नागदा जं.--बिजली बेचना बंद कर अघोषित विद्युत कटौती बंद करे सरकार निजी कम्पनियों से किए गए अनुबंध अनुरूप बिजली ले सरकार- विधायक गुर्जर

MP NEWS24- प्रदेश सरकार द्वारा बिजली अन्य प्रदेशों को बेचने के कारण मध्यप्रदेश की जनता को अघोषित विद्युत कटौती का सामना करना पड रहा है वहीं निजी कम्पनियों से किए गए अनुबंध अनुसार भी बिजली नहीं ले रही है जिसका खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड रहा है अघोषित विद्युत कटौती पर रोक लगाने की मांग विधायक दिलीपसिंह गुर्जर ने मुख्यमंत्री व ऊर्जामंत्री से की है।

श्री गुर्जर ने बताया कि प्रदेश सरकार कह रही है कि हमारे पास भरपुर बिजली है फिर प्रदेश में बिजली की मांग और पुर्ति में 571 मेगावट बिजली की कमी क्यों आ रही है ऐसा अचानक क्या कारण और कौनसी परिस्थितियां निर्मित हो गई कि क्षेत्र में घंटो अघोषित बिजली कटौती करना पड रही है। क्यों निजी कम्पनियों से किए गए करार बेकार हो रहे है फिक्स चार्ज के रूप में निजी सेक्टर को 4 हजार करोड रूपये क्यों दे रही है जब आपातकाल के समय बिजली उपलब्ध कराने के लिए ही यह राशि दी जाती है तो फिर निजी कम्पनियां बिजली आपूर्ति में असमर्थता क्यों जता रही है फिक्स चार्ज के रूप में निजी कम्पनियां भारी भरकम रकम सरकार से ले रही है ताकि संकट के समय जरूरत के अनुरूप प्रदेश को बिजली उपलब्ध कराई जा सके लेकिन इसके उलट वर्तमान में घण्टों अघोषित बिजली कटौती की जा रही है प्रदेश सरकार अन्य सरकारों को बिजली बेच कर भारी मुनाफा कमा रही है।
श्री गुर्जर ने यह भी लिखा है कि अनुबंध वाली निजी कम्पनियां आपातकाल में बिजली उपलब्ध नही कराती है तो भारी जुर्माने का प्रावधान है लेकिन सरकार व उच्च अधिकारी जुर्माने के बजाय कम्पनियों पर मेहरबानी कर रहे है। आज कोयले का संकट का रोना रो रही सरकार को तत्काल निजी कम्पनियों से अनुबंध किए अनुसार सख्ती से बिजली लेनी चाहिए अन्यथा आम उपभोक्ता को पुरा पैसा देने के बावजुद दोहरा झटका (फिक्स चार्ज दर वृद्धि, पुरा बिजली बील आदि) अघोषित कटौती का सामना करना पड रहा है।
श्री गुर्जर ने बताया कि वर्तमान में सिंचाई का कार्य पूर्ण हो गया है अब कृषि सिंचाई का लोड नहीं है जिसके चलते विभाग को अघोषित बिजली कटौती करना पडे। ग्रामीण क्षेत्र में घण्टों अघोषित बिजली कटौती से जहां आमजनता परेशान है वही चोरी की वारदातों में लगातार वृद्धि हो रही है। ग्रामीण क्षेत्र में पशु चोरी, वाहन चोरी, मंदिरों पर चोरी व अन्य चोरी के साथ मकानों में भी चोरी की घटनाऐं हो रही है। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में धार्मिक कार्यक्रम व विवाह कार्यक्रम विशाल पैमाने पर हो रहे है ग्रामीण क्षेत्र में आम जनता को पीने का पानी तथा पशुओं को पीलने के पानी की गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो गई है यहां तक कि ग्रामीण् क्षेत्र में विवाह, धार्मिक आयोजनों में बिजली कटौती के कारण निरस्त करना पड रहे है।
श्री गुर्जर ने पत्र में इस ओर ध्यान आकर्षित किया कि पूर्व की कांग्रेस सरकार में एक मिनट के लिए बिजली गुल हो जाती थी तो भाजपा के लोाग हाहाकार मचा देते थे अब जब पुरे क्षेत्र में ही नहीं पुरे प्रदेश में प्रतिदिन घण्टों बिजली गुल हो रही है तो भाजपा की सरकार के नुमांइदे क्यों बिजली कटौती का विरोध नहीं कर रहे है जनता के हित में घर से बाहर निकल कर सडकों पर बिजली कटौती का विरोध करे और भाजपा सरकार के मुखिया को जनहित में ईमानदारी से अवगत कराएं।
इधर घाटे में लगातार वृद्धि
जहां फिक्स चार्ज में करोडों रूपये दिए जा रहे है वहीं बिजली कम्पनियों के घाटों में बढोतरी हो रही है बिजली कम्पनियां 4 हजार करोड का सालाना घाटा बताती है जबकि कम्पनियों का कर्ज ही 50 हजार करोड रूपये पार हो गया है। मध्यप्रदेश में अंधाधुंध तरीके से निजी सेक्टर से बिजली खरीदी की गई सरप्लस स्टेट होने के बाद इसकी जरूरत ही नहीं थी यह सब निजी सेक्टर को फायदा पहुंचने के लिए किया गया है।
नतीजा महंगी होती बिजली फिर भी अघोषित कटौती
मध्यप्रदेश में सभी खर्ज मिलाकर औसतन 7.10 रूपये प्रति युनिट बिजली हो चुकी है गत माह ही बिजली में 2.64 प्रतिशत की वृद्धि की गई है कुल मिलाकर घरेलु बिजली 9 रूपये युनिट के लगभग हो चुकी है घरेलु उपभोक्ताओं पर भारी भार डाले जाने के बाद भी कटौती का व अंधेरे में रहने का सामाना करना पड रहा है। यदि सरकार तत्काल अघोषित विद्युत कटौती बंद नहीं की तो जनहित में कांग्रेस चरणबद्ध आंदोलन करेगी।

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