MP NEWS24- कृषि उपज मण्डी में अपनी उपज को विक्रय करने हेतु कृषकों को प्रोत्साहित करने के लिए वर्ष ततकालीन कृषि मंडी महेन्द्रसिंह कालुखेडा द्वारा वर्ष 2002 में प्रारंभ की गई कृषि विपणन पुरस्कार कृषि उपज मण्डी के माध्यम से ड्रा खोलकर प्रदान किए जाने की योजना प्रारंभ की गई थी। उक्त योजना को पूर्व में राष्ट्रीय त्यौहार 15 अगस्त एवं 26 जनवरी पर विधिवत कृषि उपज मण्डी में ड्रा खोलकर पं्रदान किया जाता था। पुरस्कारों के तहत कृषकों को 1 लाख रूपये से अधिक की राशि नागदा मण्डी में प्रदान की जाति थी। उक्त योजना को बाद में प्रदेश सरकार बदलने के बाद भी जार रखा गया था। लेकिन विगत दो वर्षो से कृषकों को दिए जाने वाले पुरस्कार प्रदान नहीं किए जा रहे हैं। ऐसे में क्षेत्र के कृषकों में मण्डी प्रशासन के प्रति काफी आक्रोश भी दिखाई दे रहा है।क्या है योजना
प्रदेश भर में सिंचाई सुविधाओं का विस्तार होने से पुरे प्रदेश में उपज का रकबा भी काफी बढ चुका है। ऐसे में दलहन, तिलहन, गेंहू तथा धान का उत्पादन तेजी से बढ़ा है। किसान अपनी उपज को कृषि उपज मंडी में ही ले जाकर, इसे प्रोत्साहित किया जाता है। किसानों को मंडी में अनाज बेचने पर कृषि विपणन पुरस्कार योजना चलाई जा रही है। इसे मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा संचालित किया जाता है। योजना के तहत कृषि उपज मंडी समिति में वर्ष में दो बार नर्मदा जयंती तथा बलराम जयंती के अवसरों पर ईनामी ड्रा निकाले जाते हैं। योजना के तहत योजना आरंभ से ही नागदा कृषि उपज मण्डी में वर्ष में दो बार पुरस्कार प्रदान किए जाते थे। परन्तु विगत दो वर्षो से यह पुरस्कार प्रदान नहीं किए गए है।
कैसे मिलता है पुरस्कार
हमारे प्रतिनिधि से चर्चा करते हुए कृषक अर्जुनसिंह पंवार ने बताया कि प्रतिवर्ष कृषक उपनी उपज को कृषि उपज मण्डी में विक्रय करते हैं। उपज को मण्डी में विक्रय करने के उपरांत सभी कृषकों को एक ड्रा का कुपन भी प्रदान किया जाता था। वर्ष में दो बार खरीफ की फसल के विक्रय के बाद एवं रबी की फसल के विक्रय के पश्चात ड्रा का कुपन दिया जाता है। कृषकों के पास एक कुपन होता है तथा मण्डी प्रशासन के पास भी उसी नम्बर का एक कुपन होता है। जिसे ड्रा के दौरान अतिथियों द्वारा खोला जाता है। ड्रा के तहत विगत वर्षो में प्रथम पुरस्कार 10 हजार, दो पुरस्कार 6-6 हजार, तीन पुरस्कार 3-3 हजार के तथा चार पुरस्कार 2-2 हजार रूपये नगद के कृषकों को दिए जाते हैं। जिससे कृषकों में कृषि उपज मण्डी में ही अपनी उपज को विक्रय करने हेतु प्रोत्साहन मिलता है। ऐसे में एक सीजन में मण्डी द्वारा 39 हजार के पुरस्कार प्रदान किए जाते है।
चार बार से नहीं हुआ ड्रा
मामले में प्राप्त जानकारी के अनुसार विगत दो वर्षो से कृषि उपज मण्डी प्रबंधन द्वारा कृषि विपणन पुरस्कारों का ड्रा नहीं खोला है तथा वर्तमान में चार पुरस्कार एक साथ खोले जाने की आवश्यकता है। एक सीजन में 10 कृषकों को पुरस्कार मिलते थे, ऐसे में वर्तमान में 40 कृषक जिन्होंने अपनी उपज कृषि मण्डी में विक्रय की है पुरस्कारों से वंचित है। मामले में हमारे प्रतिनिधि ने मण्डी प्रशासक एसडीएम आशुतोष गोस्वामी से भी ड्रा के संबंध में जानकारी चाही गई थी, परन्तु उन्होंने इस मामले को दिखवाने की बात कह दी।
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