MP NEWS24- यदि किसी स्कूल की छात्रा के साथ अपहरण या बलात्कार की घटना कारित होती है तो अपराधी को सजा दिलाने के लिए छात्रा, टीचर और पुलिस अधिकारी की गवाही काफी होती है।यह बात जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश वंदना राज पाण्डेय ने शुक्रवार को ग्राम पंचायत बैरछा में आयोजित विधिक सहायता शिविर में कहीं। उन्होंने कहा कि पुलिस थाने से लेकर आरोपी को सजा दिलाने तक छात्रा का नाम, पता सहित अन्य पहचान को गोपनीय रखा जाता है। यदि कोई व्यक्ति छात्रा का नाम उजागर करता है तो उसको न्यायालय सजा देगा। शासकीय कर्मचारी ऐसे में मामले में गोपनीयता को भंग करता है तो उसको विभागीय जांच का सामना करना पड़ सकता है।
एसडीएम आशुतोष गोस्वामी ने कहा कि 1 से 15 नवंबर तक भु-अभिलेख शुद्धीकरकण अभियान चलाया जाएगा, जिसमें भूमि के नाम परिर्वतन, संशोधन या अन्य त्रुटियों को सुधारने का कार्य किया जाएगा। सामान्यतः इस तरह की प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए लगभग तीन माह का समय लगता है इस अभियान के अंतर्गत 15 दिन की समय अवधि में त्रुटियों का सुधार किया जाएगा।
सीएसपी मनोज रत्नाकर ने कहा कि 18 वर्ष से कम उम्र के बषों को बिना लाईसेंस के वाहन चलाने के लिए नहीं दे, दुर्घटना की स्थिति में बच्चों के साथ-साथ अभिभावक पर भी प्रकरण दर्ज हो सकता है। कार्यक्रम का शुभारंभ महात्मा गांधी एवं डॉ. भीमराव अम्बेडर के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ किया। इस अवसर पर सरपंच बद्रीलाल बामनिया ने न्यायाधीश पांडे का सम्मान अभिनंदन पत्र भेंटकर किया। इस दौरान सचिव विनोद शर्मा, जीआरएस दशरथ धाकड़, पटवारी जितेंद्रसिंह राणावत, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मंगला शर्मा सहित ग्रामीणजन मौजूद रहे। संचालन अभिभाषक शैलेंद्रसिंह चौहान ने किया व आभार सरपंच बद्रीलाल बामनिया ने माना।
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