MP NEWS24-बुधवार को पितृमोक्ष अमावस्या के अवसर पर सिविल हास्पिटल के पीछे स्थित गायत्री शक्तिपीठ नागदा पर प्रातः 7 बजे से पितृ पूजन पितृ तर्पण एवं जलांजलि का आयोजन यज्ञ-यज्ञीय वातावरण में विधिवत संपन्न किया गया। श्राद्ध तर्पण का कार्य दो चरणों में किया गया।भारतीय संस्कृति के अंतर्गत 16 श्राद्ध का समय अपने पूर्व पुरुषों के प्रति पितरों के प्रति दिवंगत आत्मा के प्रति उनकी सद्गति के निमित्त शांति तुष्टि तृप्ति के निमित्त पूर्वजों के वंशजों के द्वारा अपने पूर्वजों के निमित्त आयोजित किया जाता है। इस अवसर पर प्रत्येक सनातन धर्म अनुयायी को अपने पितरों के निमित्त श्रद्धा ज्ञापित करना चाहिए । श्रद्धा शब्द से ही श्राद्ध शब्द बना हुआ है जिसका मतलब होता है कि ‘‘श्रद्धा दीयते यत यत श्रद्धाम‘‘ अर्थात श्रद्धा से पितरों को जो कुछ भी अर्पित किया जाता है उसे श्राद्ध कहते हैं।
तर्पण का अर्थ होता है तृप्त करना या पितरों के निमित्त अर्पण करना जिसका अभिप्राय है कि दिवंगत पितरों के निमित्त अथवा जीवित वृद्धों को तृप्त करने का धार्मिक कृत्य श्राद्ध कहलाता है, भावी संततियां अपने पितरों के प्रति कृतज्ञ रहे उनके प्रति पूज्य भाव रहे यह श्राद्ध का उद्देश्य है शास्त्रों में ऐसा सुस्पष्ट मत है कि ऐसा करने से पितरों की सद्गति के द्वार खुलते हैं और दुष्ट तृप्त होकर वे श्राद्ध करने वालों को विशेष आशीर्वाद और अनुदान भी देते हैं।
इस मौके पर गायत्री शक्तिपीठ पर लगभग 50- 60 परिजनों ने अपने पितरों को जल अंजलि अर्पित की और तर्पण किया। तर्पण के दौरान सुरेश शर्मा निवासी दयानंद कॉलोनी के द्वारा 21 जोड़े सहित ब्राह्मणों का सह भोज भी कराया गया और दक्षिणा स्वरूप उनका सम्मान भी किया गया। साथ ही रवि रघुवंशी एवं वीरेंद्र रघुवंशी के सौजन्य से गायत्री परिवार के 50 सदस्यों को एवं 50-50 बालक-बालिकाओं का सहभोज भी इस अवसर पर गायत्री शक्तिपीठ पर कराया गया एवं बच्चों को पारितोषिक स्वरूप पढ़ाई में काम आने वाले उपकरण भेंट किए गए और गायत्री साधक बहनों को उनके सुहाग की कामना करते हुए चूड़ियां भेंट की गई।
गायत्री शक्तिपीठ नागदा की कार्यकर्ता ममता बैरागी ने कहा कि नवरात्रि के पावन अवसर पर गायत्री शक्तिपीठ नागदा पर प्रतिदिन सवा लाख गायत्री महामंत्र का अनुष्ठान होगा जिसमें की सभी भाई बहन गायत्री साधक गायत्री शक्तिपीठ नागदा पर गायत्री साधना करने शक्ति पीठ पर आएंगे।
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