MP NEWS24- गत 7 जून को नगर पालिका द्वारा अटल निसर्ग उद्यान में संचालित स्वीमिंग पुल में ग्राम लसुडिया जयसिंह के 18 वर्षिय युवक शिवम आंजना की नपा के अधिकारियों, कर्मचारियों की लापरवाही के चलते डूबने से हुई मौत के मामले में आंजना समाज द्वारा सोमवार को जिला कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन उनके कार्यालय पर पहुॅंच कर दिया। ज्ञापन देते समय आंजना समाज के सैकडों की संख्या में उपस्थित समाजजनों ने प्रशासन की कार्रवाई पर आक्रोश जताते हुए जिम्मेदार नपा प्रशासक एवं मुनपा अधिकारी पर भी कार्रवाई करने की मांग की है। आंजना समाजजनों द्वारा ज्ञापन दिए जाने के बाद वरिष्ठ अधिकारियों पर भी अब कार्रवाई की तलवार लटकती नजर आ रही है।ज्ञापन देकर जताया आक्रोश
आंजना समाज जिला उज्जैन के बैनरतले दिए गए ज्ञान में समाजजनों ने कहा कि नगर पालिका द्वारा शासन के गजट अधिसूचना का पालन नहीं करते हुए बिना लायसेंस और सुरक्षा मापदण्डों का पालननहीं करते हुए अवैधानिक और गैरकानूी तरीके से तरणताल का संचालन करने से 7 जून 2022 को तैरते समय हादसे में 18 वर्षीय बालक शिवम आंजना की मृत्यु हो गई अगर नपा द्वारा शासन के निर्देशों का पालन किया जाता तो कदापि हादसा नहीं होता। नपा की लापरवाही से हुआ हादसा गैर इरादतन हत्या की परिधी में आता है।
तरणताल को वैधानिक रूप से संचालन का दायित्प प्रशासक, मुनपा अधिकारी एवं प्रभारी अधिकारी का
ज्ञापन में यह भी कहा गया कि उक्त तरणताल को वैधानिक रूप से चलाने का दायित्व नपा प्रशासक आशुतोष गोस्वामी, मुख्य नगर पालिका अधिकारी सीएस जाट एवं प्रभारी शाहिद मिर्जा का है। इसके अवैधानिक संचालन का आदेश इन्हीं अधिकारियों ने नोटशीट पर गैरकानूनी तरीके से संचालनका आदेश दिया। तरणताल पर अयोग्य व्यक्तियों की नियुक्ति बगैर वैधानिक मापदण्ड एवं प्रक्रिया अपनाते हुए अवैधानिक तरीके से किया। ज्ञापन में यह भी कहा गया कि म.प्र. शासन के तरणताल संचालन के नियम और निर्देश का पालन नहीं करते हुए तरणताल निर्माण की वैधानिक स्वीकृति प्राप्त नहीं करते हुए प्लम्बर, डिजाईन इंजीनियर आदि के सहयोग के बिना अवैधानिक रूप से निर्माण किया गया साथ ही ड्यूटी पर सक्षम कर्मचारी नपा प्रशासक द्वारा नियुक्त किए जाते तो इतना बडा हादसा नहीं होता।
25 की अनुमती में 80 लोग नहा रहे थे
ज्ञापन में यह भी बताया गया कि तरणताल में 25 लोगों के नहाने की गाईडलाईन थी परन्तु 80-90 युवक नहा रहे थे, जो कि नियम के विरूद्ध है जिसकी उच्चस्तरीय जांच करवाई जाए और पीडित परिवारको उचित मुआवजा राशि दिलवाई जाए।
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