MP NEWS24- मंगलवार को धनतेरस के पर्व को लेकर बाजार में काफी भीड दिखाई दी। धनतेरस को धनवंतरी जयंती या फिर धन त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है. धनतेरस के दिन से ही 5 दिवसीय दिवाली पर्व की शुरुआत हो जाती है। दीपोत्सव की तैयारियों में जुटे हर व्यक्ति को उस समय का इंतजार है कि जब सपरिवार मिलकर महालक्ष्मी के पूजन में शामिल होंगे। धनतेरस की पुजन करने के बाद महिलाएं रुपचौदस की तैयारियों में जुट गई। गुरुवार को वह अवसर आएगा जब परिवार के सदस्य सामुहिक रुप से महालक्ष्मी के पुजन में भाग लेंगे तथा महालक्ष्मी के स्वागत में जोरदार आतिशबाजी करेंगे।बीते दो वर्षो बाद इस वर्ष दीपोत्सव का पर्व काफी उत्साह लेकर आया है। शहरवासियों ने लक्ष्मीजी के स्वागत में अपने अपने घरों को रंगबिरंगी रोशनियों से सजाया हुआ है वहीं मेहमानों के स्वागत के लिए घर आंगन में आकर्षक रंगोलियों के साथ ही घर में तरह-तरह के पकवान भी गृहिणीयों द्वारा बनाए जा रहे हैं, ताकि महालक्ष्मी के पूजन के बाद महालक्ष्मी को पकवान प्रसाद के रुप में समर्पित किए जा सकें। पूजन सामग्री क्रय करने के लिए शहरवासी बड़ी संख्या में बाजार में उमड़े। हालांकि अत्यधिक महंगाई के चलते ग्राहकी का दौर मात्र एक-दो दिन पूर्व से ही देखा जा रहा है। ऐसे में बढी हुई महंगाई का असर त्यौहार भी पडता हुआ दिखाई दे रहा है। हालांकि ग्राहकों के खरीददारी के प्रति आकर्षण को देखते हुए व्यापारियो के चेहरे पर छाई मायूसी गायब हो गई और चेहरे पर रौनक लौटी है। धनतेरस पर शहर के प्रमुख बाजार जवाहर मार्ग, महात्मा गांधी मार्ग, रानीलक्ष्मीबाई मार्ग, सर्राफा बाजार मार्ग स्थानों पर इतनी अधिक भीड़ थी कि पैर रखने तक की जगह नहीं थी।
पटाखों की खरीददारी हेतु उमडे नागरिक
रोशनी के इस पर्व पर जहॉं घर आंगन को दीपक से सजाना एवं आकर्षक विद्युत सज्जान करना अपना एक विशेष स्थान रखता है। वहीं दुसरी और महालक्ष्मी के स्वागत में आतिशबाजी भी की जाती है। शहर का पटाखा बाजार सजकर तैयार है, लेकिन इस पटाखा बाजार में पिछले दिनों से कई व्यापारियों को मंदी की मार झेलनी पड़ रही थी आखिरकार धनतेरस पर पटाखा बाजार की खोई रौनक लौट आई और शहरवासियों ने पटाखा बाजार में पहुंचकर जमकर पटाखों की खरीददारी की ताकि गुरूवार को महालक्ष्मी के पुजन के बाद घर पर आतिशबाजी करने के साथ ही आसमान में रंगबिरंगी रोशनी दिखाई दे।
यातायात के साथ ही सुरक्षा व्यवस्था में जुटे रह पुलिसकर्मी
त्यौहार को दृष्टिगत रखते हुए प्रशासन एवं पुलिस विभाग द्वारा यातायात एवं सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। शहर में कई क्षेत्रों में वाहन प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है वहीं बेरिकेटिंग कर मुख्य मार्गो पर सिर्फ पैदल आया-जाया जा सकता है। साथ ही कई स्थानों पर वाहन पार्कींग की भी व्यवस्था की गई है। धनतेरस होने की वजह से शहरवासियों सहित ग्रामीण क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में लोग खरीदी करने आए। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस जवान प्रमुख चौराहों पर तैनात रहे। वहीं कुछ पुलिस जवान सिविल ड्रेस में सुरक्षा पर पैनी नजर लगाए हुए थे। वहीं नपा के कर्मचारी भी सतत यातायात व्यवस्था को संभाले हुए है। पटाखा बाजार में भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। एसडीएम आशुतोष गोस्वामी, सीएसी मनोज रत्नाकर, टीआई श्यामचन्द्र शर्मा, मुनपा अधिकारी सीएस जाट आदि मुख्य बाजार में पैदल भ्रमण करते रहे।
सोने-चॉंदी, बर्तन एवं इलेक्ट्रानिक सामान की जमकर हुई खरीददारी
धनतेरस पर सर्राफा बाजार में खुब भीड उमडी, सोने-चॉंदी के आभुषणों के अलावा सिक्कों की खरीदारी नागरिकों द्वारा की गई। इलेक्ट्रॉनिक दूकानों, रेेडिमड गारमेंन्टस सहित अन्य दूकानों पर ग्राहकों की भीड़ दिखाई दी।
भगवान धनवंतरी की पुजा हुई
गायत्री मंदिर रोड़ स्थित चरक अस्पताल में चिकित्सकों ने भगवान धनवंरी की पुजा की। इस अवसर पर डॉ. एसआर चावला, डॉ. अनिल दुबे, डॉ. हिमांशुदत्त पांडे, डॉ. अग्निवेश पांडे, प्रकाश जैन आदि मौजूद रहे। चिकित्सकों ने कहा कि वर्तमान आधुनिक युग में वर्षाे पुरानी आयुर्वेदिक पद्धति ही उपचार के काम आ रही है जिसके कारण कोरोना काल में अधिकांश मरीज ठीक हुए। भविष्य में आयुर्वेदिक पद्धति से उपचार करना ठीक होगा, उन्होंने कहा कि शास्त्रों के लिखी बात को भूल चूके थे, जिसके कारण महामारी आई, महामारी के दोरान शास्त्रों में लिखी बातों का अनुसरण कर रहे है। पूर्व के समय में आयर्वुेद चिकित्सा से उपचार किया जाता था, लेकिन जब मुगल हमारे देश में आए तो वह युनानी पद्धति लेकर आए और अंग्रेजों ने एलोपैथिक को प्राथमिकता दी।
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