MP NEWS24- वर्षावास में महासति पूज्य श्री पुण्यशिलाजी ने कहा कि जैन समाज में प्रतिक्रमण का बहुत बड़ा महत्व एवं स्थान है जिसमें 32 आगम इसका अमृत रसायन पाने के बाद ही साधु साध्वीयों को दीक्षा दिला सकता है एवं न ही ले सकता है एवं इसके बाद ही मोक्ष के अधिकारी एवं तिर्थंकर पद को प्राप्त कर सकते है। यह सबसे बड़ा कर्म है। साध्वी नेहप्रभाजी ने कहा कि संकट काल में दो मुही बाते होती है जिसमें गलत को सही एवं सही को गलत बता दिया जाता है।मीडिया प्रभारी महेन्द्र कांठेड़ एवं नितिन बुडावनवाला ने बताया कि आज सिद्धीतप के तपस्वियों के आराधको श्रीमती सुनीता कांकरीया, कुमारी शिवानी धोका, कुमारी चांदनी कांकरिया, मास्टर विरल चौधरी की तपस्या के उपलक्ष में महावीर भवन में श्रीमती अनिता चोरडिया थांदला एवं संगीता कांठेड जावरा वालो की ओर से चौबीसी का आयोजन किया गया। धार्मिक सभा में प्रभावना का लाभ श्रीमान् चन्द्रकांताजी धोडावत थांदला वाले एवं ईश्वरसिंहजी तोलारामजी आंजना रोलकला वाला ने वितरीत की। अतिथि सत्कार का लाभ राजेन्द्रजी मनीषजी हितेशजी कांठेड ने लिया।
आभार श्रीसंघ अध्यक्ष प्रकाशचन्द्र जैन सांवेरवाला ने माना। धर्मसभा में संतोष चपलोत, अमरचंद जैन, राजेन्द्र सांवेरवाला, जवाहर ओरा, धर्मेन्द्र बम, राजेन्द्र गौखरू, विलास पावेचा, विनोद राठौड, विजय पितलीया, अर्जुनसिंह रत्नीयाखेडी आदि उपस्थित थे।
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