नागदा जं.-राष्ट्रकवि स्व. जगन्नाथ विश्व की प्रथम पुण्यतिथि पर हुआ आयोजन

MP NEWS24-राष्ट्रकवि स्व. जगन्नाथ विश्व की नागदा कर्मभूमि रही है। दिवंगत कवि विश्व की स्मृतियॉं को रिस्थायी रखने के लिए संस्था समझ अब बतौर संवाहक किरदार निभाऐगी। यह घोषणा रविवार को स्व. कवि विश्व की याद में आयोजित एक समारोह में की गई।

कार्यक्रम का आयोजन कवि विश्व की जयंति के संदर्भ में हुआ। कार्यक्रम में शहर के बुद्धिजीवियों एवं कमलकारों ने सहभागिता की। कार्यक्रम में बतौर अतथि जाने-माने साहित्यकार यशपालसिंह यश गुडगांव हरियाण, डॉ. शीला ओझा, कवि विश्व की धर्मपत्नि पार्वतीदेवी, सीएसपी मनोज रत्नाकर, पत्रकार कैलाश सनोलिया अदि ने मंच को साझा किया। गौरतलब है कि लगभग एक दर्जन काव्यकृतियों के रचयिता कवि विश्व का निधन लगभग एक वर्ष पूर्व हो गया था, कवि विश्व 50 वर्षो की काव्य साधना के साधक थे।
समारोह के दौरान कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ जिसमें जुझारसिंह भाटी रतलाम, सतीश सागर उज्जैन, सुरेंद्र सर्कीट उज्जैन, प्रो. रवि नगाइच उज्जैन एवं कमलेश दवे सहज इंदौर ने रचना पाठ किया। आमंत्रित कवियों को विभिन्न साहित्य उपाधियों से अलंकृत कर अभिनंदन पत्र से नवाया गया। संस्था समझ के अध्यक्ष हरचरणसिंह चावला ने अपने संबोधन में कहा कि कवि जगन्नाथ विश्व ने नागदा की धरा पर बैठकर अपनी कल के पुरूषार्थ से समुचे देश को अलोकित किया। उनकी काव्य विरासत को अब युवा पीढी नवगठित साहित्य संस्था समझ के माध्यम से आगे बढाऐगी। उन्होंने घोषणा की कि कवि विश्व की स्मृति में दिसम्बर माह में बडा कार्यक्रम होगा।
समारोह में उपस्थित डॉ. शीला ओझा ने कहा कि कवि विश्व की कविताओं में राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जत की। सीएसपी मनोज रत्नाकर ने कहा कि नेक कार्य के परिणाम भी सुखद होते हें। पत्रकार सनोलिया ने काव्य की उर्वरा भूमि नागदा में अनेक राष्ट्रीय स्तर के कवियों के नाम गिनाते हुए कवि विश्व की काव्य याधना एवं उनके संग जुडे साहित्यक संस्मरणों को साझा किया। उन्होंने कहा कि एक कलमकार के जवीन में उसकी काव्य साधना पर मिला पुरस्कार एक धरोहर बन जाता है। कवि विश्व की लेखनी को देश के महान चिंतक लेखक स्व. घनश्यामदास बिडला जैसी हस्तियों ने पुरस्कृत किया था। कवि सुरेन्द्र सर्कीट ने दिवंगत विश्व के साथ मंच के कविता पाठ के संस्मरणों को साझा किया। उनके साथ बिताऐ पलों को याद किया। साहित्यकार डॉ. सुरेन्द्र मीणा ने समारोह की समीक्षा की जिम्मेदारी निभाई, साथ ही कवि विश्व के व्यक्तित्व को साझा किया। मीणा ने कवि विश्व के साथ्ज्ञ अपने बचपन की धुंधली यादों को संस्मरण बयां किये।
इस अवसर पर मप्र शासन के पहले ठाकुर स्मृति अवार्ड से सम्मानित कवि स्व. विश्वनारायणसिंह सुयोगी की आज के परिवेश में सामयिक एक कविता का वाचन उनके पुत्र दिगंत सुयोगी ने किया। कवि विश्व की पुत्री संध्या विश्व, अशोक गौर, कमलेश दवे सहज एवं अशोक गौर ने काव्य पाठ किया। कार्यक्रम में वरिष्ठ अभिभाषक रमेशचंद चंदेल, रोटरी क्लब के अरूणोदय सीठा, सचिव अल्केश शर्मा, गोेविन्दलाल मोहता, बद्रीलाल पोरवाल, अनुराग गुप्ता, साहित्यकार राजेन्द्र कांठेड, सुंदरलाल जोशी, अर्चना करंदीकर, केसी पुरोहित, अरविंद पाठक, कमलेश दवे, कमलेश शुक्ला, सुरेश रघुवंशी, धर्मेन्द्र बम, राशीद खान, दीपक चौहान, परवेज खान आदि ने शिरकत की। संचालन कवि कैलाश सोनी सार्थक ने किया।

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