MP NEWS24- पूज्य महासति पुण्यशिलाजी ने कहा कि आज का मानव इतना ज्यादा स्वार्थी हो गया है कि वह न जाने कितने जीवों की हिंसा कर रहा है अपनी बातों में, व्यवहार एवं दिखावे में बहुत ज्यादा धार्मिक दिखाने का प्रयास करता है, लेकिन व्यवहारिक जीवन मेमं अधार्मिक गतिविधियों में संलग्न रहता है। अपने कर्माे के फल से भी नहीं डरता है। लेकिन जब कर्माे के फल की मार पड़ती है तब वह भगवान से कहता है मैंने ऐसा कौन सा गुनाह किया है जो भगवान मुझे सजा दे रहा है। कर्माे का फल ही दुःख का सबसे बड़ा कारण है। महासती नेहप्रभाजी ने कहा कि जानकारी अपनाने के पूर्व उसका मनन, विश्लेषण एवं सत्यता की कसौटी के बाद ही अपनाना चाहिये।मीडिया प्रभारी महेन्द्र कांठेड़ एवं नितिन बुडावनवाला ने बताया कि 24 उपवास की तपस्या निलेश भटेवरा, 22 उपवास की तपस्या श्रीमती पुष्पाबहन नवीन तरवेचा, तेले की लड़ी रमेश तांतेड़ की चल रही है। अतिथि सत्कार का लाभ वौरा परिवार मुलथानवाले ने लिया। संचालन सुरेन्द्र पितलीया ने किया एवं आभार सुनील वौरा ने माना।
श्रीसंघ अध्यक्ष प्रकाशचन्द्र जैन सांवेरवाला, पूर्व अध्यक्ष हुकुमचन्द चपलोत, मनोहरलाल कांठेड, प्रकाशचन्द्र बुड़ावनवाला, राजेन्द्र कांठेड़, गंभीरमल पावेचा, विलास पावेचा एवं श्रीसंघ उपाध्यक्ष चन्द्रशेखर जैन, चंदनमलजी संघवी, सचिव अरविन्द नाहर ने अधिकतम धर्मलाभ की अपील की।
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