्रमिक परिवार नगर के उद्योगों पर निर्भर है जिसमें लगभग 6000 श्रमिक कर्मचारी इलाज हेतु ईएसआई पर निर्भर है। यह योजना कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम 1948 के अंतर्गत श्रमिकों व उसके परिवार के चिकित्सा, सुविधा एवं उनके हित की सुरक्षा करने के उद्देश्य से लागू कि गई है। जिसके लिए कर्मचारी व नियोक्ता दोनों को मिलाकर 6.5 प्रतिशत अंशदान देना होता था जो 1 जुलाई 2019 से अब 4 प्रतिशत देय होता है। बीमा अस्पताल में इलाज की पर्याप्त सुविधा नहीं होने के कारण श्रमिक व उनके परिवार के सदस्यों को इलाज हेतु नगर के बाहर उज्जैन, देवास व इंदौर रेफर किया जाता है जिस कारण श्रमिकों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
सिसोदिया बताया कि संघ ज्ञापन के माध्यम से पुनः मांग करता है कि पंचदीप भवन नंदा नगर इंदौर की तर्ज पर इंगोरिया रोड स्थित कर्मचारी राज्य बीमा अस्पताल को भी आदर्श बीमा अस्पताल बनाया जाए क्योंकि बीमा की बिल्डिंग में पर्याप्त हॉल रूम एवं पर्यावरण अनुरूप बेहतर व्यवस्था है। कोविड-19 की दूसरी लहर में राज्य शासन के आदेश पर कोविड-सेंटर बनाया गया था जिसमें जनप्रतिनिधियों व शासन के सहयोग से ऑक्सीजन प्लांट इलाज की अन्य सुविधाएं भी बीमा अस्पताल में उपलब्ध हुई है एवं कोविड-19 की तीसरी लहर को देखते हुए इलाज के अन्य महत्वपूर्ण भौतिक संसाधन भी बीमा में उपलब्ध हो रहे हैं।
रिक्त भूमि पर बने शासकीय अस्तपाल, वर्तमान बिल्डिंग बीमा की ही रहे
सिसोदिया ने कहा कि कर्मचारी राज्य बीमा निगम (कारपोरेशन) द्वारा संचालित अस्पताल को शासकीय अस्पताल बनाया जा रहा है। जबकि इसे शासकीय अस्पताल की जगह आदर्श कर्मचारी राज्य बीमा अस्पताल बनाना चाहिए अन्यथा नगर के 6000 श्रमिक व उनके परिवार के सदस्यों को अंशदान देने के बाद भी पर्याप्त चिकित्सा सुविधा का लाभ नहीं मिल पाएगी। आपात स्थिति में बीमा में श्रमिकों को प्राथमिकता देकर सार्वजनिक किया जा सकता है जिससे श्रमिकों के अलावा नगर की अन्य जनता को भी इलाज का लाभ मिल सकेगा इसमें श्रमिकों को कोई आपत्ति भी नहीं होगी परंतु हमेशा के लिए शासकीय अस्पताल बनाना उचित फैसला नहीं होगा। बीमा क्षेत्र के आसपास कई शासकीय भूमि रिक्त पड़ी है शासन चाहे तो उक्त भूमि शासकीय अस्पताल हेतु उपयोग कर सकता है। ज्ञापन की प्रतिलिपि केंद्र एवं प्रदेश के श्रम मंत्री, कमिश्नर कर्मचारी राज्य बीमा निगम इन्दौर तथा संचालक कर्मचारी राज्य बीमा सेवाए इंदौर को प्रेषित की है। इस अवसर पर ठेकेदार श्रमिक संघ के सदस्य महेश नायर, विरेन्द्रसिंह चौहान, सुरेन्द्रसिंह तंवर, संजयसिंह चौहान उपस्थित थे।
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