नागदा जं.-वारको सीटी में प्लॉट लेकर उलझ गए शहरवासी, नपा ने नामांतरण एवं भवन निर्माण अनुमती देने से भी किया इन्कार, लोन की फाईले भी अटकी

MP NEWS24- अपने घर का सब्जबाग दिखाकर शहर में वारको सीटी के नाम से बसाई गई कॉलोनी में प्लॉट लेकर सपना का घर बनाने का सपना संजोने वाले नागरिकों का सपना टुटता एवं बिरखरता हुआ दिखाई दे रहा है। कॉलोनाईजर द्वारा शासकीय नियमों का पालन किए बगैर बसाई गई कॉलोनी में प्लॉट खरीदने वालों का नगर पालिका द्वारा न तो नामांतरण किया जा रहा है और ना ही भवन निर्माण की अनुमती दी जा रही है। शासकीय दस्तावेजों में पंजीकरण नहीं होने से कॉलोनी के प्लॉट धारकों को भवन निर्माण हेतु बैंकों द्वारा आवासऋण भी नहीं दिया जा रहा है। वारको सीटी के संचालकों की धोखाधडी का शिकार पशु प्रेमी एवं युवा समाजसेवी विवेक शर्मा को भी होना पडा है जिन्होंने पुलिस थाने में एक आवेदन प्रस्तुत कर कॉलोनाईजर वारको सीटी (महावीर नगर) पर धोखाधडी करने पर अपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की है।

क्या है मामला
युवा समाजसेवी श्री शर्मा ने पुलिस थाना बिरलाग्राम में एक लेख आवेदन प्रस्तुत कर बताया है कि उनके द्वारा वारको सीटी (महावीर नगर) कॉलोनाईजर प्रकाश कोठारी आदि से प्लॉट क्रमांक 732 व 693 क्रय किये थे, जिसके विक्रय पत्र 5 फरवरी 2020 को करवाऐ गए हैं तथा आवेदक को प्लॉट धारक के रूप में प्लॉट उपभोक्ता का दर्जा प्राप्त हुआ है। श्री शर्मा ने बताया कि कॉलोनाईजर द्वारा कॉलोनी का ग्राम तथा नगर निवेश उज्जैन से ले आउट प्लान 31 मई 2013 को स्वीकृत होना बताया गया था जिसे उपरोक्त विक्रय पत्र के पृष्ठ क्र. 9 पर दर्शाया भी गया है, लेकिन उनके द्वारा जानकारी प्राप्त की गई तो पता चला कि इस दिनांक को कॉलोनी का कोई ले आउट प्लान स्वीकृत ही नहीं है। इतना ही नहीं नगर तथा ग्राम निवेश उज्जैन के पत्र दिनांक 31 मई 2013 क्र. 1459 के पृष्ठ क्र. 2 के बिन्दु क्र. 1 पर स्पष्ट दर्शित है कि आवेदक कॉलोनाईजर किसी भी प्रकार का मौके पर निर्माणा कार्य व अन्य कार्य नहीं करेगा। इससे साफ एवं स्पष्ट है कि उक्त ले आउट प्लान स्वीकृत नहीं है। ऐसे में कॉलोनाईजर द्वारा नागरिकों को गलत एवं झुठी जानकारी देकर भूखण्ड का विक्रय किया गया है।
बिना स्वीकृति नक्शे एवं रेरा रजिस्ट्रेशन के ही विक्रय कर दिए प्लॉट
श्री शर्मा ने बताया कि वर्ष 2016 से पुरे देश में रेरा कानून लागू है जिसकी धारा 3 के अंतर्गत किसी भी कॉलोनाईजर को भूखण्ड विक्रय करने, प्लॉट के ब्राउशियर दर्शित करने, एडवहरटाईमेंट करने के पूर्व रेरा फोरम में रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है। बिना रजिस्ट्रेशन के किसी भी कॉलोनाईजर द्वारा भूखण्ड का विक्रय नहंी किया जा सकता है। वारको सीटी (महावरी नगर) के कॉलोनाईजर द्वारा बिना नक्शा स्वीकृत करवाऐ एवं रेरा पंजीयन के ही भूखण्डों का विक्रय किया जा रहा है जिसके चलते भोले-भाले प्लॉट धारक गुमराह हो रहे हैं तथा अपने जीवनभर की कमाई को कॉलोनाईजर को दे रहे हैं। एसडीएम एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को इस मामले में हस्तक्षेप कर तत्काल कार्रवाई करना चाहिए।

एक जैसे अपराध पर प्रशासन का रूख अलग क्यों ?
स्थानिय प्रशासन अवैध कॉलोनीयों के मामले में शहर के कई नामचीन लोगों को जेल भेज चुका है। लेकिन वारको सीटी (महावीर नगर) के संचालकों द्वारा इतनी बडी धोखाधडी लोगों के साथ किए जाने के बाद भी प्रशासन की चुप्पी समझ से परे है। जबकि वारको सीटी संचालकों का अपराध भी उसी दर्जे का होकर नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 339 (सी) व अन्य प्रावधान अनुसार ही बनता है। ऐसे में भोले-भाले भुखण्ड धारकों के साथ कॉलोनी संचालक लगातार धोखाधडी कर रहा है।

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