MP NEWS24-अगले दिन अगर किसी विद्यार्थी की 10 वी बोर्ड की परीक्षा हो और उसे कहा जावे कि उसे अजनबी दृष्टि बाधित दिव्यांग के लिए परीक्षा में मदद हेतु रायटर बनकर 50 किलोमीटर दूर उज्जैन जाना है, तो शायद ही कोई इसके लिए तैयार हो किन्तु परिवार के संस्कार अगर सेवा भाव के हो तो यह भी हकीकत में बदल सकता है। नागदा की मात्र 15 वर्षीय मुस्कान शर्मा जो 10 वी कक्षा की छात्रा है ने सोमवार को इस बात को चरितार्थ कर पुरे समाज को एक सन्देश दिया है।
लायंस ऑफ़ नागदा की स्थाई परियोजना स्नेह के संस्थापक पंकज मारू ने बताया कि 23 फरवरी को आलोट तहसील के गुल्लबालोर गाँव के 90 प्रतिशत दृष्टिबाधित दिव्यांग बालेश्वर शर्मा ने उन्हें बताया कि 7 मार्च को उनकी शिक्षक संवर्ग 3 हेतु प्रतियोगी परीक्षा उज्जैन मई है जिसके लिए उन्हें 10वी या उससे नीचे की कक्षा के किसी विद्यार्थी की राइटर के रूप में मदद की आवश्यकता होगी। मारू ने इस हेतु नागदा एवं उज्जैन के विभिन्न विद्यालयों से संपर्क कर उसकी सहायता का अनुरोध किया किन्तु इन कक्षाओं के विद्यार्थियों की वार्षिक परिक्षाए जारी होने से सभी ने इसमें असमर्थता जाहिर की। तब मारू ने स्नेह संस्था में कार्यरत चन्दनसिंह शर्मा से उनकी पुत्री मुस्कान जो कक्षा 10 वीं की छात्रा है, को परीक्षा राईटर बनाने का अनुरोध किया। मुस्कान की स्वयं की 8 मार्च की सुबह 10 वीं बोर्ड के संस्कृत विषय की परीक्षा थी, किन्तु उनकी मम्मी गुडिया शर्मा जो स्वयं भी स्नेह में कार्यरत है ने उसको इस हेतु आगे आने के लिए प्रेरित किया। मुस्कान ने तुरंत मारू को इसकी स्वीकृति प्रदान की और मारू ने अपनी स्वयं की कार से सोमवार को उनके पिता के साथ उज्जैन भेजा जहां मुस्कान ने बालेश्वर हेतु परीक्षा राईटर बन कर उसकी प्रतियोगी परीक्षा में मदद की। परीक्षा के पश्चात नागदा लोटने पर जहां मुस्कान ने इसे अत्यंत ही सुखद अनुभव बताते हुए भविष्य में भी दिव्यांगजनों की मदद को संकल्पित रहने की बात कही। वही बालेश्वर ने इस हेतु संस्था स्नेह, मुस्कान एवं उसके परिवार के प्रति आभार व्यक्त किया। मुस्कान के इस प्रेरणादायी कार्य की स्नेह के विनय राज शर्मा, गोविन्द मोहता, रवि कांठेड, विजय पोरवाल, पंकज पावेचा, सुरेन्द्र सिंह चौहान, महेशचन्द्र राठौर, विप्लव चौहान, कृष्णकांत गुप्ता,कमलेश जायसवाल सहित अनेक गणमान्य नागरिकों ने भूरी भूरी प्रसंसा की है।
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