नागदा जं.-केंद्रीय मंत्री के निर्देश से जुड़ी आरटीआई की अनदेख्री पर अफसर से वसूली क्षतिपूर्ति राशि

MP NEWS24-तत्कालीन केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गेहलोत के निर्देश से जुड़ी एक आरटीआई की अनदेखी करना नपा के पूर्व लोकनिर्माण विभाग प्रमुख को महंगा पड़ गया। सूचना अधिकार में समय पर जानकारी उपलब्ध नहीं कराने पर तत्कालीन संभागीय संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन  संभाग उज्जैन राजीव निगम के आदेश पर इंजीनियर सेय्यद आबिद अली से क्षतिपूर्तिै राशि 36 रूपए वसूली गई। यह राशि नपा ने शासकीय कोष में जमा की। क्षतिपूर्ति राशि वसुलने का खुलासा हाल में एक सूचना अधिकार में हुआ। अधिकारी के खिलाफ यह कार्यवाही आरटीआई एक्टिविस्ट कैलाश सनोलिया निवासी नागदा के एक सूचना अधिकार में लापरवाही बरतने पर की गई।

यह था मामला
मामला यह था कि  राष्ट्रकवि स्व. नटवरलाल स्नेही के दामाद कमलेश दवे ने स्वयं से जुड़ी एक समस्या के निराकरण के लिए तत्कालीन मंत्री श्री गेहलोत को संबोधित एक पत्र नईदिल्ली कार्यालय में वर्ष 2018 में प्रेषित किया था। समस्या नगरपालिका से जुड़ी थी। गेहलोत के अतिरिक्त निजी सचिव योगेश कुमार उपाध्याय ने इस समस्या का निराकरण करने का निर्देश एक पत्र के माध्यम से मुनपा अधिकारी नागदा को दिया। इस पत्र में मंत्रीजी के निर्देश पर उचित कार्यवाही का संदर्भ था। पत्र की सूचना श्री दवे को भी दी गई थी। उसके बावजूद समस्या का निराकरण नहीं हुआ। आरटीआई्र एक्टिविस्ट सनोलिया ने मंत्री गेहलोत के निजी सचिव के पत्र की प्रति को आधार बनाकर सूचना अधिकार के तहत मंत्री के पत्र पर की गई कार्रवाई की जानकारी संबंधी आवेदन 29 सितंबर 2020 को प्रस्तुत किया गया था। लेकिन सूचना अधिकार आवेदन को भी अनदेखा कर दिया। समय सीमा में जानकारी नहीं देने पर मामला प्रथम अपील में संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन उज्जैन के समक्ष पहुंचा था।
संयुक्त संचालक ने दिया आदेश
तत्कालीन संयुक्त संचालक निगम ने इस प्रकरण को गंभीरता से लिया तथा निर्णय में नपा नागदा के जिम्मेदार अधिकारी की कार्यप्रणाली पर क्षोभ प्रकट किया। इस प्रकार की लापरवाही की पुनरावृति को रोकने के लिए हिदायत भी दी। नपा नागदा के अधिकारी की इस प्रकार की  लापरवाही के कारण नपा को निःशुल्क दस्तावेज  आवेदक को उपलब्ध कराना पड़े। जिसका वित्तीय भार शासन पर पड़ा। प्रति पेज 2 रूपए के मान से कुल 18 पेज आवेदक को निःशुल्क देना पड़े। निकाय को इस प्रकार की हुई हानि पर यह राशि संबधित दोपी अधिकारी से वसूलने का आदेश दिया गया था जिसे ततकालीन अधिकारी आबिद अली से सेवानिवृत्ति के बाद भी वसुला गया। सूचना अधिकार में मिले दस्तावेज में यह बात भी सामने आई कि पीड़ित पक्ष कमलेश दवे की समस्या का निराकरण करने के लिए नपा ने टेंडर जारी कर दिए हैं।

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