MP NEWS24- शहर के तबला वादक एवं केंद्रीय विद्यालय संगठन के संगत शिक्षक सतीश गोथरवाल को विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन द्वारा पीएचडी की उपाधि प्राप्त हुई। शोध निदेशक डॉ. इब्राहिम अली के मार्गदर्शन में आपने शास्त्रीय गायन के लिए आदर्श तबला संगत की अवधारणा-कलाकारों के मतों पर आधारित एक विश्लेष्णात्मक विवेचन विषय में शोध कार्य किया। पिछले 7 वर्षो में सतीश गोथरवाल ने तबला संगत पर अध्ययन कर, ख्याति प्राप्त गायक कलाकारों तथा तबला कलाकारों का साक्षात्कार लेकर उनसे प्राप्त ज्ञान को सहज शब्दों में शास्त्रीय नियमों के अंतर्गत संयोया। सतीश गोथरवाल ने शैक्षणिक योग्यता में संगीत विषय गायन में विक्रय विश्वविद्यालय, उज्जैन से स्नातकोत्तर तथा यूजीसी नेट परीक्षा उत्तीर्ण की है साथ ही इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ से तबला विषय में भी प्रावीण्य सूची में स्नातकोत्तर परीक्षा के साथ यूजीसी नेट परीक्षा उत्तीर्ण की है।आपने प्रयाग संगीत समिति, इलाहाबाद से गायन में संगीत प्रभाकर तथा राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय, ग्वालियर से सुगम संगीत में सीनियर डिप्लोमा भी किया है। आपने हाल ही में एनसीईआरटी दिल्ली द्वारा बनाई जा रही कक्षा 12वीं की संगीत विषय की पुस्तक हिन्दुस्तानी संगीत-तबला एवं पखावज के निर्माण में 18 से 21 अक्टूबर तक डीईएए, एनसीईआरटी दिल्ली में देश के ख्याति प्राप्त कलाकारों और विद्वानों के साथ कार्य किया है। श्री गोथरवाल वर्तमान में संगीत गुरू के रूप में सुप्रतिष्ठित होने के साथ-साथ कंपोजर, लेखक और आयोजन भी हैं।
आपने तबला वादन और गायन के मंचीय कार्यक्रमों की शुरूआत अखिल विश्व गायत्री परिवार के आयोजनों से की। इनकी प्रतिभा निखरती गई और परम पूज्य गुरूदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्यजी के आशीर्वाद से आपने यह उपलब्धि प्राप्त की। देशभर में बडे-बडे यज्ञीय आयोजन में आप संगीत टोली के सदस्य रहे हैं। संगीत का प्रचार-प्रसार करने वाले श्री गोथरवाल वर्तमान में केन्द्रीय विद्यालय, बडवानी में संगीत शिक्षक के पद पर कार्यरत है तथा बडवानी क्षेत्र की प्रथम महिला सुंदरकाण्ड की टोली का संचालन करते हुए संगीत की सेवा में संलग्न रहते हुए विद्यार्थीयों की प्रतिभा को निखार रहे हैं।
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