MP NEWS24-विगत 18 मार्च 2020 को म.प्र. शासन केबिनेट मीटिंग में जिला बनाने के प्रस्ताव की स्वीकृति दिये जाने के बावजूद भी गजट अधिसूचना जारी नहीं किये पर सामाजिक कार्यकर्ता अभय चोपडा ने शासन की कठोर शब्दो में निंदा करते हुए 7 दिवस में गजट अधिसूचना जारी करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री महोदय, मुख्य सचिव एवं राजस्व मंत्री के नाम सूचना पत्र जारी किया है। गजट अधिसूचना जारी नहीं की जाती है तो नागरिक अधिकार मंच मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय से मध्यप्रदेश शासन को गजट अधिसूचना जारी करने के निर्देश देने को लेकर हस्तक्षेप करने की मांग करेगा।चोपडा ने कहा कि म.प्र शासन द्वारा जिला बनाये जाने के कोई स्पष्ट नियम नहीं होने से जिला बनाये जाने के सारे अधिकार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के पास है। वर्ष 2008 से लगातार नागदा की जनता के प्रति उपेक्षा पूर्ण रवैया अपनाते हुए श्री चौहान क्षेत्र की जनता से झूठे वादे करके जानबूझकर नागदा को जिला नहीं बना रहे है। नागदा की जनता का हक एवं अधिकार है कि नागदा जिला बने। नागदा की जनता के स्वाभिमान के नाते किसी भी नेता को न तो भीख मांगनी चाहिये न ही पैर पड़ना चाहिये। यह हमारा अधिकार है और यह हमें मिलना ही चाहिये। इन्हीं मुद्दो को लेकर नागदा के साथ भेदभावपूर्व रवैया को लेकर एक याचिका माननीय उच्च न्यायालय में लगाई जावेगी।
चोपड़ा ने बताया कि सुचना पत्र में याचिका में मांग की गई कि नागदा नगर को जिला बनाये जाने का प्रस्ताव राज्य शासन के निर्देशानुसार जिलाधीश उज्जैन के माध्यम से मंगवाया गया था। जिसके परीक्षण उपरांत संशोधित कर जिला प्रशासन से मंगाये गये प्रस्ताव को केबिनेट मीटिंग के द्वारा सहमति दी गई थी। सहमति के निर्धारित समयावधि 30 दिन के बाद गजट अधिसूचना जारी कर नागदा को जिला बनाया जाना था। लेकिन एक वर्ष व्यतीत होने के बाद भी आज दिनांक तक नागदा को जिला बनाये जाने की गजट अधिसूचना जारी नहीं की गई जो कि नागदा और आसपास के क्षेत्र की जिले में सम्मिलित होने वाली जनता के साथ अन्याय है। नागदा के पहले कई ऐसे क्षेत्र को जिला बनाया गया है जो कि नागदा से कम मापदण्ड रखते थे एवं नागदा जिले की समस्या से कम प्रभावी थे। उज्जैन जिले में सिंहस्थ होने एवं धार्मिक नगरी होने तथा क्षेत्र का बड़ा आकार होने से सारे अधिकारी उज्जैन नगर की सेवा में व्यस्त रहते है। ग्रामीण क्षेत्रो की जनता को अपनी सेवा नहीं दे पाते है। इसके कारण उज्जैन जिले के दूरदराज रहने वाले नागरिको को शासकीय योजना का लाभ एवं प्रशासनिक सुविधा नहीं मिल पाती है। इससे क्षेत्र लगातार पिछड़ रहा है। भारतीय जनता पार्टी की नीति है कि स्वच्छ प्रशासन के लिये देश में छोटे राज्य एवं छोटे जिले बनाये जाये। लेकिन भारतीय जनता पार्टी की सरकार इस नीति का क्रियान्वयन नहीं कर दोहरा मापदण्ड अपना रही है। जो कि अनुचित होकर अवैध है। नेतृत्व के ढुलमुल एवं दोहरे रवैये को लेकर क्षेत्र की जिले की मांग की लगातार उपेक्षा की जा रही है। जबकि प्रदेश में अन्य नेतृत्व दबाव बनाकर के अपने क्षेत्र को जिला बनवा लिया है। भारतीय जनता पार्टी के नेता द्वारा मांग को दमदारी से नहीं उठाने से केबिनेट से पारित प्रस्ताव का भी क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है। नागदा के जिला नहीं बनने से जिला चिकित्सालय सहित कई आवश्यक सेवाओं का लाभ भी क्षेत्र की जनता को नहीं मिल पा रहा है जिससे जनता का भारी नुकसान हो रहा है एवं जिला बनाये जाने से शिक्षा के क्षेत्र में भी काफी सुविधा प्राप्त हो सकती है।
चोपड़ा द्वारा मांग की गई है कि क्षेत्र की जनता के हित में अतिशीघ्र जिला बनाये जाने हेतु गजट अधिसूचना जारी की जावे।
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