नागदा जं.--बजरंग दल नेता राकु चौधरी हत्याकाण्ड के आरोपी आर्यन आर्य की जमानत खारिज

MP NEWS24- बजरंग दल के जिला प्रचार प्रमुख राकु चौधरी हत्याकाण्ड के मुख्य आरोपी आर्यन आर्य की जमानत अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय से खारिज हो गई है। वहीं मामले में पुलिस चालान भी न्यायालय में प्रस्तुत करने जा रही है। ऐसे में एफआईआर में नामजद अन्य आरोपीयों की गिरफ्तारी होती है या नहीं इस पर हिन्दु संगठनों की निगाह लगी हुई है।

गौरतलब है कि बजरंग दल के जिला प्रचार प्रमुख राकु चौधरी की हत्या के चार दिन पूर्व ही उनके नेतृत्व में भव्य हिन्दु शौर्य संचलन का आयोजन किया गया तथा जिसमें हजारों की संख्या में युवाओं का संचलन संपूर्ण नगर में निकाला गया गया था। आयोजन के बाद चौधरी का कद भी संगठन में काफी बढा था। 29 दिसम्बर को अचानक उनके कार्यालय पर चौधरी की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जिसमें उनके भाई की रिर्पोट पर पुलिस द्वारा कांग्रेस नेता कमल आर्य, उनके भाई यशवंत आर्य, भतीजे आर्यन आर्य, विजय पटेल एवं गोली मारने वाले तरूण शर्मा के विरूद्ध हत्या एवं षडयंत्र के मामले में अपराध दर्ज किया गया था। विवेचना के बाद आर्यन के सगे भाई एवं एक अन्य युवक को का नाम भी अपराध में शामिल किया गया है।
हत्याकाण्ड के आरोपी की जमानत खारिज
पुलिस विवेचना में बजरंग दल के जिला प्रचार प्रमुख की हत्या में मुख्य षडयंत्रकारी के रूप में आर्यन आर्य का नाम सामने आया था तथा आरोपीयों से पुलिस द्वारा की गई पुछताछ के बाद आर्यन के छोटे भाई को भी हत्याकाण्ड में आरोपी बनाया गया था। आर्यन के छोटे भाई की नाबालिक होने के कारण पूर्व में ही जमानत हो चुकी है। वहीं न्यायालय ने आर्यन के जमानत के आवेदन को खारिज कर दिया है। चर्चा इस बात की जोरों पर है कि राजनीतिक दबाव में पुलिस जांच में राकु चौधरी के भाई द्वारा दर्ज करवाऐ गए नामजद आरोपी कमल, यशवंत, विजय को एफआईआर से बाहर किया जा सकता है। हिन्दु संगठनों एवं राकु के परिवारजनों द्वारा इसका पुरजोर विरोध किया जा रहा है। गत दिनों उज्जैन में प्रेसवार्ता के माध्यम से हिन्दु संगठनों के आगेवानों एवं राकु चौधरी के भाई ने मिडिया के सम्मुख सभी को आरोपीयों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने की बात कही थी, क्योंकि राकु का आर्य परिवार से मंदिर की भूमि को लेकर लम्बे समय से विवाद चला आ रहा था वहीं पुलिस थ्योरी जो सुनने में आई कि अन्य आरोपीयों की कोई कॉल डिटेल नहीं है, जबकि षडयंत्रकर्ता के परिवार के दो सदस्य हत्याकाण्ड में आरोपी हैं तथा उनकी गिरफ्तारी हो चुकी है। जब दो परिवार के सदस्य षडयंत्र में शामिल हैं तो अन्य परिजन शामिल कैसे नहीं हो सकते है ? नामजद आरोपीयों को गिरफ्तार नहीं होने पर हिन्दु संगठनों ने संपूर्ण जिले में आंदोलन किए जाने की चेतावनी भी दे रखी है।
32 हिन्दुवादी कार्यकर्ताओं पर बनाऐ प्रकरण
बजरंग दल नेता राकु चौधरी की हत्या के बाद शहर में उत्पन्न स्थिति को लेकर पुलिस प्रशासन द्वारा 32 हिन्दुवादी कार्यकर्ताओं पर अपराधिक प्रकरण दर्ज किये है। जिसको लेकर भी हिन्दुवादी संगठनों में काफी आक्रोश है। पूर्व में भी हिन्दु जागरण मंच के प्रांतीय उपाध्यक्ष भैरूलाल टाक के परिजनों एवं सैकडों कार्यकर्ताओं पर झुठे प्रकरण प्रशासन द्वारा दर्ज कर लिए गए थे। भाजपा शासन में हिन्दु समाज के व्यक्तियों के विरूद्ध लगातार हो रही झुठी कार्रवाईयों को लेकर हिन्दु समाज में आक्रोश व्याप्त है। न्याय करने का कार्य न्यायालय का है परन्तु हिन्दु संगठनों का कहना है कि पुलिस अधिकारी स्वयं न्यायालय का कार्य करने लग गए हैं।

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