MP NEWS24-बजरंग दल के जिला सुरक्षा प्रमुख की दिनदहाडे हुई हत्या की जांच की परते जैसे-जैसे खुलती जा रही है वैसे-वैसे आर्य परिवार की संलिप्ता भी सामने आ रही है। पुलिस ने आर्य परिवार के चौथे सदस्य को भी आरोपी बनाया है और उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। हालांकि यह सदस्य नाबालिक होने के कारण इसे बाल सुधार गृह भेज दिया है। गौरतलब है कि इस प्रकरण में पुलिस अभी तक आर्य परिवार के तीन अन्य सदस्य युवक कांग्रेस विधानसभा अध्यक्ष कमल आर्य, भारतीय किसान संघ के नेता यशवंत आर्य, आर्यन आर्य व उनके चचेरे भाई भाजपा के पूर्व पार्षद विजय पटेल पर प्रकरण दर्ज कर चुकी है जिसमें अभी तक आर्यन आर्य की गिरफ्तारी हुई है। पुलिस ने कमल व यशवंत आर्य पर प्रकरण तो दर्ज कर लिया लेकिन इसे जांच में बता रखा है। कमल व यशवंत दोनों सगे भाई हैं जबकि दो अन्य आरोपी आर्यन व एक नाबालिक यशवंत के पुत्र हैं जबकि एक अन्य आरोपी विजय पटेल भी इनके ही परिवार का है। विजय, यशवंत व कमल अभी फरार बताऐ जा रहे हैं। चौथे सदस्य का नाम आने के बाद दो सदस्यों की पूर्णतः संलिप्तता सिद्व हो चुकी है। चौथे सदस्य का नाम आने के बाद बजरंग दल के नेताओं ने एक बार फिर प्रशासन से मांग की है कि इस पुरे मामले की गंभीरता से जांच करे व फरार आरोपी कमल आर्य, यशवंत आर्य एवं विजय पटेल को शीघ्र गिरफ्तार किया जाऐ।मृतक राकु चौधरी के भाई ने यह भी आरोप लगाया है कि आर्य परिवार द्वारा गत छः माह से हत्याकाण्ड क योजना बनाई जा रही थी। मृतक के भाई ने यह भी दावा किया है कि इस पुरे हत्याकाण्ड की योजना आर्य बावडी में बनाई गई थी। पुलिस उक्त अवधि के मोबाईल कॉल डिटेल निकालेगी तो काफी कुछ सुराग मिलेगा। विहीप नेताओं ने एक बार फिर मांग की है कि प्रशासन आरोपीयों के मकान तोडने की कार्रवाई शीघ्र करे अन्यथा आंदोलन की रूपरेखा बनाई जाऐगी।
अभी तक यह आ चुके हैं गिरफ्त में
29 दिसम्बर 2021 को दिनदहाडे हुए बजरंग दल नेता राकु चौधरी हत्याकाण्ड में अभी तक पुलिस 6 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें मुख्य आरोपी हमला करने वाला तरूण शर्मा व उसके मित्र आर्यन आर्य, पृथ्वीराज पंवार को बनाया गया है। जबकि इनका सहयोग करने वाले विजय अनकिया, निर्मल सेन व एक नाबालिक के विरूद्ध भी प्रकरण दर्ज किया गया है। निर्मल सेन ने तरूण को हथियार उपलब्ध करवाऐ थे जिसके लिए राशि आर्यन ने दी थी और सौदा भी आर्यन द्वारा किया गया था। हत्या करने के बाद पृथ्वीराज आर्यन के भाई के वाहन से ही तरूण को लेकर रवाना हुआ था। गौरतलब है कि इस प्रकरण में घटना वाले दिन से ही हिन्दू संगठन एवं मृतक के परिजन कमल आर्य व उसके परिवार पर शंका जता रहे थे। पुलिस ने पहले आर्यन आर्य का शंका के आधार पर ही नाम दर्ज किया था लेकिन बाद में तरूण ने राज उगला और यह बताया कि आर्यन द्वारा ही योजना बनाई गई थी।
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