MP NEWS24- वर्षावास में महासति पूज्य पुण्यशिलाजी म.सा. ने कहा कि वर्तमान समय में मानव की मानसिकता में परिवर्तन हो रहा है। वह जीवनचर्या में पाप से संबंध जोड़ता जा रहा है वहीं पुण्य कर्माे से विरक्त होता जा रहा है। आपने कहा कि भगवान महावीर स्वामी ने अपने कल्याण के लिये कठिनतम तपस्या आत्मसाधना का 12 वर्षाे से भी ज्यादा लगातार साधना की तब जाकर केवल ज्ञान प्राप्त हुआ। पूज्य महासति चर्तुगुणाजी म.सा. ने मधुर गीत के माध्यम से आकर्षक गीत प्रस्तुत किया जिसमें मोक्ष प्राप्ति के लिये जीनवाणी सुनना जरूरी है।मीडिया प्रभारी महेन्द्र कांठेड़ एवं नितिन बुडावनवाला ने बताया कि तेले की लड़ी श्रीमती कमलाबाई प्रकाशचन्द्र जैन सांवेरवाला, 14 उपवास की तपस्या श्री निलेशजी भटेवरा के चल रहे है। अतिथि सत्कार का लाभ श्रीमती चन्दाबाई रमेशचन्द्रजी सुरेशकुमारजी सुनीलजी वौरा मुलथानवालो ने लिया।
प्रवचन में संतोष चपलोत, अमरचन्द जैन, गंभीरमल पावेचा, हुकुमचन्द मनोज चपलोत, सागरमल भण्डारी, अमृत कांठेड़, रजनेश भटेवरा, किशोर राठौड, अर्जुनसिंह पंवार, शांतीलाल भण्डारी, सुनील पितलीया, जवाहर लोढा आदि उपस्थित थे।
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