नागदा जं--बिरला सेल्युलोज़ का लक्ष्य 2040 तक सभी कार्य संचालनों में ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन 2035 तक ही लक्ष्य हासिल करने की आकांशा, 2030 तक अपनी ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन तीव्रता को 50 प्रतिशत तक घटाने में सफलता पाने का इरादा

MP NEWS24-बिरला सेल्युलोज़ जो कि आदित्य बिड़ला समूह की एक लैगशिप कम्पनी, ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड का पल्प एवं फाइबर से जुड़ा व्यवसाय है, के द्वारा एक महत्वपूर्ण घोषणा की गई है। इसके अंतर्गत कम्पनी ने अपने सभी कार्य संचालनों में कुल कार्बन उत्सर्जन को वर्ष 2040 तक ज़ीरो स्तर पर लाने के लक्ष्य को स्पष्ट किया है। कम्पनी ने यह भी घोषणा की है कि 2035 तक ही उसके इस लक्ष्य को प्राप्त कर लेने की संभावना हो सकती है। उल्लेखनीय है कि मैन-मेड यानी मानव निर्मित सेल्युलॉइज फाइबर (एमएमसीएफ) उद्योग में वैश्विक स्तर पर किसी कम्पनी द्वारा तय किया गया यह सबसे महत्वाकांक्षी लक्ष्य है।

वर्ष 2030 तक आधा करने का लक्ष्य
उद्योग के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी संजय व्यास के मुताबिक कम्पनी ने अपनी ग्रीनहाउस गैसेस (जीएचजी) उत्सर्जन को 2030 तक घटाकर आधा करने का भी लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य की बेसलाइन 2019 की है। कार्बन न्यूट्रैलिटी एवं जीएचजी को घटाने हेतु बिरला सेल्युलोज़ की प्रतिबद्धता में स्कोप 1, स्कोप 2 व स्कोप 3 उत्सर्जन के स्तर शामिल हैं। साथ ही इसमें प्रबंधित जंगलों में कार्बन प्रच्छादन तथा विज्ञान आधारित विधियों के प्रयोग से इस प्रक्रिया को संचालित करने जैसे कदम भी शामिल हैं। बिरला सेल्युलोज़ के कुल ज़ीरो उत्सर्जन वाली यह घोषणा, जलवायु परिवर्तन तथा किफायती व स्वच्छ ऊर्जा पर आधारित यूनाइटेड नेशंस सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (एसडीजीज़) 7 व 13 के साथ जुड़ी है।
बिरला सेल्युलोज़ निरन्तर अत्यधुनिक तकनीकों पर काम कर रहा - श्री अग्रवाल
इस घोषणा के सम्बन्ध में अपने विचार प्रकट करते हुए मैनेजिंग डायरेक्टर, ग्रेसिम इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड तथा बिजनेस डायरेक्टर, बिरला सेल्युलोज़ एचके अग्रवाल, ने कहा कि सस्टेनेबिलिटी के क्षेत्र में यह बिरला सेल्युलोज़ के वैश्विक स्तर पर नेतृत्व का सहज और प्राकृतिक विकास है। बिरला सेल्युलोज़ का जलवायु लक्ष्य इसकी बिजनेस स्ट्रेटजी (व्यवसायिक रणनीति) की जड़ों से जुड़ा है जो कि जलवायु परिवर्तन सम्बन्धी चुनौतियों से लड़ने का लक्ष्य रखती है साथ और अधिक सस्टेनेबल, प्रकृति आधारित व निम्न उत्सर्जन उत्पादों के लिए बदलती ग्राहक प्राथमिकताओं को अपनाने के लक्ष्य को साथ लेकर चलती है। उन्होंने आगे कहा कि एमएमसीएफ उद्योग में सात दशकों से जारी इनोवेशन की विरासत के साथ, बिरला सेल्युलोज़ निरन्तर अत्यधुनिक तकनीकों पर काम कर रहा है जो कि इस परिवर्तन काल को और गतिशील बनायेगा।
लक्ष्य तक पहुंचने की इस राह में नवीनीकृत ऊर्जा (रीन्यूएबल एनर्जी) के अधिक उपयोग को इसकी प्रक्रिया में शामिल किया जायेगा। साथ ही कम उत्सर्जन वाली इनोवेटिव तकनीकों में निवेश, अपने प्रबंधित जंगलों में कुल सकारात्मक कार्बन अधिग्रहण (रोक) और सर्क्युलर फैशन पर अधिक ध्यान देने पर भी काम होगा।
वर्तमान में, बिरला सेल्युलोज़ के वैश्विक कार्य संचालनों के लिये उपयोग में लाई जाने वाली करीब 40 प्रतिशत ऊर्जा रीन्यूएबल संसाधनों से प्राप्त होती है। इसके साथ ही, 2019 में ई एण्ड वाय द्वारा किये गए एक मूल्यांकन में कम्पनी द्वारा प्रत्यक्ष रूप से प्रबंधित जंगलों में कार्बन अधिग्रहण (रोक), पूरे वर्ष के दौरान ग्लोबल साइट्स से उत्सर्जित सम्पूर्ण स्कोप 1 व स्कोप 2 से अधिक रहा।
पहला ज़ीरो लिक्विड डिस्चार्ज (जेडएलडी) प्लांट स्थापित किया
बिरला सेल्युलोज़ सस्टेनेबिलिटी कार्यों में सम्पूर्ण उद्योग का नेतृत्व अग्रणी रहकर करता है। इसका उदाहरण सस्टेनेबल फॉरेस्ट्री (कैनोपी हॉट बटन रैंकिंग 2021 में 1रु1 रैंक) से स्पष्ट हो जाता है। साथ ही बिरला सेल्युलोज़ ने विस्कोज़ और लायोसेल के उत्पादन में सबसे कम जल गहनता (वॉटर इंटेंसिटी) के लिए उद्योग में एक बेंचमार्क स्थापित किया है। इसने हाल ही में एमएमसीएफ उद्योग में वैश्विक स्तर पर पहला ज़ीरो लिक्विड डिस्चार्ज (जेडएलडी) प्लांट स्थापित किया है। साथ ही बिरला सेल्युलोज़ के पास इस उद्योग में सबसे बड़ा सोशल रिस्पांसिबिलिटी प्रोग्राम भी संचालित हो रहा है।

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