MP NEWS24-नपा परिषद को पेयजल संरक्षण अधिनियम के प्रावधानो के चलते एक समय जल प्रदाय करने के निर्णय का वैधानिक अधिकार नही है। पेयजल संरक्षण अधिनियम के अर्न्तगत पेयजल के प्रयोजन के लिये कृषि और औद्योगिक उपयोग पर पेयजल संकट से निपटने के लिये जिलाधीश प्रतिबन्ध लगा सकता है। लेकिन नपा प्रशासक एवं एसडीएम तथा मुनपा अधिकारी द्वारा पेयजल मे कटौती ओद्योगिक प्रयोजन हेतू जल बचाने के लिये की है। इसकी नागरिक अधिकार मंच ने कठोर शब्दो मे निन्दा करते हुए पेयजल कटोती के आदेश को तुरन्त निरस्त करने कि मांग की है।पहले तो कटौती का अधिकार नहीं, यदि कटौती की तो शुल्क भी आधा करे नपा
नागरिक अधिकार मंच के अध्यक्ष अभय चोपड़ा और संयोजक अभिभाषक शैलेन्द्रसिंह चौहान ने बताया कि चंबल नदी मे वर्ष भर उपयोग मे आने के लिये भरपूर पेयजल है। इसमे कोई कमी आती है तो पहले औद्योगिक एवं कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिबन्ध लगाया जाना चाहिये। पेयजल पर प्रतिबन्ध लगाना औचित्यहीन है।
55 लीटर प्रति व्यक्ति जल का मौलिक अधिकार प्राप्त है जनता को
एक समय जल प्रदाय करने से प्रति व्यक्ति 55 लिटर जल प्रदाय के मौलिक अधिकार का पालन नही होगा। अगर एक समय जल प्रदाय किया जाता है तो शुल्क भी आधा करना चाहिये। नपा अधिनियम 1961 की किसी भी धारा में प्रशासक या सीएमओ को पेयजल प्रदाय मे कटौती करने का अधिकार नही है। उद्योग समूह के इशारे पर अधिकारी प्रशासन चलाकर जनता को पेयजल मे बाधा पहुचा रहे है। जो कि आवश्यक सेवा अधिनियम मे बाधा पहुंचाने की परिधि मे आता है। नागरिक अधिकार मन्च, सत्ताधारी नेताओ और क्षेत्रीय विधायक की भी कठोर शब्दो में निन्दा करते है कि पेयजल जैसे मुद्दे पर मौन है।
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एक समय पेयजल सप्लाय का निर्णय जनभावना के खिलाफ-अब्दुल हमीद
नपा द्वारा शहर में एक समय पेयजल सप्लाय वह भी ग्रीष्मकाल में, दुर्भाग्यपूर्ण होकर जनभावना के खिलाफ है। शहर में दो समय भी पर्याप्त पेयजल नागरिकों को मुहैय्या नहीं हो रहा है। तो फिर एक समय सप्लाय से नागरिको में रोष होना स्वाभाविक है। उक्त बात भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के पूर्व प्रदेश मंत्री व सोश्यल वर्कर श्री अब्दुल हमीद ने कहते हुए बताया कि नागदा नगर पालिका का गठन 21 जनवरी 1968 को हुआ। हमीद ने कहा कि मिर्ची बाजार स्थित पानी की टंकी के पास स्थित चंबल सागर कॉलोनी, जन्मेजय मार्ग, चम्बल मार्ग, किल्कीपुरा, जीनिंग भूमि, 64 ब्लॉक, चेतनपुरा, जबरन कॉलोनी के नागरिक पानी प्राप्ति के लिए इधर-उधर भटक रहे है। केवल 15 से 20 मिनट थोड़ा पानी मिलता है, वह भी बिना मोटर लगाए नहीं आता। जब शिकायत करते है तो कहा जाता है कि टंकी जीरो हो गई। नयी पाइप लाईन से पानी और भी कम प्रेशर से आता है। कई मोहल्लो में नयी सब लाइने बिछाई ही नहीं गई है। ऐसे में यह कथन कि बि नयी लाइन से ही पेयजल सप्लाय होगा, न्यायसंगत नहीं है। आज भी शहर में ट्यूबवेल के सहारे व सार्वजनिक नलो से नागरिक पानी प्राप्त कर रहे है। दो समय पानी सप्लाय से भीषण गर्मी में पानी कम प्रेशर से आने के उपरांत भी पेयजल पूर्ति हो जाती है। ऐसे में नपा को अपना निर्णय वापस लेना चाहिए।
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