MP NEWS24- दिसम्बर 2018 में प्रारंभ की गई प्राानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ आज भी 25 प्रतिशत से अधिक कृषकों को नहीं मिल पा रहा है। साथ ही विगत दो वर्ष की अवधि में जिन कृषकों की मृत्यु हो गई उनके परिजनों को भी सम्मान निधि का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में किसानों में सरकार के प्रति नाराजगी साफ नजर आ रही है। हाल ही में अगस्त माह में किसान सम्मान निधि प्रदान की गई है तथा आगामी किश्त का वितरण दिसम्बर माह में होना है। ऐसे में राजस्व विभाग के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को पटवारियों को निर्देशित कर त्रुटिया दुरूस्त करने के निर्देश देना चाहिए। आगामी राजस्व में शुद्धकरण अभियान के तहत भी उक्त कार्रवाई को किया जा सकता है। लेकिन इसके लिए प्रशासनिक इच्छाशक्ति की प्रबल आवश्यकता होगी।गौरतलब है कि वर्ष 2019 के आम चुनाव के पहले मोदी सरकार ने इस योजना की शुरूआत की थी। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में प्रत्येक किसान परिवार को प्रतिवर्ष बराबर किश्तों में कुल 6 हजार रूपए की नगद धनराशि देने का प्रावधान किया गया है। जिसके चलते किसानों की जानकारी एकत्रित की जाकर उन्हें सम्मानित निधि प्रदान की जाती है, लेकिन राजस्व विभाग के अमले द्वारा कई कृषकों की त्रुटिपूर्ण जानकारी प्रदान कर दिए जाने से उन्हें आज तक किसान सम्मान निधि की राशि प्राप्त नहंी हो सकी है।
आठ में से एक भी किश्त नहीं मिली
हमारे प्रतिनिधि से चर्चा करते हुए ग्राम रतन्याखेडी के कृषक सुरेशसिंह पिता बापुसिंह ने बताया कि उसके पास 1 बीघा भूमि है तथा उसके परिवार में अन्य किसी के नाम पर भी कोई भूमि नहीं है। वह मेहनत मजदूरी तथा काश्तकारी करके अपना व परिवार का जीवन यापन करता है। सुरेशसिंह ने बताया कि वह प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का पात्र कृषक है, बावजुद इसके उसे आज तक सम्मान निधि का एक रूपया प्राप्त नहीं हो सका है। ऐसे में शासन की इस योजना का लाभ उसे नहंी मिल पा रहा है।
न राजस्व विभाग और ना ही कृषि विभाग के अधिकारी जानते हैं नियमों का
मामले में एक बडी बात यह भी सामने आई है कि राजस्व विभाग एवं कृषि विभाग के अधिकारी सम्मान निधि की राशि प्राप्त नहीं होने का ठीकरा एक दुसरे पर फोडते हैं। जबकि वास्तविकता में राजस्व विभाग के अधिकारियों के पास क्षेत्र के सभी पटवारी हल्के एवं रकबों की जानकारी होती है। ऐसे में राजस्व विभाग ही कृषि विभाग को जानकारी प्रदान करता है जिसका भूगतान सीधे बैंक खातों में सरकार द्वारा किया जाता है। राजस्व विभाग के अधिकारियों की त्रुटि का खामियाजा आज भी कई कृषकों को उठाना पड रहा है।
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