MP NEWS24- स्थानकवासी जैन समाज के मीडिया प्रभारी महेन्द्र कांठेड़ एवं नितिन बुडावनवाला ने बताया कि नगर के इतिहास में आज ऐतिहासिक दिन आया जब पूज्य आचार्य भगवान जिन शासन गौरव श्री उमेशमुनिजी अणु के सुशिष्य आगम विषारद बुद्धपुत्र आचार्य श्री जिनेन्द्रमुनिजी ठाणा 4 का प्रातः भव्य मंगल प्रवेश हुआ एवं महासति पुण्यशिलाजी एवं पूज्यनीय अनुपमशिलाजी ठाणा 7 एवं महिदपुर सिटी से चार माह का सफलतम चातुर्मास के पश्चात् महासति प्रशमप्रभाजी ठाणा 3 का भी भव्य मंगल प्रवेश हुआ जो प्रमुख मार्गाे से होता हुआ जवाहर मार्ग स्थित महावीर भवन में धर्मसभा के रूप में समापन हुआ। धर्मसभा में महासति चतुर्गुणाजी ने गीत धार्मिक स्तवन की आकर्षक प्रस्तुति दी।धर्मसभा में पूज्यनीय गुरूदेव श्री जिनेन्द्रमुनिजी ने कहा कि मानव को जितना लाभ मिलता जाता है उतना ही लोभ बढ़ता जाता है। इसके साथ हमको क्रोध, मान, माया, लोभ आदि के दुर्गुणो से बचकर रहना चाहिये। धर्म की रूचि रखने वालो की अन्तिम समय तक पुण्यलाभ रहता है।
मीडीया प्रभारी ने बताया कि गुरूदेव के सानिध्य में प्रातः 9 बजे प्रवचन एवं दोपहर धर्मचर्चा का आयोजन रहेगा। कार्यक्रम का संचालन राजेन्द्र कांठेड़ ने किया एवं आभार श्रीसंघ अध्यक्ष गंभीरमल अनिलकुमार पावेचा ने लिया। महासति मण्डल रामसहाय मार्ग स्थित जीवदया परिसर में विराजित है।
धर्मसभा में यह रहे उपस्थित
धर्मसभा में विशेष रूप से आशीष वोरा पूर्व पार्षद, बसन्तीलाल बेरछावाला, प्रकाशचन्द्र बुडावनवाला, आकाश वौरा, हुकमचन्द चपलोत, सुरेन्द्र पितलीया, रमेश तांतेड, चन्द्रशेखर जैन खिंदावत, सचीन वोरा, चंदनमल संघवी, राजेश चोपडा, रमेशचन्द्र वौरा, विजय पितलीया, अमरचंद जैन, अजीत मारू, निर्मल चपलोद, मनोज चपलोद, पारस पोखरना सहित कई गुरूभक्तो ने प्रवचन का लाभ लिया।
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