MP NEWS24- मूर्तिपूजक जैन श्रीसंघ के पर्यूषण के छठे दिन बुधवार को चातुर्मास हेतु विराजित मुनिश्री चन्द्रयशविजयजी एवं मुनिश्री जिनभद्रविजयजी की निश्रा में सुबह 10 बजे जवाहर मार्ग स्थित शांतिनाथ राजेन्द्रसूरी जैन ज्ञान मंदिर में आयोजित महावीर जन्म वांचन महोत्सव में श्रद्धालूओं ने चांदी के पालनाजी में विराजित भगवान महावीर की प्रतिमा के समक्ष केसरिया चावल अर्पित कर जन्म महोत्सव की खुशिया मनाई। जन्म वाचन महोत्सव की शुरूआत सुबह 9 बजे मुनिश्री के मंगलाचरण से हुई। कल्पसूत्र का वाचन कर मुनिश्री ने भगवान महावीर स्वामी की बाल अवस्था का वर्णन करते हुए पाठशाला गमण की महिमा का गुणगान किया। चढ़ावे की शुरूआत मुनिम जी के चढ़ावे से हुई जिसका लाभ कांतिलाल सोभाग्यमल गेलड़ा परिवार ने लिया। इसके पश्चात अष्ठप्रकारी पूजन के चढ़ावे का आयोजन किया गया। जिसमें सर्वाधिक चढ़ावा केसर पूजन का गया जिसका लाभ दाखाबाई सोभाग्यमल नांदेचा औरा परिवार ने लिया। इस दौरान माता त्रिशाला रानी ने गर्भावस्था में जो 14 स्वपन देखे थे उनके चढ़ावे का आयोजन किया गया। सर्वाधिक चढ़ावा चौथे स्वपन लक्ष्मीजी का गया जिसका लाभ हस्तीमल प्रकाशचन्द्र कोठारी परिवार ने लिया। चांदी के पलाना जी का लाभ गगनकुमार अशोककुमार धूपिया परिवार ने लिया। 4 घंटे तक चले महोत्सव को स्थानीय महावीर संगीत मंडल ने संगीतमय कर दिया। प्रथम आरती का लाभ प्र्रेमलताबाई विमलकुमार जैन परिवार ने मंगल दिपक का लाभ प्रकाशचन्द्र हस्तीमल कोठारी परिवार ने गोतम स्वामीजी की आरती का लाभ दाखाबाई शांतिलाल सकलेचा परिवार ने राजेन्द्रसूरी गुरूदेव की आरती का लाभ राजेन्द्रकुमार बाबूलाल गेलड़ा परिवार ने जयंतसेन सूरीश्वरजी की आरती का लाभ दाखाबाई सोभाग्यमल नांदेचा औरा परिवार ने लिया। इस दौरान मंदिर क सेवक हेमंत दवे एवं हेमंत कांकरिया, मनीष सालेचा व्होरा, रितेश नागदा, राजेश गेलड़ा का मंदिर ट्रस्ट मंडल द्वारा बहुमान किया गया। कार्यक्रम के अंत में मूर्तिपूजक जैन श्रीसंघ के स्वामी वात्सलय का आयोजन किया गया। जिसका लाभ बोहरा एवं भारतीय परिवार ने लिया।देर रात झुमते रहे श्रद्धालू
महवीर जन्म वांचन महोत्सव के मौके पर रात्री 8 बजे जैन कालोनी स्थित शांतीनाथ जैन मंदिर में भव्य अंगरचना के साथ महाआरती एवं भक्ति संध्या का आयोजन किया गया। महावीर संगीत मंडल के आशीष चौधरी, सुरेश नाहटा, चन्द्र प्रकाश नाहटा, अभिषेक कोलन, सोनव वागरेचा आयुष बोहरा आदि के संगीत सूरों पर श्रद्धालू देर रात तक नृत्य कर झुमते नजर आए। वहीं मंदिरजी में 16 घंटे अथक प्रयास के उपरांत भव्य अंगरचना की गई। अंगरचना के कार्य में राजेश गेलड़ा, यश गेलड़ा, विपुल कोठारी, हिमांशु गादिया, आयुष बोहरा, प्रिंस गेलड़ा, विरल बोहरा, हर्ष औरा, आदित्य मेहता, विजय मूणत, गौतम बोहरा, ऋषभ वागरेचा, प्रविश कोठारी, आदिश कोठारी, तनीष कोठारी, तनवी जैन, सिद्धार्थ बोहरा, प्रिंस गेलड़ा, पार्श्व गेलड़ा, कार्तिक वागरेचा आदि का सराहनीय योगदान रहा।
गुरूवार को होगा कल्पसूत्र समापन
पर्यूषण पर्व के सातवे दिन गुरूवार को दोपहर 3 बजे पाठशाला भवन में मुनिद्वय की निश्रा में कल्पसूत्र ग्रंथ के प्रवचन का समापन होगा। मीडिया प्रभारी डॉ. विपिन वागरेचा ने बतााया कि समापन के मौैके पर लाभार्थी परिवार द्वारा सोना चांदी के फूल से कल्पसूत्र को वधाया जाएगा।
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