MP NEWS24- करोडों की लागत से निर्मित रिंग रोड जिम्मेदारों की अनदेखी के कारण अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है। लिंक रोड पर आवागमन की शुरूआत करने के लिए सडक के बीचो-बीच स्थित रेल्वे फाटक पर उच्च स्तरीय पुल निर्माण करने की आवश्यकता है या फिर फाटक को स्थानांतरित कर रोड की दिशा में लाना पडेगा, उसके बाद ही उक्त मार्ग पर आवागमन प्रारंभ हो सकता है। बडा सवाल यह है कि फाटक का स्ािानांतरण करने के लिए 60 लाख से डेढ करोड रूपए तक की राशि खर्च होगी। अब प्रश्न यह उठता है कि इस राशि को कौन वहन करेगा ताकि आवागमन प्रारंभ हो सके। रोड प्रारंभ करने को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि रेल्वे के अधिकारी मौके पर आए थे, जिसमें फाटक शिफ्टिंग का खर्च 60 लाख रूपये बताया गया है।फाटक को शिफ्टिंग का खर्च अनुमानित प्रारंभ में 60 लाख रूपये अधिकारियों के द्वारा बताया गया है, लेकिन यदि पुरी तरह से फाटक का निर्माण होता है तो करीब डेढ करोड का खर्च बताया जा रहा है। अब यहॉं पर संशय की स्थिति निर्मित हो गई है कि खर्च की जिम्मेदारी कौन उठाएगा ? क्या लोक निर्माण विभाग, नगर पालिका, रेल्वे या फिर उद्योग इस राशि का वहन करेगा ? इसको लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। मामले में अंदेशा व्यक्त किया जा रहा है खर्च की जिम्मेदारी को लेकर लिंक रोड शुरू होने में कहीं फिर से रोडा न अटक जाऐ। इस पुरे मामले में यह प्रश्न उठता है कि जब इस रोड का निर्माण किया गया था उस समय इस व्यवस्था का ध्यान आखिर क्यों नहीं रखा गया ? क्योंकि रोड निर्माण की डीपीआर एवं निर्माण से पूर्व यह सभी स्थिति सामने थी। सूत्र बताते हैं कि क्षेत्र के जमीनों के मालिकों एवं उद्योग को लाभ पहुॅंचाने के लिए इस मार्ग का निर्माण किया गया है, लेकिन विभाग की करोडों की राशि खर्च होने के बाद भी मार्ग का सदुपयोग नहीं हो पा रहा है।
शासन की करोडों की राशि फंसी
मामले में जानकारों का कहना है कि रिंग लिंक रोड के निर्माण में शासन द्वारा करोडों की राशि खर्च की गई है तथा मार्ग का निर्माण हुए भी काफी समय बीत गया है। यहॉं आस-पास के भूमि स्वामियों द्वारा अपनी भूमि का दाम भी लाखों-करोडों में कर दिया है, लेकिन मार्ग के प्रारंभ नहीं होने से कई अचल संपत्ति के खरीददार भी इस क्षेत्र में भूमि क्रय कर फंसते हुए दिखाई दे रहे हैं। वहीं मार्ग प्रारंभ होने को लेकर अतिरिक्त राशि की व्यवस्था अब कहॉं से होगी ? नपा इस मार्ग पर व्यय कर नहीं सकती क्योंकि मार्ग अभी प्रारंभ ही नहीं हुआ ऐसे में हस्तांतरित होने का सवाल भी उत्पन्न नहीं होता। लोक निर्माण विभाग अथवा रेल्वे को ही इस राशि का व्यय करना होगा। इसके बाद ही मार्ग प्रारंभ हो सकती है।
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