नागदा जं.--सुहाग स्टूडियो केे चित्रों कि प्रर्दशनी लगी आस्ट्रेलिया के विक्टोरिया शहर में नागदा शहर के कलाकार कि कला को निहारेगे आस्ट्रेलिया के निवासी

MP NEWS24- देश-प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ कलात्मक छायाकारों में शुमार नागदा शहर के प्रसिद्ध छायाकार सुरेश पंजाबी ने एक बार फिर देश का नाम सात समंदर पार रोशन किया है! पंजाबी ने हिन्दुस्तान की संस्कृति एवं कला को विश्व के विभिन्न देशों के नागरिकों तक पहुॅंचाने का एक बडा कार्य किया है। आस्ट्रेलिया की सुप्रसिद्ध मोनाश गैलेरी आफ आर्ट (एमजीए) द्वारा विक्टोरिया शहर में एक बहुत बडी फोटो गेलरी लगाई गई है जिसमें स्टुडियो सुहाग के नाम से एक खण्ड बना कर श्री पंजाबी के छायाचित्रों को प्रदर्शित किया गया है। भारत के दर्शन औपनिवेशिक से समकालीन तक नाम से एजीए द्वारा लगाई गई यह प्रदर्शनी में श्री पंजाबी के छायाचित्रों को विदेशी नागरिक 17 दिसम्बर 2021 से 20 मार्च 2022 तक निहार सकेंगे। श्री पंजाबी संभवतः देश के एकमात्र ऐसे फोटोग्राफर है जिनके चित्रों को देश-विदेश में इतना सराहा गया है।
प्रदर्शनी के लिए अवधारणा
दशकों में, और एक अभूतपूर्व पैमाने पर, भारत, इसके परिदृश्य, लोग, परंपराएं और पुरातात्विक इतिहास को औपनिवेशिक दृष्टि के लिए सूचीबद्ध किया गया। वर्षो पूर्व श्री पंजाबी द्वारा हिन्दुस्तान की संस्कृति एवं परम्पराओं पर की गई छायाकारी को जिस प्रकार से सहेजा है। स्टूडियो के संग्रह को 2019 में मालिक श्री पंजाबी द्वारा कला और फोटोग्राफी संग्रहालय, बेंगलुरु को उपहार में दिया था, तथा इन्हीं छायाचित्रों को आस्ट्रेलिया की इस तीन माह तक चलने वाली प्रदर्शनी में बहुत बडे स्तर पर एक विशेष गैलरी के रूप में प्रदर्शीत किया गया है। श्री पंजाबी की छायाकारी में जहाॅं हिन्दुस्तान की सभ्यता, संस्कृति की छलक देखी जा सकती है वहीं उनकी कलात्मक फोटोग्राफी के दर्शन भी इन छायाचित्रों में होते हैं।
प्रदर्शनी में स्टुडियो सुहाग के नाम से एक अलग ही खण्ड
गौरतलब है कि इस बड़ी प्रदर्शनी के हिस्से के रूप में, मध्य प्रदेश के नागदा में एक फोटो स्टूडियो स्टूडियो सुहाग के काम को उजागर करने के लिए एक विशेष खंड समर्पित किया गया है। उल्लेखनिय यह भी है कि 1840 के दशक में यूरोप में कैमरे के आविष्कार के बाद से, फोटोग्राफी की शैली ने भारतीय कला इतिहास के पाठ्यक्रम में एक अभिन्न भूमिका निभाई है। एक अभूतपूर्व पैमाने पर, भारत इसके परिदृश्य, लोग, परंपराएं और पुरातात्विक इतिहास को औपनिवेशिक दृष्टि के लिए सूचीबद्ध किया गया है। भारत के दर्शन औपनिवेशिक से समकालीन इच्छा तक ऑस्ट्रेलिया में भारतीय फोटोग्राफी का पहला बड़ा सर्वेक्षण होगा, और प्रदर्शित सभी कलाकृतियां कला और फोटोग्राफी संग्रहालय (एमएपी), बेंगलुरु के संग्रह से होंगी, जो भारत में सबसे प्रसिद्ध फोटोग्राफिक संग्रहों में से एक है। प्रदर्शनी 20 मार्च 2022 तक देखी जाएगी। इस प्रदर्शनी में यूके, अमेरिका, फ्रांस, श्रीलंका आदि देशों के छायाकारों के फोटो प्रदर्शीत किए है, जिसमें सबसे अधिक चित्र स्टुडियो सुहाग के गैलरी में लगाए गए हैं।

देश के कई शहरों में लग चुकी है श्री पंजाबी के छायाचित्रों की प्रदर्शनी
गौरतलब है कि स्टुडियो सुहाग के कलात्मक छायाचित्रों की प्रदर्शनी पूर्व में दिल्ली, चैन्नई, म्युजियम आॅफ आर्ट फोटोग्राफी, बैंगलोर व रशियों में लगाई जा चुकी है। इतना ही नहीं श्री पंजाबी द्वारा की गई छायाकारी पर अभी तक 3 किताबें भी जाने-माने लेखकों द्वारा लिखी गई है, एक किताब तो देश के पूर्व प्रधानमंत्री आईके गुजराल की पौत्री दिव्या गुजराल द्वारा लिखी गई है, साथ ही क्रिस्टोफर पिन्नी एवं नथानियल द्वारा भी एक-एक किताब लिखी गई है। श्री पंजाबी के संपूर्ण सफर पर एक डाॅक्युमेंट्री भी बनाई गई है।
प्रदर्शनी के छायाचित्रों से प्राप्त राशि कोविड से निपटने हेतु दान की
स्टुडियों सुहाग के छायाचित्रों से सजी एक प्रदर्शनी कुछ समय पूर्व भी लगाई गई थी। उक्त प्रदर्शनी में जितने भी छायाचित्रों के विक्रय से प्राप्त राशि लगभग 75 हजार रूपये को सीधे प्रधानमंत्री राहत कोष (पीएम केयर) में कोविड पिडितों के उपचार एवं उपकरण हेतु प्रदान किया गया था।

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