MP NEWS24- कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा बड़े पथ संचलनो के बजाय इस बार बस्ती सह संचलनो की योजना बनाई जिसके अनुसार नगर में 5 बाल संचलन, 1 महाविद्यालयीन विद्यार्थी संचलन और 12 बस्तियों में तरुण स्वयंसेवकों के संचलन निकाले गये। जिसमें प्रांत विभाग व जिले के कार्यकर्ताओं के बौद्धिक रहे।महाविद्यालयीन विद्यार्थी इकाई के बौद्धिक में उज्जैन विभाग के प्रचार प्रमुख सोहन कुमार उदेनिया ने बताया कि किस तरह कोरोना काल में समाज ने स्वयं आगे बढ़कर सेवा कार्य किए। स्वयं भूखे रहकर अपने समाज की तकलीफों की चिंता करना यह स्वयंसेवकों का स्वभाविक गुण है क्योकि संघ में बताया गया है कि भोजन, घर का करना चाहिये और कार्य समाज के लिये करना चाहिए। हिंदू समाज और सनातन धर्म की ‘‘सर्वेभवंतु सुखिनः‘‘ और ‘‘वसुदेव कुटुंबकम‘‘ की भावना को परिलक्षित करता है। समाज को सभी प्रकार के भेदभाव को भूलकर संगठित रहना होगा। जब-जब विश्व पर कोई संकट आता है, तो विश्व भारत की ओर देखता है और हम उनकी मदद भी करते हैं। अभी कुछ ही समय पहले भारत में कोरोना वैक्सीन लगभग विश्व के अनेक देशों को उपलब्ध करवाई गई। हमारी संस्कृति वीरता की पूजक और शौर्य की उपासक हैं। प्रत्येक युग में हमने सुना है, पढ़ा है, जब-जब धर्म की हानि होती है, धर्म खत्म करने का प्रयास किया जाता है तो एक ऐसी शक्ति का प्रकटीकरण होता है, जो अधर्म को समाप्त करती हैं। सतयुग में देवी दुर्गा ने महिषासुर का वध किया, त्रेता युग में श्रीराम ने रावण का वध किया, द्वापर युग मे श्रीकृष्ण ने कंस जैसे अधर्मी का वध किया किंतु कृष्ण भगवान ने यह भी बताया कि ज्यादा सज्जनता भी हमें हमेशा दुखी करती है।
पथ संचलन के आयोजन में अनेक युवा स्वयंसेवक उपस्थित रहे । प्रांत के घोष प्रमुख अजय गाडगे उपस्थित थे। शुक्रवार को विजयदशमी के दिन नागदा नगर की 12 बस्तियों में घोष के साथ पथ संचलन निकाले गए जिसमें बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों ने अनुशासन के साथ कदमताल किया। उक्त जानकारी जिला प्रचार प्रमुख विशाल गुप्ता ने दी।
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