MP NEWS24- त्योहारो के अवसर पर सामाजिक एवं धार्मिक आयोजनो में कोरोना गाईडलाईन में छूट देने, नागदा को जिला बनाये जाने तथा मेडिकल कॉलेज खोले जाने एवं आम नागरिको की समस्याओ को लेकर दिये गये आवेदनो व ज्ञापनो को जनसुनवाई में शामिल करने हेतु सोमवार को नागरिक अधिकार मंच एवं मौलिक अधिकार प्रकोष्ठ के पदाधिकारियो द्वारा मुख्यमंत्री, जिलाधीश एवं अनुविभागीय अधिकारी के नाम एक ज्ञापन आशीष खरे तहसीलदार को सौपा। ज्ञापन का वाचन हीरालाल गेहलोत (अध्यक्ष मौलिक अधिकार प्रकोष्ठ) ने किया एवं परामर्शदाता विनोद रघुवंशी ने सारी मांगो की वैधानिकता पर प्रकाश डाला।राजनीतिक आयोजनों की तरह धार्मिक एवं सामाजिक आयोजनों में भी दी जाऐ छूट
ज्ञापन मे उल्लेख किया गया कि नवरात्रि पर्व एवं दीपावली-दशहरा जैसे कई त्यौहार आने वाले है। वर्तमान में शासन द्वारा कोरोना गाइडलाईन के चलते त्यौहारो को मनाना आम जनता के लिये संभव नहीं है। जबकि कोरोना की तीसरी लहर का किसी तरह का प्रकोप हमारे यहां प्रारंभ नहीं हुआ है एवं शासन द्वारा शासकीय कार्यक्रमो में हजारो लोगो की उपस्थिति करके कार्यक्रम किये जा रहे है। जिस तरह शासकीय कार्यक्रम आयोजित हो रहे है उसी तरह सामाजिक व धार्मिक आयोजनो को भी शासन द्वारा निर्धारित गाईडलाइन में संशोधन करके जनहित में निर्णय लेकर सामाजिक व धार्मिक आयोजनो को करवाने के निर्देश जारी किया जावे।
जिला बनाकर दें मेडिकल कॉलेज की सौगात
ज्ञापन में कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रत्येक जिले में मेडिकल कॉलेज खोले जाने के निर्देश दिये है। नागदा वर्ष 2008 से पर्याप्त सक्षमता से जिला बनने की दावेदारी में लगा हुआ है। जिसका कि प्रस्ताव राज्य शासन द्वारा स्वयं मंगवाया गया, जिसको केबिनेट मीटिंग में स्वीकृत कर लिया गया लेकिन आज तक गजट अधिसूचना जारी नहीं होने से नागदा जिला नहीं बन पाया है जिसके कारण शहर से मेडिकल कॉलेज की सौगात भी छिन जाऐगी। ज्ञापन में मांग की है कि नागदा को जिला बनाने की अधिसूचना शीघ्रताशीघ्र जारी करे जिससे कि मेडिकल कॉॅलेज आ सके जिससे स्वास्थ्य सुविधाए एवं प्रशासकीय सुविधाओं से नागदा का चौमुखी विकास हो।
नागरिकों द्वारा दिए गए पत्र एवं ज्ञापन अधिकारी फेंक रहे रद्दी की टोकरी में
आम जनता द्वारा क्षेत्र की महत्वपूर्ण समस्याओं के लिये स्थानीय प्रशासन को ज्ञापन दिये जाते है लेकिन प्रशासन संवेदनहीनता बताते हुए ज्ञापन पर किसी तरह की कार्यवाही नहीं करते हुए जिलाधीश को भेज देते है। जबकि जनता के आवेदनो एवं ज्ञापन पर शासन को तुरंत गंभीरता से कार्य करने की मांग की है जो कार्यवाही नही की जाती है तो ज्ञापन के माध्यम से मांग की है कि आम जनता के आवेदनो एवं ज्ञापनो को शासन की जनसुनवाई में सम्मिलित करके निराकरण किया जाए एवं आम जनता की महत्वपूर्ण समस्या के लिये आये ज्ञापनो को जनसमस्या मानकर उसे जनसुनवाई में सम्मिलित करने की कार्यवाही की जावे।
ज्ञापन देते समय अभय चोपडा, शेलेन्द्रसिंह चौहान एडवोकेट, हिरालाल लोदवाल, विनोद रघुवंशी एडवोकेट, नाहरू खान एडवोकेट हर्ष तिरवार, श्रीमती सुशीला पाल एडवोकेट, फिरोज खान पठान एडवोकेट, भावेशसिंह चौहान, राजेन्द्र कोठारी, प्रितेश गुर्जर, जगतसिंह तिरवार एडवोकेट अजय प्रजापत, हेमलता जैन एडवोकेट राजेन्द्र कोठारी आदि उपस्थित थे।
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