नागदा जं.-खाने-पीने की वस्तुओं का विक्रय करने वालों को कराना होगा एफएसएसएआई का पंजीयन, एक अक्टूबर से लागू नियमों के तहत बिना लायसेंस के नहीं कर सकेंगे बीलींग

MP NEWS24- शासन द्वारा 1 अक्टूबर से लागू किए गए खान-पान की वस्तुओं को लेकर नवीन प्रावधानों के तहत खाने-पीने की कोई भी वस्तु का विक्रय करने वाले दुकानदारों को अपने उत्पादकों, इनवाईस, रसीद, डेबिट नोट, क्रेडिट नोट पर भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) का लाईसेंस नंबर प्रिंट करना अनिवार्य होगा, तथा अब वह बिना पंजीयन नम्बर प्रिंट कए अपना माल नहीं बेच सकेंगे। होटल, रेस्टोरेंट, दुकानों के बाहर भी लाईसेंस नम्बर लिखना होगा। इसको लेकर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने भी तैयारी प्रारंभ कर दी है। विभाग ने सभी कारोबोरियों को इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।

उपभोक्ताओं को दिए जा रहे अधिकार
सामान्य तौर पर रेस्टोरेंट, दुकान से जो खाद्य पदार्थ बिकते है, उसमें से बहुत से सामान पर ग्राहक यह नहीं समझ पाते हैं कि अगर माल खराब निकला तो शिकायत कहॉं करें। ग्राहकों के अधिकार और मजबूत करने के लिए ही यह अनिवार्यता की जा रही है। इसके बाद भी अगर कोई दुकानदार ऐसी खाने-पीने की वस्तु बेचेगा जिस पर उसकी निर्माता कंपनी का एफएसएसएआई का पंजीयन नंबर नहीं है तो उस पर भी कार्रवाई हो जाऐगी।
ग्राहक वस्तु खराब निकलते ही एफएसएसएआई की वेबसाईट पर जाकर उस पंजीयन नम्बर को डालकर उसकी शिकायत कर सकेगा। जिन कारोबारियों की इनवाईस या अन्य कागजात कंप्यूटर सिस्टम से निकलते हैं तो उन्हें अपने साफ्टवेयर में संशोधन करना होगा। सरकारी पोर्टल पर यह अनिवार्यता नहीं रहेगी। यह व्यवस्था शुरू हो चुकी है, लेकिन अभी तक नाम मात्र के रेस्टोरेंट, होटल एवं अन्य खान-पान की वस्तुओं के विक्रेताओं द्वारा भी अपना पंजीयन एफएसएसएआई में नहीं करवाया है। ऐसे में उपभोक्ताओं को वस्तुओं के दुषित होनें तथा खराब निकलने पर शिकायत का विकल्प नहीं मिल पा रहा है।
ऐसे ले सकते हैं लाईसेंस
वैसे तो खाने-पीने की कोई भी वस्तु बनाने से पहले एफएसएसएआई का लाईसेंस लेना होता है। अगर इसके ाबद भी किसी के पास लाईसेंस नहीं है तो वह इसके लिए एफएसएसएआई की वेबसाईट पर ऑनलाईन आवेदन कर सकते हैं।
यह होंगे फायदे
बताया जाता है कि इस नियम के लागू होने से खाद्य पदार्थो की बिक्री में मानकों को लागू करने में मदद मिलेगी तथा किसी भी दुषित सामग्री एवं गुणवत्ताविहिन खाद्य समग्री की आसानी से शिकायत की जा सकेगी। दुकानदारों को उत्पाद, रसीद, बिल, डेबिट, क्रेडिट नोट पर लाईसेंस नम्बर प्रिंट करना होगा साथ ही होटल, रेस्टोरेंट, दुकानों के बाहर भी लाईसेंस का नम्बर लिखवाना होगा जिससे की उपभोक्ताओं का सुविधा मिले।
दर्जनों होटल व रेस्टोरेंट, खान-पानी की दुकानें भी सैकडों
शहर में वर्तमान में दर्जनों होटल व रेस्टोरेंट संचालित हो रहे हैं जिसमें श्री श्याम रेस्टोरेंट, गौथरवाल, शर्मा रेंस्टोरेंट चौपाल सागर, सिगडी 95, होटल रूद्राक्ष, होटल रांगोली, सनराईज रेस्टोरेंट, नयन ढाबा, सहयोग ढाबा, विश्वास ढाबा, राजस्थानी होटल, मिस्टर बीन रेस्टोरेंट सहित शहर में सैकडों खान-पान की दुकानों को अब एफएसएसएआई का पंजीयन करवाना अनिवार्य होगा।

पानी की केन वालों को भी लेना होगा लायसेंस
शहर में हजारों घरों में प्रतिदिन पहुॅंचने वाली मिनरल वाटर की केन के सप्लायरों को भी एफएसएसआई के लायसेंस को लेना होगा। केन्द्र शासन द्वारा बनाऐ गए नियमों के तहत प्रत्येक खान-पीन की वस्तु के विक्रेता, उत्पादकों को इस लायसेंस को लेना अनिवार्य किया गया है। लायसेंस लेने से किसी भी स्थान पर दुषित पानी वितरण किए जाने पर सीधे शिकायत विभाग को की जा सकेगी। इससे पूर्व ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी।

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