MP NEWS24-शासन द्वारा लागु की गई नई नीति एवं सॉफ्टवेयर के बाद एक खसरा में दर्ज जमीन का फसल बीमा किसान किसी एक ही बैंक से करा सकेंगे। 21 जुलाई से शुरू किए गए बीमा पोर्टल का फिल्टर ऐसे किसानों के आवेदन स्वतः ही निरस्त कर देगा, जिसका बीमा पहले हो चुका है। क्षेत्र के सभी सेवा सहकारी संस्थाओं के प्रबंधकों को लिखित आदेश भेजकर किसानों को जागरूक करने के निर्देश दिए गए हैं।रुपेटा प्राथमिक साख संस्था के प्रबंधक रविंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि, अब तक यह व्यवस्था थी कि किसान एक ही खसरा में दर्ज जमीन पर अलग-अलग बैंकों से लोन लेता था। इसके साथ ही फसल बीमा भी कराता था। इससे उस पर प्रीमियम का बोझ बार-बार आता था। अब किसान एक से अधिक बैंकों से लोन तो ले सकता है, लेकिन फसल बीमा अब एक से अधिक बार नहीं होगा।
बीमा पोर्टल पर संबंधित खसरा दर्ज करते ही यह पता चल जाएगा कि संबंधित किसान की जमीन पर पहले से फसल बीमा हो चुका है या नहीं। मालूम हो कि, नागदा की जिला सहकारी बैंक से जुड़ी क्षेत्र में 11 सेवा सहकारी साख संस्थाएं है। इन 11 संस्थाओं से कुल 5938 किसानों ने केसीसी लोन ले रखा है। फिलहाल हो यह रहा था कि साख संस्थाओं से केसीसी लोन लेने वाले किसानों को फसल बीमा स्वतः ही कर दिया जाता था। चूंकि संस्थाएं लोन कम देती है। ऐसे में किसान अन्य किसी बैंक से लोन लेता था तो यहां भी उसे फसल बीमा कराना प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता था। बीमा पोर्टल किसानों को यह दुश्वारी समाप्त कर देगा। गलती से किसी अन्य बैंक ने किसान का दोबारा फसल बीमा कर दिया तो उसे प्रीमियम राशि किसान को लौटाना होगी। गौरतलब है कि, फसल बीमा किसानों के लिए ऐच्छिक है, लेकिन लोन लेने की स्थिति में यह अनिवार्य हैं।
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