MP NEWS24- जिला कलेक्टर आशीषसिंह ने भले ही जिलेभर की शासकीय उचित मुल्य की दुकानों की जांच एवं पीओएस मशीनों से निकलने वाली पर्ची को उपभोक्ताओं को प्रदान करने के निर्देश दिए हैं तथा निर्देशों का पालन कराने हेतु टीम का भी गठन किया है, लेकिन कलेक्टर के निर्देशों का पालन स्थानिय अधिकारी राजनीतिक दबाव में नहीं करवा पा रहे हैं। ऐसे में उपभोक्ताओं को उनका वास्तविक हक अभी भी नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में कलेक्टर को जिला खाद्य विभाग की टीम शहर में भेजकर सभी कंट्रोलों का औचक निरीक्षण करना चाहिए, जांच में खाद्यान्न की कालाबाजारी के कई खुलासे होंगे साथ ही केरोसीन की कालाबाजारी की भी जानकारी मिल सकती है।क्या है जिला कलेक्टर के निर्देश
कलेक्टर आशीष सिंह ने उपभोक्ताओं को पात्रता अनुसार राशन सामग्री प्राप्त होने, विक्रेता द्वारा उपभोक्ताओं को पीओएस मशीन की पावती रसीद देने उपभोक्ताओं को प्रदाय किये जा रहे राशन वितरण का उपभोक्ताओं से प्रतिपुष्टि प्राप्त करने और उचित मूल्य दुकानों के निरीक्षण इत्यादि करने के लिये जिले में तहसीलवार अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है। निरीक्षणकर्ता अधिकारी शासकीय उचित मूल्य की दुकानों से संलग्न उपभोक्ताओं से शासकीय उचित मूल्य की दुकानों से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 एवं प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न (निरूशुल्क) योजना के अन्तर्गत जनवरी एवं फरवरी-2022 का एकमुश्त राशन सामग्री के वितरण के सम्बन्ध में फीडबेक प्राप्त करेंगे। निर्धारित प्रारूप में उपभोक्ताओं का फीडबेक लेकर निरीक्षण पत्रक भरा जायेगा। उपभोक्ताओं की सूची उचित मूल्य दुकान के वितरण पंजी या वितरित की गई सामग्री की पीओएस की दुकान में रखी रसीद से उपभोक्ताओं से सम्पर्क कर उनको प्राप्त सामग्री उनकी पात्रता अनुसार प्रदान की स्थिति ज्ञात करेंगे। निरीक्षणकर्ता अधिकारी द्वारा उचित मूल्य की दुकान पर वितरण के दौरान गली, मोहल्ले, वार्ड, ग्राम, मजरे टोले, बस्ती इत्यादि में उपभोक्ताओं से उन्हें प्राप्त राशन का फीडबेक/निरीक्षण पत्रक भरा जायेगा।
नहीं दिखा कलेक्टर के निर्देशों का प्रभाव
जिला कलेक्टर द्वारा तीन दिन पूर्व अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंप कर शासकीय उचित मुल्य की दुकानों की जांच के निर्देश दिए हैं लेकिन टीम द्वारा नागदा के ग्रामीण क्षेत्रों की दुकानों की ही जांच की जा रही है जबकि सबसे अधिक भ्रष्ट्राचार एवं कालाबाजारी शहर की दुकानों में है। यहॉं कई कंट्रोल संचालक वर्षो से एक ही वार्ड की दुकानों का संचालन करते आ रहे हैं जो कि कालाबाजारी का बडा कारण है। लेकिन नागदा शहर की दुकानों की जांच अभी तक नहीं की गई है।
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रोटेशन पद्धति को अपनाना चाहिए
शहर के जागरूक नागरिकों ने जिला कलेक्टर से मांग की है कि उचित मुल्य की दुकानों को वार्ड स्तर पर रोटेशन पद्धति से संचालित किया जाना चाहिए। 2-2 माह के लिए विभिन्न वार्डो के हितग्राहीयों को दुकान से राशन उपलब्ध करवाना चाहिए जिससे की कालाबाजारी पर लगाम लगेगी तथा उपभोक्ताओं को भी उनका वास्तविक हक मिल सकेगा। रोटेशन पद्धति अपनाने से पूर्व में जो दुकानदार किसी उपभोक्ता को कम राशन देता होगा तो उसका पता भी लग जाऐगा। ऐसे में इस प्रकार का प्रयोग शासन को करना चाहिए।
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