MP NEWS24- तहसील मुख्यालय सहित इससे जुडे 100 से ज्यादा गांवों वाले नागदा अनुभाग पटवारियों की कमी के चलते कार्य प्रभावित हो सकते हैं। नागदा से पांच पटवारियों के तबादले विगत दिनों हुए हैं जिनमें से चार को रिलीव भी कर दिया गया है, सिर्फ एक पटवारी को अभी रिलीव नहीं किया है तथा एक का स्थानांतरण निरस्त हो गया है। वहीं विभागीय फेरबदल में क्षेत्र को मात्र 2 पटवारी ही मिले हैं, लकिन इन्होंने ने भी अभी तक आमद नहीं दी है। ऐसी स्थिति में अब रिलीव हुए पटवारियों के हल्के दुसरे पटवारियों को देने की तैयारी की जा रही है। इससे हल्का पटवारियों पर दोहरी मार पडेगी तथा क्षेत्र के नागरिकों के कार्य भी प्रभावित होंगे।गौरतलब है कि जिला प्रशासन ने इस माह के पहले सप्ताह में पटवारियों की तबादला सूची जारी की थी। जारी सूची में दीपेन्द्र शर्मा एवं रजनी सिसौदिया को उज्जैन, किशनलाल परमार को तराना, मनीष परमार को महिदपुर स्थानांतरित कर दिया गया था। वहीं मनोेहर पाटीदार व विश्वेश्वर शर्मा का तबादला भी किया गया था। इनमें से विश्वेश्वर शर्मा का तबादला निरस्त हो गया है, जबकि दीपेंद्र शर्मा, रजनी सिसौदिया, किशनलाल परमार को कार्यभार से मुक्त कर दिया गया है, वहीं मनोहरलाल पाटीदार अभी रिलीव नहीं हुए हैं। जिला प्रशासन द्वारा 4 नागदा से हटाऐ एवं मात्र 2 भेजे जिसमें उज्जैन से राजेन्द्र सोलंकी एवं माकडौन से सनील चौहान को नागदा स्थानांतरित किया गया है। मगर विभागीय उलझनों के चलते इन दोनों पटवारियों ने अभी तक ज्वाईनिंग नहीं दी है। जिसके चलते क्षेत्र में पटवारियों की काफी कमी महसुस की जा रही है।
तहसील कार्यालय के बाबु का भी तबादला
यहॉं यह भी उल्लेखनिय है कि तहसील कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड-3 कर्मचारी पाठक बाबु का भी स्थानांतरण बडनगर कर दिया गया है। जबकि जिले में उज्जैन के बाद नागदा दुसरा सबसे बडा शहर है। लेकिन यहॉं लगातार प्रशासनिक अधिकारियों की कमी बनी हुई है। तहसील कार्यालय में पदस्थ अधिकारियों, कर्मचारियों की कमी तो पहले से ही है। साथ ही एसडीएम कार्यालय पर भी राजस्व विभाग के कर्मचारियों की भारी कमी है। ऐसे में जनता से जुडे कार्यो में काफी देरी हो रही है।
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