MP NEWS24- जवाहर मार्ग स्थित महावीर भवन में धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए आगम विशारद बुद्धपुत्र प्रवर्तक श्री जिनेन्द्रमुनिजी म.सा. ने कहा कि विभिन्न जीवा यौनियों में परिभ्रमण करने के पश्चात् शुभ कर्मो के उदय होने के बाद मानव जीवन प्राप्त होता है लेकिन यहां पर भी मौत सभी के सामने खड़ी है कभी न कभी अपने साथ ले जायेगी। लेकिन कब ? कोई नहीं जानता। अतः हमको जीवन काल में क्रोध नहीं करना चाहिये क्योंकि यह आपका जीवन ही बिगाड़ देता है और इंसान पाप कर बैठता है। अगर वह अपनी गलती मान लेता है तो पाप से बचा जा सकता है।
धर्मसभा में श्री अतिशयमुनिजी म.सा. ने कहा कि प्रत्येक मनुष्य सुखमय जीवन की कामना करता है। दुःखमय जीवन कोई नहीं चाहता है। जबकि जीवन में दोनो का आना निश्चित है। जो आयुष चला गया वह वापस लौटकर आने वाला नहीं है।
धर्मसभा का संचालन राजेन्द्र कांठेड़ ने किया एवं आभार श्रीसंघ अध्यक्ष श्री प्रकाशचन्द्र जैन सांवेरवाला ने माना। धर्मसभा में प्रमुख रूप से अर्जुनसिंह पंवार, विलास पावेचा, प्रेमचन्द बोहरा, लहरसिंह शाह, बसन्तीलाल बेरछावाला, जवाहर औरा, राजेन्द्र गोखरू, सागरमल भण्डारी, दिलीप ओरा, हुकमचन्द चपलोत, वर्धमान धोका, रमेश तरवेचा, मुकेश धोका, संजय मुरडिया, नरेश बुडावनवाला, ब्रजेश भटेवरा, राजेन्द्र जैन ओरा, राकेश कोलन, गणेशीलाल परमार सहित काफी संख्या में गुरूभक्त उपस्थित थे।
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