MP NEWS24-भाद्रपद शुक्ल दशमी को मनाया जाने वाला तेजादशमी पर्व गुरूवार को श्रद्धा, आस्था एवं विश्वास के प्रतीकस्वरूप मनाया गया। नवमी की पूरी रात रातीजगा करने के बाद दूसरे दिन दशमी को जिन-जिन स्थानों पर वीर तेजाजी के मंदिर हैं, मेला लगता है। हजारों की संख्या में श्रद्धालु नारियल चढ़ाने एवं बाबा की प्रसादी ग्रहण करने तेजाजी मंदिर में जाते हैं। इन मंदिरों में वर्षभर से पीड़ित, सर्पदंश सहित अन्य जहरीले कीड़ों की तांती (धागा) छोड़ा जाता है। माना जाता है कि सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति, पशु यह धागा सांप के काटने पर बाबा के नाम से पीड़ित स्थान पर बांध लेते हैं। इससे पीड़ित पर सांप के जहर का असर नहीं होता है और वह पूर्ण रूप से स्वस्थ हो जाता है।तेजादशमी के अवसर पर रामसहाय मार्ग स्थित तेजाजी महाराज के मंदिर को आकर्षक रूप से सजाया गया था। यहॉं बुधवार की रात्रि से ही भजन आदि के कार्यक्रम प्रारंभ हो गए थे। गुरूवार को मन्नती निशान चढाने का क्रम दिन भर चला। यहॉं पर सैकडों की संख्या में श्रृद्धालुओं ने भगवान की पूजा की तथा प्रसाद ग्रहण किया। मंदिर पर सेवा कार्य में क्षेत्र के सभी रहवासियों का भरपुर सहयोग प्राप्त हुआ।
इसी प्रकार ग्राम पाडल्या स्थित नवकली नाग मंदिर पर भी भगवान की पुजा अर्चना की गई तथा यहॉ पर दिनभर मन्नती निशान चढाऐ जाने का क्रम चलता रहा। बडी संख्या में श्रृद्धालुओं ने मंदिर पहुॅंच कर दर्शन लाभ लिया तथा प्रसादी ग्रहण की। इसी प्रकार 56-ब्लॉक स्थित वीर तेजाजी महाराज एवं नाग देवता के मंदिर, जुना नागदा स्थित तेजाजी महाराज के मंदिर के अलावा ग्राम बैरछा में भी नाग मंदिर पर भक्तों का तांता लगा रहा। यहॉं पण्डाजी मांगीलालजी शर्मा ने भविष्यावाणी भी की जिसमें उन्होंने बताया कि बाहरी देशों द्वारा देश पर हमला होने की बात कही, साथ ही बारिश के संबंध में कहा कि दिसम्बर शुक्ल पक्ष में ठंड गिरेगी तथा श्रृाद्ध के दौरान भी बारिश होगी। पण्डाजी ने फरवरी माह में मावठे एवं ओलावृष्टि होने की भी भविष्यवाणी की है। उन्होंने नवरात्रि एवं आने वाले महिनों में भी वर्षा होने पर फसलों को नुकसान होने की बात कही है। पण्डाजी ने भविष्यवाणी की कि नवम्बर से फरवरी के मध्य कोरोना की लहर आऐगी लेकिन इसका ज्यादा प्रभाव इस बार नहीं होगा।
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