पूछताछ में मोहित ने बताया वह ट्रॉली खाली करने के लिए मुंडलाकला से आलोट आया था। आलोट से पुनरू शाम 7.30 से 8 बजे के बीच गांव लौट रहा था। मोहित के साथ उसके दोस्त भी थे। मोहित कुछ काम का कहकर निकल गया। इसी बीच किसी व्यक्ति ने उसे बेहोशी की दवा सूंघाई। इसके बाद क्या हुआ, कैसे नागदा पहुंचा उसे कुछ पता नहीं था। होश में आने के बाद मोहित का सिर भी पीछे से दर्द कर रहा था। डॉक्टर से पूछने पर अंद्रुनी चोट लगना सामने आई है।
मण्डी थाने के आरक्षक यादव की मेहनत रंग लाई
मंडी थाने में चीता पार्टी में तैनात आरक्षक संदीप यादव के पास शनिवार रात करीब 9.30 से 10 बजे के बीच आलोट थाने से फोन आया कि आलोट से लापता हुए मोहित पिता शंकरलाल प्रजापत (20) निवासी मुंडलाकला की लोकेशन नागदा की आ रही है। सूचना मिलते ही आरक्षक सक्रिय हो गए। वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना देकर संदीप अंकित के साथ मोहित को ढूंढने में लग गए। पहले ग्राम अमलावदिया पहुंचे, फिर लोकेशन रेलवे ट्रैक के आसपास मिली। अमलावदिया से लौटकर संदीप और अंकित रेलवे ट्रैैक पर पहुंचा। काफी दूर मोहित किरण टॉकिज क्षेत्र के पीछे से गुजर रही रेलवे लाइन पर बेहोशी की हालत में मिला। आरक्षक व नगर सुरक्षा समिति सदस्य शर्मा पहले मोहित को लेकर सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचे। फिर उसे जनसेवा रैफर किया। परिजन रास्ते में थे, मोहित को तत्काल एडमिट करना जरुरी था। एडमिट चार्ज 4 हजार रुपए की जरुरत थी। संदीप ने अपने पास से यह रुपए वहन किए। इसके बाद मोहित के परिजन पहुंच गए। तब तक मोहित का इलाज शुरू हो चुका था।
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