MP NEWS24-शनिवार रात करीब रात 9 बजे के लगभग केमिकल उद्योग लैंक्सेस के कोजन प्लांट में एक श्रमिक राजेश पिता बालाराम के सर पर 30 किलो चारकोल की बोरी गिर जाने से श्रमिक गंभीर रूप से घायल हो गया। दुर्घअना में घायल श्रमिक की गर्दन टेडी हो गयी थी। उद्योग के अधिकारियों व ठेकेदार जगदम्बा कॉन्ट्रेक्टर द्वारा परिसर में ही प्राथमिक उपचार देकर मामले को रफा-दफा करने का प्रयास किया। लेकिन अन्य श्रमिकों द्वारा हंगामा करने पर श्रमिक को उपचार के लिए उज्जैन भेजा गया। मामले में हमारे प्रतिनिधि द्वारा उद्योग के अधिकारियों से चर्चा करने का प्रयास किया लेकिन वह उपलब्ध नहीं हुए।क्या है मामला
मामले में प्राप्त जानकारी के अनुसार शनिवार की रात को लैक्सेस उद्योग के कोजन प्लांट में कार्यरत श्रमिक राजेश के सीर पर 30 किलो वजनी चारकोल की बोरी गिर गई। दुर्घटना में श्रमिक गंभीर रूप से घायल हो गया था। बताया जाता है कि श्रमिक को प्राथमिक उपचार उद्योग परिसर में ही देकर उसे घर भेजा जा रहा था, लेकिन साथी श्रमिकों द्वारा हंगामा करने पर जगदम्बा कॉन्ट्रेक्टर के मुनीम राकेश वाजपेयी द्वारा उद्योग की कन्वेंस से उसे मण्डी क्षेत्र स्थित चौधरी हॉस्पिटल ले जाया गया। वहॉं पर भी समुचित उपचार ठेकेदार द्वारा नहीं करवाने पर घायल श्रमिक के साथियों द्वारा ग्रेसीम क्रांतिकारी यूनियन के पदाधिकारी एवं श्रमिक नेता पवन गुर्जर, धुंव रघुवंशी व नाहरसिंह चौधरी हॉस्पिटल पहुचे तो ठेकेदार का मुनीम घायल श्रमिक को हॉस्पिटल से लेकर भाग गए। लेकिन श्रमिक नेताओं ने घायल श्रमिक को ढूंढ लिया। श्रमिक नेताओं द्वारा घायल की इंट्री शासकीय अस्पताल में करवाते हुए उसका उपचार जनसेवा में करवाने को कहा लेकिन ठेकेदार एवं मुनीम उसे घर भेजना चाहते थे, जबकि घायल श्रमिक हालत काफी गंभीर हो गई थी। बाद में ठेकेदार द्वारा उसे जनसेवा में भर्ती करवाने के लिए ले गए, लेकिन जब मरीज के परिजन हॉस्पिटल पहुंचे तो घायल श्रमिक वहॉं नहीं था जिसके बाद गुस्साये परिजनों एवं अन्य श्रमिकों ने उद्योग के गेट पर पहुंच कर गेट जाम कर दिया। उक्त घटनाक्रम देर रात तक चलता रहा। विवाद बढ़ता देख उधोग के उच्च अधिकारियों व ठेकेदार द्वारा घायल श्रमिक को जनसेवा भेजा गया।
गंभीर रूप से घायल श्रमिक को जनसेवा ने किया रेफर
जनसेवा हॉस्पिटल द्वारा भी श्रमिक को सिरियस बता कर बाहर के अन्य हॉस्पिटल में ले जाने को कह दिया, तब जगदम्बा कॉन्ट्रेक्टर के ठेकेदार व उसके मुनीम द्वारा अमानवीयता दर्शाते व घोर लापरवाही बरतते हुवे श्रमिक को बाहर ले जाने के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था भी नहीं की गई। उद्योग के स्थायी कर्मचारी किशन शेखावत द्वारा श्रमिक के लिए अम्बुलेंस की व्यस्था करी। जबकि उद्योग में कम्पनी की स्वयं की एम्बुलेंस हमेशा रहती है। रात 12 बजे घायल श्रमिक को एम्बुलेंस जनसेवा से लेकर उद्योग गेट पर आई व श्रमिक के परिजन व एक अन्य श्रमिक उसे लेकर उज्जैन के पाटीदार हॉस्पिटल के लिए रवाना हुए। उसके बाद सभी श्रमिको ने उद्योग के गेट से जाम खत्म हो पाया। साथी श्रमिकों द्वारा घायल श्रमिक का रात में ही पाटीदार हॉस्पिटल में उपचार करवाया तथा आईसीयू में भर्ती करवाय तथा एक्स-रे व एमआर आई करवाई गई।
पूर्व में भी हो चुकी हैं दुर्घटनाऐं
बताया जाता है कि पूर्व मे भी 20 नवम्बर 2021 को इसी तरह लैंक्सेस में जगजीत फेब्रीकेसन के श्रमिक पवन पांडे का भी उद्योग में दुर्घटना होने पर उसके साथ भी लापरवाही बरतने पर श्रमिक की आंखों से दिखना तक बंद हो गया था। जिसका उपचार परिजनों द्वारा इंदौर में करवाया गया था। श्रमिक नेताओं ने आरोप लगाया कि बहुराष्ट्रीय कंपनी होने के बाद भी लैंक्सेस उद्योग प्रबंधन श्रमिकों के प्रति अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहा है। उन्होंने कहा कि उद्योग सीएसआर फण्ड के तहत करोडों रूपये स्वास्थ्य सुविधाओं पर खर्च करने का ढोंग करता है लेकिन जब वास्तविकता में श्रमिकों को आवश्यकता पडती है तो स्वास्थ्य सुविधाऐं उपलब्ध ही नहीं होती है। घटना के बाद से लैंक्सेस में कार्यरत श्रमिकों में काफी गुस्सा दिखाई दे रहा है जो कभी भी ज्वाला बन कर फूट सकता है।
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