नागदा जं.--स्वीमिंग पुल पर कार्यरत थे कितने नेताओं के रिश्तेदार ? क्या राजनीतिक दबाव के चलते नियमों को रखा गया ताख पर

MP NEWS24- मंगलवार को नगर पालिका द्वारा अटल निसर्ग उद्यान में संचालित स्वीमिंग पुल में एक युवक की डूबने से हुई मौत ने प्रशासनिक लापरवाहियों की पोल खोल कर रख दी है। घटना के बाद स्पष्ट है कि स्वीमिंग पुल में न तो सुरक्षा के कोई प्रबंध थे और ना ही प्रशिक्षित व्यक्तियों को रखा गया था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार स्वीमिंग पुल पर सत्ताधारी दल से जुडे कई राजनीतिक लोगों के रिश्तेदारों को भी कार्य पर रखा गया था जिसका परिणाम यह हुआ कि वहॉं इतना बडा हादसा हुआ है। सूत्र तो यह भी बताते हैं कि एक पूर्व पार्षद के पुत्र से लेकर नपा की बजाऐ बडे राजनीतिक लोगों के यहॉं सेवाऐं देने वाले नपा के संविदा कर्मचारीयों की ड्यूटी भी स्वीमिंग पुल पर थी। ऐसे में शहर में यह पुरा मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।

प्रशासनिक मुखिया ने भी सवाल उठाकर निभा ली थी औपचारिकता
नपा के स्विमिंग पूल में डूबने से ग्राम लसूड़िया जय सिंह निवासी 16 वर्षीय शिवम आंजना की मौत के बाद शहर में विरोध शुरू हो गया है। मामले में एसडीएम आशुतोष गोस्वामी ने सीएमओ सीएस जाट को नोटिस जारी कर प्रशासनिक मुखिया होने का दायित्व निभा दिया है। एसडीएम गोस्वामी ने मिडिया को बताया कि हादसे के सात दिन पहले ही उन्होंने स्वीमिंग पूल का औचक निरीक्षण किया था। जिसमें पाया गया था कि यहां के लाइफ गार्ड का प्रदर्शन ठीक नहीं था। इनमें कुछ तो ठीक से तैरना भी नहीं जानते थे। सुरक्षा के अन्य साधन का अभाव होने पर उन्होंने सीएमओ जाट और इंजीनियर शाहिद मिर्जा को नोटिस जारी किया था। नोटिस का जवाब सात दिन के भीतर मांगा था, लेकिन वह जवाब अब तक दोनों अफसरों ने नहीं दिया। एसडीएम गोस्वामी ने बताया कि नपा अफसरों ने निर्देश का पालन नहीं किया, इसकी जानकारी उन्होंने जिला कलेक्टर आशीष सिंह और एडीएम संतोष टैगोर को दे दी थी।
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नेताओं के रिश्तेदारों को किसके आदेश पर किया तैनात
इस पुरे घटनाक्रम को लेकर मुनपा अधिकारी जाट एवं प्रभारी अधिकारी इंजीनियर मिर्जा तथा स्वीमिंग पुल के इंचार्ज कैलाश मरमट की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग गया है। बताया जाता है कि इन सभी अधिकारियों ने राजनीतिक दबाव में अकुशल लोगों को स्वीमिंग पुल पर तैनात किया। सूत्र बताते हैं कि पूर्व पार्षद के पुत्र से लेकर कई ऐसे व्यक्ति स्वीमिंग पुल जैसे संवेदनशील स्थान पर कार्य कर रहे थे जो सीधे-सीधे सत्ताधारी दल के नेताओं से जुडे हुए हैं अथवा उनके रिश्तेदार है। सूत्र यह भी बताते हैं कि नपा के अधिकारीयों ने जिन लोगांें को स्वीमिंग पुल में तैरने वालों की सुरक्षा हेतु तैनात किया था उनके पास मात्र विक्रम युनिविर्सीटी की एक तैराकी प्रतियोगिता में हिस्सेदारी का प्रमाण-पत्र है। ऐसे में तैराकी प्रतियोगिता में हिस्सा लेना क्या नपा के अधिकारियों की निगाह में दक्ष तैराक की श्रेणी में आता है ? सवाल यह है कि राजनीतिक दबाव में नपा के अधिकारियों ने कई जिंदगियों के साथ खिलवाड किया तथा एक परिवार को अपने घर का चिराग भी खोना पडा।

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