MP NEWS24- जैन धर्मावलम्बियो में श्रावक एवं श्राविकाओं के चल रहे 13 माह के कठिन वर्षीतप की तपस्या का पारणा 3 मई को पुर्ण होने जा रहा है। इसी कड़ी में श्रीमती संगीता सकलेचा द्वारा भी 13 माह (396 दिन) की कठिन तपस्या चल रही है। शनैः शनै. वर्षीतप तपस्या पूर्ण होने को आ रही है जिसका सामूहिक पारणा 3 मई को होगा। ज्ञातव्य हो कि वर्षीतप रंगपंचमी के दुसरे दिन यानी शीतला सप्तमी से शुरू होकर 13 माह पश्चात् आखातीज के दिन पूर्ण होता है। इस दौरान उपवास, बेला, तेला, एकासना, आयम्बिल एवं प्रतिक्रमण समयिक, माला आदि नित्य प्रतिदिन धर्म आराधना इस तपस्या में करनी होती है। वैसे भी जैन समाज में त्याग, तपस्या एवं तप का अपना एक अलग ही महत्व है। चाहे छोटे से छोटा बालक या बड़े से बड़ा बुजूर्ग हो। चातुर्मास हो या ना हो 12 ही महिने जैन समाज में तपस्या निरन्तर गतिमान रहती है। वर्षीतप आराधको का समाजजन सहित परिवार एवं ईष्ट मित्रो द्वारा इनकी कठिन तपस्या की सुखसाता पुछते हुए अनुमोदना कर रहे है एवं उनका अभिनंदन भी कर रहे है। वर्षीतप तपस्या में श्रीमती संगीता सकलेचा सहित चंदनमल संघवी, कमलनयन चपलोत, श्रीमती मानुबेन तरवेचा, श्रीमती चमेली बेन नवलक्खा, श्रीमती रंजना लुणावत, कम उम्र की बालिका श्रेया कटलेचा, इस 13 माह की कठिन तपस्या में सहभागी बने हुए है, जिनका पारणा आखातीज के दिन पूर्ण होगा। 13 माह के इस कठिन तपस्या का पारणा गुरू भगवंतो, साधु-साध्वीजी की निश्रा में अथवा पालीताना, हस्तिनापुर आदि धार्मिक स्थलो पर सामूहिक रूप से किया जाता है।
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