नागदा जं.-आज का मानव दुसरो के प्रति सद्भावना अपनो के प्रति दुर्भावना करता है- महासति पुण्यशिलाजी

MP NEWS24- चातुर्मास में महासति श्री पुण्यशिलाजी ने कहा कि कितना बदल गया इंसान अपने सम्पूर्ण जीवन काल में मानव दुसरों गैरो के प्रति सदभावना प्रेम विश्वास करता है लेकिन वही दुसरी ओर अपनो के प्रति हमेशा दुर्भावना की भावना से ग्रसित होकर नफरत के साथ हमेशा बुराई करता हुआ नीचे गिराने की कोशिश करता रहता है एवं दुशमन की तरह का व्यवहार करता है। साध्वी नेहप्रभाजी ने कहा कि प्रत्येक महत्वपूर्ण कार्य, धार्मिक त्यौहार, पर्व मनाने का समय सीमा निश्चित रहती है एवं उसी समय उसका महत्व रहता है वैसे ही जैन समाज का चातुर्मास वर्षावास भी प्रत्येक वर्ष निश्चित समय पर ही मनाया जाता है। इस समय हमको पूर्णतम लाभ की प्राप्ती होती है।

मीडिया प्रभारी महेन्द्र कांठेड़ एवं नितिन बुडावनवाला ने बताया कि वर्षीतप की कठिन तपस्या एक वर्ष तक एक दिन उपवास एवं एक दिन पारणा की तपस्या श्री चंदनमल संघवी, कमलनयन चपलोत एवं श्रीमती संगीता सुनिल सकलेचा के चल रहे है। तेले की लड़ी मधुलिका नाहर, 22 उपवास शान्ताबहन सुनील वौरा एवं 28 उपवास की तपस्या निर्मला चण्डालिया के चल रहे है। ध्धार्मिक प्रभावना कमलेशपूरी संजयपूरी रतनीयाखेडी वालो ने वितरीत की। अतिथि सत्कार का लाभ राजेन्द्र मनीष हितेश कांठेड ने लिया। आभार श्रीसंघ अध्यक्ष प्रकाशचन्द्र जैन सांवेरवाला ने माना। सभा में संजय मुराडिया, सन्तोष चपलोत, नवीन तरवेचा, किशोर राठौर, सुरेन्द्र पितलीया, राकेश कोलन, प्रशान्त नाहर, सन्तोष कोलन, रजनेश भटेवरा, वर्धमान धोका, रमेशचन्द्र वौरा, महेन्द्र बाफना एवं सुनिलजी पितलीया आदि उपस्थित थे।

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