MP NEWS24- पूज्य महासति श्री पुण्यशिलाजी ने कहा कि आज पर्युषण पर्व का अंतिम दिन को संवत्सरी क्षमापना पर्व के रूप में मनाया जाता है। भगवान की आराधना प्रतिदिन होना चाहिये ये ही हमारी पूंजी है। सभी रोगो की जांच की मशीने होती है पर आत्मा के रोग क्षमा से ही दूर होते है। हर व्यक्ति में क्षमा का गुण होना चाहिये। मन में यदि किसी के प्रति बैर की चिंगारी आ जाये तो वे विकराल रूप ले लेती है। अपनी भूल को बडा और सामने वाले की भूल को छोटा समझे वो ही क्षमाप्रार्थी है। यदि सहना सीख लिया तो कहना ही क्या।मीडिया प्रभारी महेन्द्र कांठेड एवं नितिन बुडावनवाला ने बताया कि आज महावीर भवन में सभी तपस्वियों का बहुमान श्रीसंघ एवं चातुर्मास समिति द्वारा किया गया। आज के नवकार मंत्र के जाप की प्रभावना अनिल सौरभ पावेचा द्वारा रखी गई एवं प्रवचन की प्रभावना मनोहरलाल रविकुमार कांठेड एवं शांतिलाल आशीषकुमार सिसोदिया द्वारा वितरीत की गई। तेला तप विरेन्द्र बैरागी ने किया। शांता वोरा के आज 36 उपवास की तपस्या के पचरवान लिये। आभार चातुर्मास अध्यक्ष सुनिल वोरा ने माना।
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