नागदा जं.-राष्ट्रपिता महात्मागांधी की तस्वीर को 10 रूपए की आरटीआई से मिला सम्मान

MP NEWS24-राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर शासकीय कार्यालयों में अनिवार्य रूप से लगाने के मप्र शासन के एक आदेश की अनदेखी का परिपालन 10 रूपए के सूचना अधिकार आवेदन से अमल में लाने का मामला सामने आया है। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय नागदा में आरटीआई का इतना असर हुआ कि राष्ट्रपिता की तस्वीर लगाने का बरसों से उपेक्षित आदेश लागू हो गया। यह कार्यवाही आरटीआई एक्टीविट्स कैलाश सनोलिया की आरटीआई पर हुई। सूचना अधिकार में यह भी खुलासा हुआ कि इस कार्यालय में बापू की तस्वीर लगाने के लिए मप्र शासन के आदेश की अनदेखी बरसों से जा रही थी। कार्यालय में मात्र एक भीमराव अंबेडकर की तस्वीर लगी थी, जबकि आदेश में दो महापुरूषों के चित्र लगाने का उल्लेख तथा  राष्ट्रपिता की तस्वीर लगाने की अनिवार्यता है।

क्या है मामला
राष्ट्रपिता की तस्वीर शासकीय कार्यालयों में लगाने का आदेश 23 सितंबर 1995 को सामान्य प्रशासन ने जारी किया था। यह आदेश विभाग की तत्कालीन सचिव सीमा शर्मा के हस्ताक्षर से प्रदेश के समस्त कलेक्टरों एवं संभागायुक्तों आदि के नाम प्रेषित किया गया। इस आदेश की प्रति को संलग्र कर आरटीआई कार्यकर्ता सनोलिया ने सूचना अधिकार में आदेश के परिपालन में कार्यालय में लगी बापू की तस्वीर के निरीक्षण की मांग की थी। निरीक्षण उपरांत चित्र की प्रमाणित प्रतिकृति भी मांगी गई। मजेदार बात यह है कि इस सूचना अधिकार के तुरंत बाद ताबड़तोब में बापू की तस्वीर लगाई गई ओर सनोलिया को बापू की तस्वीर का निरीक्षण करने के लिए लोकसूचना अधिकारी एसडीएम कार्यालय ने 8 सितंबर 2021 को लिखित सूचना जारी की। इस सूचना के साथ में राष्ट्रपिता के चित्र की प्रमाणित प्रतिलिपि भी प्रदान की गई। सूचना में गांधीजी की तस्वीर को कार्यालय में लगाने की तिथि 3 सितंबर 2021 बताई गई। सूचना अधिकार में यह भी विवरण मांगा गया कि  कार्यालय में जिस तिथि को राष्ट्रपिता की तस्वीर लगाई उस तिथि का विवरण तथा चित्र लगाने पर जो व्यय हुआ उस बिल की प्रमाणित प्रति उपलब्ध कराई जाए। इस बिंदु के जवाब में  कार्यालय में उक्त तिथि अर्थात 3 सितंबर को राष्ट्रपिता की तस्वीर लगाने की लिखित में सूचना दी गई। जबकि चित्र पर हुए खर्च के बिल की प्रति के बिंदु में यह जानकारी कार्यालय में संधारित नहीं होने की जानकारी मिली।
राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री की तस्वीरों का आदेश
शासकीय  कार्यालय में  मप्र शासन के वर्ष 1995 के इस आदेश के बाद एक और आदेश 20 जनवरी 2004 को मप्र शासन के तत्कालीन सचिव एस.एस. वानखेड़े के हस्ताक्षर से जारी हुआ। यह आदेश भी प्रदेश के सभी संभागायुक्त एवं कलेक्टरों के नाम प्रेषित है। इस आदेश में यह चिंता जताई गई कि यह देखने में आया कि कार्यालयों में महापुरूषों के चित्र लगाने के लिए पूर्व में दिए गए निर्देश के तहत वर्तमान राष्ट्रपति एवं वर्तमान प्रधानमंत्री की तस्वीरें नहीं लगाई गई है। इस आदेश में इन दोनों की तस्वीरें अनिवार्यत लगाने के निर्देश हैं।

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