April 2021



Nagda(mpnews24)।  लाखों करोडों का व्यापार करने वाले भी यदि अपने सामाजिक उत्तरदायित्वों से पीछे हटकर महामारी में भी व्यापार पर उतर आऐ तो आम व्यापारी, मजदूर एवं श्रमिक आखिर क्या करेंगे। शहर में छोटी दुकानें तो लगभग सभी बंद हैं लेकिन लग्जरी शोरूम बनाकर बैठे सर्राफा व्यापारियों को कफ्र्यू में भी व्यापार का जूनून जढा हुआ है तथा ऐसे में वह अपनी स्वयं की जान से तो खिलवाड कर ही रहे हैं साथ ही दुसरों के जीवन को भी खतरे में डाल रहे है।
शुक्रवार को ऐसे ही एक सर्राफा व्यापारी के विरूद्ध पुलिस ने कानूनी कार्रवाई की। पुलिस प्रशासन द्वारा मुन्नालाल एंड सन्स सर्राफा व्यापारी ऋषभ जैन, जामा मस्जिद रोड़ द्वारा बायपास पर एक दुकान जिसमें धड़ल्ले से सोने चांदी का व्यापार करते रंगे हाथों पकड़े जाने पर 188 की कार्रवाई की गई। प्रशासन द्वारा कोरोना महामारी में लगातार अपने जीवन की परवाह किए लोगों की जान बचाने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन कुछ धनलोभी व्यापारियों द्वारा अपने व्यवसाय को निरंतर चलाया जा रहा है। जो उचित नहीं है।



Nagda(mpnews24)।  कोरोना महामारी से लडाई में जिला प्रशासन ने सिविल हाॅस्पिटल नागदा एवं खाचरौद को 5-5 आॅक्सीजन कंसंट्रेटर प्रदान किए है। उक्त कंसंट्रेटर मिलने से कोरोना मरीजों को आक्सीजन की आपूर्ति में खासी सुविधा मिल सकेगी। वर्तमान में सिविल हाॅस्पिटल नागदा में आॅक्सीजन कंसंट्रेटर की बहुत सख्त आवश्यकता महसुस की जा रही थी। वर्तमान में यहाॅं 4 कंसंट्रेटर से मरीजों को आॅक्सीजन दी जा रही थी 5 और प्राप्त होने से मरीजों को सुविधा मिलेगी तथा आॅक्सीजन के अभाव में दम तोड रहे मरीजों के जीवन को बचाया जा सकेगा।

इन्होंने भी की है राशि की अनुशंसा
विधायक दिलीपसिंह गुर्जर ने सिविल हाॅस्पिटल में जहाॅं आक्सीजन कंसंट्रेटर, आॅक्सीजन सिलेण्डर, रेमडेसिविर इंजेक्शन एवं अन्य सामग्री हेतु राशि प्रदान की है वहीं ईएसआई हाॅस्पिटल में भी कोविड सेंटर प्रारंभ करने के लिए आॅक्सीजन सिलेण्डर, आॅक्सीजन लाईन, कंसंट्रेटर एवं अन्य सामग्री क्रय करने हेतु उक्त राशि का उपयोग करने की बात कही। इतना ही नहीं विधायक द्वारा 10 लाख रूपये की राशि अतिरिक्त नागदा में स्वास्थ्य सामग्री क्रय करने एवं 20 लाख रूपये की राशि नागदा सिविल हाॅस्पिटल में मिनी आॅक्सीज प्लांट लगाने हेतु प्रदान की है। साथ ही खाचरौद के सिविल हाॅस्पिटल एवं कोविड सेंटर के लिए भी वेंटिलेटर, रेमडेसिविर इंजेक्शन, आॅक्सीजन कंसंट्रेटर, आॅक्सीजन सिलेण्डर आदि के लिए 10 लाख रूपये प्रदान किए है।

इनका कहना है
नागदा-खाचरौद के लिए 5-5 आॅक्सीजन कंसंट्रेटर शुक्रवार को प्रदान कीए है। अनुशंसित राशि से कोविड सेंटर पर अन्य आवश्यक संपूर्ण सामग्री भी 10 मई तक प्रदान कर दी जाऐगी।
अंकित अस्थाना, एडीएम एवं जिला पंचायत सीईओ, उज्जैन



Nagda(mpnews24)।  भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचन्द गेहलोत के पोत्र युवा नेता मनीष गेहलोत द्वारा कोरोना से लडाई में प्रशासन को बडी सहायता की है। गेहलोत द्वारा सिविल हाॅस्पिटल को लगभग तीन लाख रूपये मुल्य की आवश्यक दवाईयां प्रदान की है जो इस समय काफी लोगों के जीवन को बचा सकती है। मनीष ने लगभग आवश्यक दवाइयां सिविल हॉस्पिटल में ब्लाॅक मेडिकल आॅफिसर डॉ. कमल सोलंकी को सौपी ।
इस अवसर पर मनीश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय मंत्री एवं उनके दादाजी श्री गेहलोत तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंहजी की प्रेंरणा से शासकीय हॉस्पिटल नागदा में लगभग 3 लाख रुपये की कोविड-19 से बचने की आवश्यक गोली फेबी-फ्लू को हॉस्पिटल में सौपी। गेहलोत ने बताया कि  उन्होंने 2 दिन पहले सर्किट हाउस में एसडीएम आशुतोष गोस्वामी व डॉ. सोलंकी से स्वास्थ्य के विषय पर चर्चा की गई थी जिसमे उनके द्वारा जरूरी फेबी-फ्लू टेबलेट्स के बारे  बताया था। गेहलोत ने मुंबई कम्पनी के होनर उनके मित्र से संपर्क कर मात्र 2 दिनों में 3 हजार से अधिक गोलियाँ नागदा सिविल हॉस्पिटल में उपलब्ध करवा दी गयी है नागदा, खाचरौद, आलोट, ताल, विधानसभा से सभी पीड़ितों को  जल्द ही इससे उपचार का लाभ मिलेगा।



Nagda(mpnews24)।  कुरआने-पाक की सूरह हूद की तेईसवीं आयत (आयत नंबर-23) में जाहिर कर दिया गया है- जो लोग ईमान लाए और नेक अमल किए और अपने परवरदिगार के आगे आजिजी (याचना) की, यही साहिबे-जन्नत (स्वर्ग के अधिकारी यानी पात्र) हैं। हमेशा इसमें (जन्नत में) रहेंगे।

मजकूर (उपर्युक्त) आयत की रोशनी में अठारहवां रोजा बेहतरीन तरीके से समझा जा सकता है। नेक अमल से मुराद (आशय) है ऐसे काम जो पाकीजगी (पवित्रता), परहेजगारी (सात्विकता), इंसानियत और शरई उसूल (धर्म-विधान) के मुताबिक सब्र (धैर्य) और सदाकत (सच्चाई) की मिसाल हों। नेक अमल यानी सत्कर्म-सदाचार। परवरदिगार से मुराद अल्लाह (ईश्वर) से है।

आजिजी का मतलब याचना-विनम्र निवेदन है। यानी जब रोजा रखने वाला शख्स या रोजादार अल्लाह पर ईमान रखकर नेक अमल (जैसे सच बोलना, ईमानदारी की कमाई से ही रोटी खाना, जरूरतमंदों की मदद करना, यतीम (अनाथ) बच्चों की परवरिश करना, विधवाओं, अंपगों, अपाहिजों, नाबीना यानी दृष्टिहीनों की मदद करना, भूले-भटके को सही रास्ता दिखाना, अमानत में खयानत नहीं करना, गैरकानूनी तरीके से दौलत नहीं कमाना, शराब नहीं पीना, जुआ-सट्टा नहीं खेलना, जिना यानी व्यभिचार नहीं करना, बीमारों की मिजाजपुर्सी करना, माँ-बाप, बुजुर्गों की ताजीम या सम्मान करना, अल्लाह को दिल से याद करना और गुरुर यानी (घमंड नहीं करना है तो मगफिरत के अशरे में अठारहवें रोजे तक आते-आते तो खुद रोजादार का रोजा उसके लिए जन्नत (स्वर्ग) का फरियादी हो जाता है।
पहले रोजे से शुरू हुआ नेक अमल का सिलसिला अठारहवें रोजे तक परहेजगारी का काफिला बन जाता है। यानी अठारहवां रोजा मगफिरत का पयाम और नेकी का निजाम है।



Nagda(mpnews24)।  कोरोना महामारी की इस संकट भरी घडी में लगातार टूटती सांसों एवं संक्रमण से ग्रसित मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाऐं नहीं मिल पाने से व्यथित सामाजिक कार्यकर्ता अभय चोपडा ने मिडिया से अपना धर्म निभाने का अनुरोध किया है। जिससे की टुटती सांसों एवं असमय खोते जीवन को बचाया जा सके।


मिडिया के एक-एक शब्द आॅक्सीजन का काम करते है
चोपडा ने जारी प्रेस बयान में कहा कि वर्तमान करोना के घातक काल में पत्रकारों द्वारा लिखे गये एक-एक शब्द से सम्पूर्ण समाज को आक्सीजन मिलती है तथा इससे कई लोगो कि सांसे लोटती है। उन्होंने कहा कि हमने बहुत छापे विकास के, विरोध के, अपराध के, आर्थिक, सिनेमा, खेल, विविध, कानून, चुनाव आदि के समाचार। कुछ को हमने सीमा से आगे आकर सहयोग दिया, कुछ का सीमा के बाहर जाकर विरोध किया। किसी को राजा बनाया किसी को रंक बनाया। लेकिन हमने किसी कि सांसो का हिसाब कभी नही लगाया।


इंसानी सांसों को बचाने का दायित्व मिडिया पर
चोपडा ने कहा कि लेकिन अब हमारे आस-पास मौत का तान्डव लगा हुआ है। हमारे कई प्रिय और नजदीक रिश्तेदारो को करोना लील चुका है। अब पद, पैसा, प्रतिष्ठा कमाने का काल खण्ड समाप्त हो गया है। हम नही रहे तो सब धूल है। अब इंसानी सांसो के बचाने का दायित्व हमारे, कंधे पर आ गया है। जिसकी मृत्यु लिखी है हम उसे रोक नही सकते, लेकिन अव्यवस्था और भरष्टाचार के कारण जो अकाल मोते हो रही है। उनके लिये हमारी लेखनी को आक्सीजन के रूप मे उपयोग किया है। करोना काल में अथाह सम्पत्ति होने के बावजूद जुर्माना भरकर अपनी जान कि बाजी लगाने वाले को मरते देखा है। सब माया मोह यही रह गया। अब आप ही विचार करे कि इस परिस्थिती में अगर स्वावस्थ सुविधा भ्रष्ट्राचार की भेंट चढ़ती रही तो हमारे परिजनो कि सुरक्षा कैसे करेंगे। अब यह लड़ाई समाज और विकास ओर अन्य मुद्दे के बजाय हमे और हमारे परिजनो कि सांसो को बचाने कि हो गई। अपने अन्दर बैठे जमीर को टटोलिये और इंसानियत कि लड़ाई में करोना नामक राक्षस को लाशो का ढेर बनाने से रोकने के लिये पिड़ीत मानवता कि आक्सीजन बनिये।



Nagda(mpnews24)।  सिविल हाॅस्पिटल में कोविड आईसीयू एवं आईसोलेशन वार्ड में लगातार मरीजों की आवाजाही को देखते हुए पुलिस प्रशासन द्वारा अन्य नागरिकों की सुरक्षा हेतु अस्पताल के मुख्य मार्ग एवं परिसर पर बैरिकेटिंग कर बिना अनुमती के आना-जाना प्रतिबंधित कर दिया है। दो दिन पूर्व ही प्रशासन द्वारा दुपहिया वाहनों को परिसर में खडा करने पर प्रतिबंध लगा दिया था। गौरतलब है कि कोविड मरीजों के संपर्क में आम नागरिकगण अथवा अस्पताल में आने वाले व्यक्ति नहीं आऐ इस हेतु उक्त प्रबंध किए जा रहे है। साथ ही कोविड सेंटर में पुलिस का बंदोबस्त भी कर दिया गया है। शुक्रवार को तमाम व्यवस्थाओं का थाना प्रभारी श्यामचन्द्र शर्मा ने परखा तथा आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किए।



Nagda(mpnews24)।  कोरोना संक्रमण के भीषण काल में अस्पताल के लिए भटक रहे नागरिकों के लिए जल्द ही बीमा अस्पताल के रूप में 50 बिस्तरों वाले आईसोलेशन अस्पताल की सहुलियत मिल सकती है। बीमा में जहाॅं 40 बिस्तरों पर आॅक्सीजन की व्यवस्था होगी वहीं 10 बिस्तरों पर सामान्य मरीजों को ही रखा जा सकेगा। इसी प्रकार यहाॅं आईसीयू वार्ड उपलब्ध नहीं हो पाऐंगे। ऐसे में ए-सिम्टोमेटिक कोरोना संक्रमितों का उपचार ही बीमा सेंटर में हो पाऐगा। गंभीर रूप से ग्रेसिम मरीजों को सिविल हाॅस्पिटल के आईसीयू वार्ड अथवा अन्य शहर में जाकर अपना उपचार करवाना होगा।

कलेक्टर के निरीक्षण उपरांत बंधी उम्मीद
विगत 20 दिनों से बीमा अस्पताल को कोविड केयर सेंटर के रूप में प्रारंभ करने की कवायद की जा रही है। क्षेत्र के सांसद ने कोरोना की पहली लहर के समय बीमा अस्पताल को प्रारंभ करने की बात कही थी, जो अब जाकर पुरी हो पा रही है। इससे पूर्व प्रशासन की बेरूखी के चलते यहाॅं केयर सेंटर प्रारंभ नहीं हो पाया था जिसकी गूंज गतदिनों शांति समिति की बैठक में भी सुनाई दी थी। सुखद खबर यह है कि बीमा में तैयारियों का दौर जोरों पर है तथा यहाॅं 24 बेड का आईसालेशन अस्पताल बनाने की पहल की गई थी। गुरूवार को नागदा आए जिला कलेक्टर आशीषसिंह ने बुधवार तक इसे 50 बेड के साथ प्रारंभ करने की बात कही है। जिससे क्षेत्र के कोरोना संक्रमितों के लिए राहत के रूप में देखा जा रहा है। क्योंकि एक-एक बेड के लिए लम्बी जद्दोजहद क्षेत्र के नागरिकों को करना पड रही है तथा न तो शासकीय और ना ही निजी अस्पताल में बेड की व्यवस्था हो रही है। ईलाज के अभाव में अभी तक शहर के दर्जनों मरीजों को अपनी जान तक गंवाना पडी है।

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विधायक गुर्जर ने अतिरिक्त बेड के लिए प्रदान किए 10 लाख

बीमा अस्पताल में प्रशासन द्वारा कोविड केयर सेंटर 24 बिस्तरों के साथ प्रारंभ करने की पहल की गई थी। लेकिन वर्तमान में मरीजों के संक्रमित होने की रफ्तार अत्यधिक होने तथा विषम परिस्थितियों को देखते हुए विधायक दिलीपसिंह गुर्जर ने बीमा में 24 अतिरिक्त आईसोलेशन बेड लगाने तथा सिविल हाॅस्पिटल में भी अतिरिक्त बेड लगाने के लिए 10 लाख रूपये की विधायक निधि प्रदान की है। उक्त राशि की अनुशंसा किए जाने के बाद राशि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी महावीर खण्डेलवाल के बैंक खातों में जमा भी जिला प्रशासन ने करवा दी है। जिससे जल्द ही व्यवस्थाओं को जुटा कर यहाॅं सामग्री प्रदान की जाने की बात जिला पंचायत के सीईओ अंकित अस्थाना ने कही है।

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सिविल हाॅस्पिटल में मरीजों को भर्ती करना सही निर्णय साबित हुआ

कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए प्रशासन एवं जनप्रतिनिधि जहाॅं बीमा अस्पताल में कोविड सेंटर बनाने पर अडे हुए थे। ऐसे में सामाजिक कार्यकर्ता अभय चोपडा ने सिविल हाॅस्पिटल के आईसीयू वार्ड को प्रारंभ करने की मांग की जो वर्तमान परिदृश्य में देखा जाऐ तो सबसे ज्यादा सही साबित हुई है। प्रशासन जहाॅं बीमा का निरीक्षण करने में लगा था वहीं चोपडा की मांग पर प्रभारी मंत्री मोहन यादव ने सिविल हाॅस्पिल को प्रारंभ करने के निर्देश जारी किए। जिसका परिणाम यह हुआ कि यहाॅं पर कई लोगों को आईसीयू में उपचार दिया गया तथा लोगों की जान बच सकी। यदि बीमा का इंतजार ही किया जाता तो कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड सकता था। सिविल के ही आईसोलेशन वार्ड में यदि 10 आॅक्सीजन कंसंट्रेटर और लगा दिए जाऐं तो अस्पताल का स्टाफ कईयों की जान बचाने में सफल साबित होगा। कंसंट्रेटर भी विधायक निधि से जल्द ही मिलने वाले है। सिमित संसाधनों में भी अस्पताल के कर्मचारी जी-जान से जुटे हुए है।

स्टाॅफ की पूर्ति नागदा से किए जाने के निर्देश
कलेक्टर सिंह ने बीमा में बनाऐ जा रहे कोविड सेंटर में स्टाफ की आपूर्ति नागदा से ही किए जाने की बात के बाद कोविड सेंटर में कर्मचारियों को पदस्थ करना भी स्थानिय प्रशाासन के लिए बडी चुनौती साबित होगा। क्योंिक पूर्व से ही सिविल अस्पताल में निजी चिकित्सकों की मदद ली जा रही है। इसी प्रकार अस्पताल में दो दर्जन कर्मचारियों की पदस्थापना है उनकी मदद भी कोविड सेंटर में ली जा सकती है। साथ ही जनसेवा हाॅस्पिटल, चैधरी हाॅस्पिटल, श्रीजी हाॅस्पिटल आदि से भी स्टाफ को पदस्थ किए जाने की कवायद की जा रही है।

इनका कहना है
विधायक निधि की राशि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को ट्रांसफर कर दी गई है। ब्लाॅक मेडिकल आॅफिसर एवं नागदा-खाचरौद अस्पताल से प्राप्त मांग पत्र के अनुसार सामग्री भेजी जा रही है।
अंकित अस्थाना, सीईओ, जिला पंचायत, उज्जैन
वर्तमान में 24 आॅक्सीजन बिस्तरों वाला कोविड सेंटर बीमा अस्पताल बनाया गया है। कलेक्टर महोदय संख्या बढाने के निर्देश दिए हैं। सभी आवश्यक कार्यो को पूर्ण कर जल्द ही बीमा को प्रारंभ किया जाऐगा।
डाॅ. कमल सोलंकी, बीएमओ, नागदा



Nagda(mpnews24)-  आदरणीय पत्रकार बंधुओ
वर्तमान करोना के घातक काल मे आपके द्वारा लिखे गये एक एक शब्द से सम्पूर्ण समाज को आक्सीजन मिलती है जिससे कई लोगो कि सांसे लोटती है।
हमने बहुत छापे विकास के विरोध के अपराध के आर्थिक सिनेमा खेल विविध कानून चुनाव आदि आदि के समाचार।कुछ को हमने सीमा से आगे आकर सहयोग दिया ।कुछ का सीमा के बाहर जाकर विरोध किया।किसी को राजा बनाया किसी को रंक बनाया।लेकिन हमने किसी कि सांसो का हिसाब कभी नही लगाया।
लकिनअब हमारे आस पास मौत का तान्डव लगा हुआ है।हमारे कई प्रिय और नजदीक रिश्तेदारो को करोना लील चुका है।अब पद पैसा प्रतिष्ठा कमाने का काल खण्ड समाप्त ह्रो गया है।हम नही २हे तो सब धूल है।
अब इंसानी सासो के बचाने का दायित्व हमारे .कंधे पर आगया है।जिसकी मृत्यु लिखी है हम रोक नही सकते ।लेकिन अव्यवस्था और भरष्टाचार के कारण जो अकाल मोते हो २ही है। उनके लिये हमारी लेखनीको आक्सीजन के रूप मे उपयोग किया है।करोना काल मे अथाह सम्पत्ति होने के बावजूद जुर्माना भरकर अपनी जान कि बाजी लगाने वाले को मरते देखा है।सब माया मोह यही २ह गया।
अब आप ही विचार करे कि ३स परिस्थिती मे अगर स्वावस्थ सुविधा भ्रष्ट्राचार के भेट चढ़ती रही तो हमारे परिजनो कि सुरक्षा कैसे करेंगे।
अब यह लड़ाई समाज और विकास ओर अन्य मुद्दे के बजाय हमे और हमारे परिजनो कि सांसो को बचाने कि हो गई।
अपने अन्दर बैठे जमीर को टटोलिये और इंसानियत कि लड़ाई मे करोना नामक राक्षस को लाशो का ढेर बनाने से रोकने के लिये पिड़ीत मानवता कि आक्सीजन बनिये।
आपके तथा परिवार के स्ववस्थ २हने कि कामना के साथ
अभय चोपड़ा  नागादा।




Nagda(mpnews24)।  कोरोना महामारी से जुझ रहे नागदा शहर के वाशिंदों के लिए बिमारी से लडने के लिए बीमा का कोविड केयर सेंटर बुधवार तक प्रारंभ करने की डेड लाईन जिला कलेक्टर आशीषसिंह ने दी है। गुरूवार को नागदा पहुॅंचे जिला कलेक्टर ने बीमा अस्पताल में बनाऐ जा रहे कोविड सेंटर का निरीक्षण किया। निरीक्षण के उपरांत कलेक्टर ने मिडिया के समक्ष कहा कि हमारा प्रयास होगा कि आगामी बुधवार तक कोविड सेंटर को प्रारंभ कर दिया जाऐ।

नागदा पहुॅचे जिला कलेक्टर सीधे ही बीमा अस्पताल के बनाऐ जा रहे कोविड सेंटर का निरीक्षण करने पहुॅंचे। यहाॅं मिडिया से चर्चा करते हुए कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि जनता कफ्र्यू का कडाई से पालन होगा तभी हम कोरोना से इस जंग को जीत पाऐंगे। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि कोरोना से लडाई में सभी नगरवासियों, जनप्रतिनिधियों एवं मिडिया का सहयोग चाहिए। सभी के सहयोग से ही इस जंग को जीता जा सकेगा।

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सभी के सहयोग की अपेक्षा

जिला कलेक्टर से विधायक दिलीपसिंह गुर्जर द्वारा कोविड केयर सेंटर हेतु 20 लाख की प्रदान की गई राशि के संबंध में पुछे गए प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि विधायकजी के साथ-साथ सभी के सहयोग की आवश्यकता है। नागरिकगण इस महामारी के दौर में प्रशासन का सहयोग करें। जो भी राशि प्रदान की गई है उसे कोविड मरीजों के हितार्थ ही खर्च किया जाऐगा।

यह भी थे उपस्थित
कलेक्टर के दौरे के दौरान अनुविभागीय अधिकारी आशुतोष गोस्वामी, ब्लाॅक मेडिकल आॅफिसर डाॅ. कमल सोलंकी, तहसीलदार आशीष खरे, नपा इंजीनियर जीएल गुप्ता, पूर्व विधायक दिलीप शेखावत, संस्था स्नेह के संस्थापक पंकज मारू, प्रकाश जैन, बीमा कोविड सेंटर में कार्य कर रहे ठेकेदार एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।



Nagda(mpnews24)।  गुरूवार को नगर पुलिस अधीक्षक मनोज रत्नाकर, थाना प्रभारी श्यामचन्द्र शर्मा मय पुलिस बल के साथ क्षेत्र के विभिन्न गांवों में पहुॅंचे। पुलिस अधिकारियों ने ग्राम रतन्याखेडी, रोहलखुर्द, रोहलकलां, हिडी के अलावा अन्य गांवों का दौरा किया तथा ग्रामीणजनों को जनता कफ्र्यू का पालन करने की सलाह दी।
दौरे के दौरान मिडिया को संबोधित करते हुए सीएसपी श्री रत्नाकर ने कहा कि उन्हें इस बात की लगातार जानकारी मिल रही थी कि वर्तमान में कोरोना की दुसरी लहर ग्रामीण क्षेत्र तक भी पहुॅंची तथा विभिन्न गांवों में कोरोना संक्रमित मिले हैं। ऐसे में उनके द्वारा पुलिस अधिकारियों के साथ ग्रामीण क्षेत्र का दौरा कर ग्रामीणजनों को हिदायत दी है कि जिला कलेक्टर द्वारा जनता कफ्र्यू लगाया गया है ऐसे में न तो ग्रामीणजन किसी भी अनजान या दुसरे क्षेत्र के व्यक्ति को गांवों में आने दें एवं ना ही स्वयं कहीं जाऐ। ग्रामीण क्षेत्र के दौरे के दौरान थाना प्रभारी श्री शर्मा के अलावा सहायक उपनिरीक्षक रामसिंह भूरिया, यातायात पुलिस जवान मुकेश राठौड आदि भी उपस्थित थे। पुलिस अधिकारियों ने इस अवसर पर विभिन्न गांवों में जनता कफ्र्यू संबंधित बैनर भी लगवाऐ तथा इसका पालन करने की ग्रामीणजनों को हिदायत दी।



Nagda(mpnews24)।  कांग्रेस के जिला अध्यक्ष सुबोध स्वामी एवं शहर कांग्रेस अध्यक्ष राधे जायसवाल ने कोरोना महामारी में लगातार अस्पतालों में बेड उपलब्ध नहीं होने के कारण असमय काल के गाल में समा रहे नागरिकों के प्राणों की रक्षा के लिए जनसेवा हाॅस्पिटल को तत्काल कोरोना केयर सेंटर बनाने की मांग की है।
प्रेषित पत्र में नेताद्वय ने कहा कि वर्तमान में कोरोना महामारी गंभीर रूप लेती जा रही है दिन प्रतिदिन संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है। नगर का एक मात्र शासकीय चिकित्सालय जिसमें मात्र 5 आईसीयू बेड है उस पर निर्भर है। नगर के नागरिक जिनके परिजन कोरोना से संक्रमित हो जाते हैं उन्हें इंदौर, उज्जैन, रतलाम जैसे शहरों की तरफ भागना पड़ता है, वहां पर भी उनको अस्पताल में बेड उपलब्ध नहीं हो पाते अगर उपलब्ध होते भी हैं तो 50 हजार से एक लाख तक की मांग शहरों के निजी चिकित्सालय वाले करते हैं।

बीमा के नाम पर प्रशासन लगातार नागरिकों को छल रहा
पिछले कई दिनों से शासन प्रशासन नागरिकों को यह आश्वासन देता आ रहा है कि बीमा हॉस्पिटल एवम रंगोली रेस्टोरेंट को कोविड सेंटर बनाया जा रहा है, लेकिन वर्तमान में उसका कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। जबकि हमारे पास की तहसील बडनगर जिस की राजस्व आय नागदा नगर से कहीं कम है वहां पर शासन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के प्रयासों से 170 ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था बड़नगर क्षेत्र के नागरिकों के लिए वहां पर कर दी गई है। नगर के लिए इससे बड़ी शर्म की बात और कोई नहीं हो सकती की डेढ़ लाख से ज्यादा की जनसंख्या वाले हमारे शहर में मात्र 5 आईसीयू बेड के सहारे हम कोरोना महामारी से लड़ने की बात कर रहे हैं। शासन प्रशासन की प्राथमिकता होना चाहिए कि ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था को अधिक से अधिक बढ़ाई जाए जिसके लिए ग्रेसिम जनसेवा चिकित्सालय सबसे उपयुक्त है।

निजी स्वार्थ के चलते प्रबंधन नहीं देना चाहता अस्पताल
जनसेवा चिकित्सालय को अधिग्रहित नहीं करने के पीछे जनसेवा प्रबंधन हो या शासन यह तर्क दे रहा है कि जनसेवा में दूसरे जो मरीज हैं व ओपीडी है वह बाधित होगी। प्रदेश की भाजपा सरकार, भाजपा सांसद सहित सभी नेता आखिर किस दबाव में जनसेवा चिकित्सालय को नगर के संक्रमित मरीजों के लिए कोविड सेंटर हेतु अधिग्रहित नहीं कर पा रहे हैं। भाजपा नेताओं के निजी स्वार्थ की जब बात आती है तो सांसद प्रदूषण और पर्यावरण से जुड़े प्रश्नों को लोकसभा में उठाते हैं और उद्योगों से निजी हित के सारे काम करवा लेते हैं फिर जनसेवा चिकित्सालय को कोविड सेंटर हेतु अधिग्रहित करने को शासन प्रशासन पर दबाव क्यों नहीं बनाया जा रहा है यह समझ से परे है ? नेताओं ने मांग की है कि जनहित व नगर हित में  ग्रासिम जनसेवा चिकित्सालय को कोविड सेंटर के लिए अधिग्रहित किया जाए।



Nagda(mpnews24)।  नगर पालिका द्वारा गुरूवार को विभिन्न मोहल्लों में सेनेटाईजर का छिडकाव करवाया गया। गौरतलब है कि नपा द्वारा लगातार सेनेटाईजर का छिडकाव कोरोना महामारी से मचाव हेतु किया जा रहा है। नपा द्वारा टेक्टर-टेंकर के माध्यम से रामसहाय मार्ग, चन्द्रशेखर आजाद मार्ग आदि स्थानों पर सेनेटाईजर का छिडकाव किया गया।



Nagda(mpnews24)।  वर्तमान में पुरा देश कोरोना से लडाई लड रहा है। जहाॅं देशवासी इस महामारी को हर हाल में हराने के लिए अपनी कमर कस चुके हैं वहीं औद्योगिक घराने भी अपने सामाजिक उत्तरदायित्वों का निर्वहन करने के लिए आगे आ रहे है।
गुरूवार को आदित्य बिरला उद्योग समुह की कम्पनी ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड स्टेपल फायबर डिविजन द्वारा सीएसआर के कोरोना महामारी से लडाई हेतु विभिन्न सामग्री नगर पालिका नागदा को प्रदान की। नपा प्रशासक एवं एसडीएम आशुतोष गोस्वामी एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी भविष्य कुमार खोब्रागडे के प्रतिनिधियों द्वारा उद्योग द्वारा प्रदान की सामग्री को प्राप्त किया।
उद्योग के जनसंपर्क अधिकारी संजय व्यास ने बताया कि ग्रेसिम युनिट हेड के. सुरेश के निर्देशानुसार एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष वायएस रघुवंशी के मार्गदर्शन में उक्त सामग्री को प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना से जंग केवल प्रशासनिक अमले एवं स्वास्थ्य विभाग की नहीं है। इसके लिए समाज के हर वर्ग के व्यक्तियों को आगे आना होगा तीाी हम इस जंग को जीत सकेंगे। इसी श्रृंखला में ग्रेसिम सामाजिक उत्तर दायित्व विभाग द्वारा नगर पालिकिा को 100 की 7000 बाॅटल सेनेटाईजर, 5 लीटर की 200 केन सेनेटाईजर, 5000 हाथ के दस्ताने, 50 आॅक्सीमीटर एवं 10000 फेस माॅस्क आदि सामग्री नपा को सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि उक्त सामग्री नगर पालिका नागदा के कोरोना योद्धाओं द्वारा समाज को संक्रमण से बचाऐ जाने के लिए जो जंग लडी जा रही है उनके बचाव एवं सुरक्षा हेतु प्रदान की जा रही है। इस अवसर पर श्री व्यास के अलावा उद्योग के सतीश भूवीर एवं जीवन पोरवाल के अलावा नपा अधिकारी निलेश रघुवंशी एवं एसडीएम रीडर महेन्द्र आरोडा उपस्थित थे।




Nagda(mpnews24)।  मगफिरत (मोक्ष) के अशरे के आईने में देखें तो सत्रहवां रोजा आखिरत की फिक्र है, अल्लाह का जिक्र है। इस बात को इस तरह समझना होगा-किसी भी शख्स के सामने मोटे तौर पर दो ही तरह से फिक्र होती है, दुनियावी (सांसारिक) और दीनी (धार्मिक)।

दीनदारी के जरिए रूहानियत की फिक्र
दुनियादारी के दलदल से निकलकर दीनदारी के जरिए रूहानियत की फिक्र (अध्यात्मिक चिंतन) ही दरअसल आखिरत (अंतिम समयध्भविष्य जिसका संबंध ईश्वर से है) की फिक्र है। आखिरत की फिक्र अस्ल में मगफिरत की फिक्र (मोक्ष का चिंतन) है, रोजा जिसका रूहानी रास्ता है।

सत्रहवां रोजा चूंकि रमजान माह के मगफिरत के अशरे का हिस्सा है इसलिए आखिरत की फिक्र के साथ-साथ मगफिरत की मंजिल पर पहुंचने के लिए अल्लाह के जिक्र में रोजादार को मशगूल (व्यस्त) रखने का सिलसिला भी है। इसको और साफ तौर पर इस तरह समझा जा सकता है कि माहे-रमजान रहमत का दरिया है जिसमें से मगफिरत का मोती खोजने के लिए रोजा एक जरिया है।

रोजा रूहानी गोताखोरी भी है। दरिया या समन्दर में अंदर तक खोजने वाले के लिए यानी गोताखोर के लिए एक मख्सूस (विशिष्ट) पैरहन (परिधान) होता है जिससे उसकी गोताखोरी आसान हो जाती है। यानी गोताखोर के लिए अलग लिबास जरूरी है। तो समझ लीजिए कि अल्लाह का जिक्र ही वो पैरहन या लिबास है जिससे रोजादार यानी रूहानी गोताखोर मगफिरत का मोती तलाश लेता है।

ऐ ईमान वालों! अल्लाह का बहुत जिक्र किया करो
कुरआन-पाक के बाईसवें पारे (अध्याय-22) के सूरह अल अहजाब की 41वीं और 42वीं आयत में हुक्म है- ऐ ईमान वालों! अल्लाह का बहुत जिक्र किया करो। सुबह-शाम उसकी पाकी (पवित्रता) बयान करते रहो।



Nagda(mpnews24)।  बुधवार को स्थानिय विश्राम गृह पर अनुविभागीय अधिकारी आशुतोष गोस्वामी एवं ब्लाॅक मेडिकल आॅफिसर डाॅ. कमल सोलंकी के मार्गदर्शन में ब्लाॅक के स्मस्त शासकीय, अशासकीय एवं निजी चिकित्सकों की एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक के दौरान वरिष्ठ चिकित्सक डाॅ. सुनील चैधरी एवं प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा सभी चिकित्सकों को समझाईश दी गई कि वर्तमान समय में कोरोना संक्रमण का दायरा काफी बढ गया है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में भी संक्रमण के मामले सामने आ रहे है। इस दौरान सभी चिकित्सकों को इस बात का ध्यान रखना है कि कोई भी व्यक्ति यदि उनके पास बिमारी से संबंधित लक्षण लेकर उपचार हेतु आता है तो उसे कोरोना जांच कराने के लिए अवश्य प्रेरित करें। साथ ही इस बात की समझाईश भी दें कि जांच के पष्चात यदि वह संक्रमित पाऐ जाते हैं तो घर पर रहकर ही अपना उपचार करवा सकते है। चिकित्सक एवं अधिकारियों ने कहा कि यदि मरीज की पहचान कर ली जाऐ तो उसका उपचार किया जा सकता है। इस दौरान ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के कई चिकित्सकों के अलावा प्रशासनिक अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी, पूर्व विधायक दिलीप शेखावत आदि उपस्थित थे।



Nagda(mpnews24)।  लगातार मिल रही जानकारी जिसमें ग्रामीणजनों द्वारा कोविड-19 टीकाकराण से किए जा रहे परहेज को लेकर बुधवार को अनुविभागीय अधिकारी आशुतोष गोस्वामी, थाना प्रभारी श्यामचन्द्र शर्मा, जनपद पंचायत के सीईओ जीमी बाहेती, ब्लाॅक मेडिकल आॅफिसर डाॅ. कमल सोलंकी ने ब्लाॅक के विभिन्न गांवों का दौरा कर वहाॅं किए जा रहे टीकाकरण की जानकारी प्राप्त की। अधिकारियों ने ग्रामीणजनों से चर्चा कर टीका लगवाने हेतु प्रेरित किया।

ग्रामीणों में टीकाकरा को लेकर भय को खत्म किया
प्रशासनिक अधिकारियों के दौरे के दौरान ग्रामीणजनों से चर्चा में ग्रामीणों ने टीकाकरण के प्रति काफी भय दिखाई दिया। सोश्यल मिडिया एवं अन्य स्त्रोतों से गलत जानकारी प्रसारित होने से टीकाकरण के प्रति ग्रामीणों में काफी भय है। जिसको प्रशासनिक अधिकारियों ने दूर किया तथा सभी को टीका लगवाने हेतु प्रेरित किया जिससे की सभी की जान को बचाया जा सके।

ग्रामीण क्षेत्रों में भी आईसोलेशन केन्द्र बनाने की कवायद
इस दौरान अधिकारियों ने ग्रामीणस्तर पर आईसोलेशन हेतु की जा रही व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया जिसमें ग्रामीणक्षेत्र में आईसोलेशन केन्द्र बनाऐ जा रहे हैं।

इन गांवों का किया दौरा
अधिकारियों ने ग्राम बेरछा, टूटियाखेडी, बनवाड़ा, रजला, राजगढ़ आदि गांवों का दौरा किया। इस दौरान फील्ड में उपस्थित आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, शिक्षक, सचिव, जीआरएस एवं साथ ही गांव के प्रमुख लोगो से भी चर्चा करी।



Nagda(mpnews24)।  कोरोना महामारी के चलते नागदा मे भी मौते हो रही है। एकमात्र मुक्तिधाम होने के कारण संक्रमित और गैरसंक्रमित का दाहसंस्कार एक ही स्थान पर होने से यहाँ कार्यरत कर्मचारियों को संक्रमण ना हो इसलिए नागदा नगर के दो युवा सुंदर सिंह चावला एवं अक्षय बेस मदद हेतू आगे आए।

मुक्ति धाम सेवा समिति द्वारा यह जानकारी मिली कि मुक्तिधाम में पीपीई किट की बहुत कमी आ रही है एवं पिछले 4 दिन में 35 से अधिक अंतिम संस्कार यहां हो चुके हैं एवं दाह संस्कार करने मे  काफी परेशानी आ रही है। दोनों युवाओं द्वारा 10 पीपीई किट एवम फेस शिल्ड की व्यवस्था कर मुक्ति धाम सेवा समिति को दान की गई।

युवाओ ने समाज एवं एवं सामाजिक संस्थाओं से भी अपील की कि वह भी आगे बढ़कर इस विपत्ति के समय में मुक्तिधाम की व्यवस्था पर ध्यान दें। दोनों युवाओं से प्रेरित होकर सिख समाज के अध्यक्ष अमरजीतसिंह चावला ने सबसे पहले आगे आकर 25 पीपीई किट देने की घोषणा की एवं कहा कि 2 दिन में 25 पीपीई किट सिख समाज द्वारा मुक्ति धाम सेवा समिति को प्रदान की जाएगी।



Nagda(mpnews24)।  कोरोना महामारी के दौर में जहां ऑक्सीजन के लिए नागरिकों को दर-दर भटकने पर मजबूर होना पड़ रहा है ऐसे में शहर के दो युवक निः शुल्क मेडिकल ऑक्सीजन उपलब्ध कराने में महती भूमिका अदा कर रहे है। बीती रात तहसीलदार की मौजूदगी में लगभग 200 से व्यक्ति को अलसुबह पांच बजे निःशुल्क ऑक्सीजन सिलेंडर रिफील किए।

आपदा में परोपकार कर रहे सिक्ख युवक, कहते गुरूजी ने यही सिखाया
कोरोना महामारी में कुछ लोग आपदा में अवसर खोज रहे है तो कुछ लोग मानव जीवन को बचाने में सर्वस्व न्यौछावर करने में जुटे हुए है। शहर में ऑक्सीजन के आपूर्ति स्थानीय उद्योगों से हो सकती है लेकिन अभी इस बिन्दु पर कोई पहल नहीं की गई, जिसके कारण शहर सहित आसपास ग्रामीणों को मेडिकल आक्सीजन के लिए परेशान होना पड़ रहा है।

शहर के दो युवक मंनिदर सलुजा और मंजीत सलूजा निःशुल्क ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराने में महती भूमिका अदा कर रहे है। जिसके कारण शहर सहित आसपास ग्रामीण क्षेत्र मंदसौर, बडनगर, जावरा, उज्जैन एवं नीमच के लोगों को लाभ मिल रहा है। बीती रात मनदीप इंडस्ट्रीज के भगतपुरी स्थित प्लांट में रात्रि लगभग 11 बजे 200 से लोग आक्सीजन सिलेंडर रिफलिंग कराने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। रास्ते में ऑक्सीजन सिलेंडर के टैंकर में तकनीकी खराबी आ जाने के कारण अलसुबह लगभग चार बजे टैंकर प्लांट पर पहुंचा। इस दौरान तहसीलदार आशीष खरे स्वयं मौके पर मौजूद रहे और लोगों की पीड़ा को सुना। सुबह चार बजे टैंकर के प्लांट में पहुंचने के बाद मंनिदर और मंजीत ने 200 व्यक्तियों को निःशुल्क ऑक्सीजन सिलेंडर रिफील किए। पर्दे के पीछे एक ओर व्यक्ति कमल गोखले जो आज तक कभी सामने नहीं आया, वह व्यक्ति दोनों भाईयों को ऑक्सीजन टैंकर भरवाने के लिए कभी गुजरात तो कभी महाराष्ट्र या फिर उड़ीसा में 15 दिनों तक डेरा डाले रखता है। उन्हेल के एक व्यक्ति ने भगतपुरी प्लांट में पहुंचकर फेसबुक पर रात्रि लगभग रात तीन बजे लाईव वीडियो चलाकर सबको बता दिया कि मानवता के प्रति सलुजा परिवार कितना समर्पित है। लघु उद्योगपति मंनिदर और मंजीत ने बताया कि पिता हरभजनसिंह सलुजा की प्ररेणा से बीमार व्यक्ति को निः शुक्ल ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराने का सफर लगभग 50 वर्षो से जारी है इसके अलावा शहर में आयोजित होने वालें भंडारे में निः शुल्क कोयला व अन्य सामग्री उपलब्ध करा रहे है।

सवा छह लाख रुपए की ऑक्सीजन मात्र एक घंटे में बंट गई
टैंकर क्रमांक जीजे-38-0470 उड़ीसा से सात दिनों का सफर तय करके बीती रात लगभग 3 बजे नागदा के समीपस्थ भगतपुरी प्लांट में पहुंचा। मंनिदर ने बताया कि मेडिकल ऑक्सीजन के लिए पहले टैंकर जामनगर भेजा, यहां सफलता नहीं मिली तो बड़ौदा, बिलाई और आखिरी में उड़ीसा भेजा गया। लगभग 10 हजार किमी का सफर वाहन चालक ने दिन-रात टैंकर चलाकर तय किया। जिसमें लगभग 1 लाख 25 हजार रुपए का डीजल खर्च, 5 लाख रुपए की मेडिकल आक्सीजन भरवाई खर्च आया। ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए अब कोई भी कंपनी नया अकाउंट नहीं खोल रही है वहीं जहां से पम्परागत आक्सीजन टैंकर भरवा रहे है उनकी सांस फुलने लगी है। सलुजा ने बताया कि अस्पताल में ऑक्सीजन का व्यवसायिक उपयोग करने वालों से नाममात्र का शुल्क लिया जा रहे है जबकि आम नागरिकों को निः शुल्क मेडिकल ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जा रही है।

इनका कहना है.....
रात पौने चार बजे तक मैं स्वयं मनदीप इंस्ट्रीज के भगतपुरी स्थित प्लांट में मौजूद रहा, लगभग 200 व्यक्तियों को निः शुल्क मेडिकल ऑक्सीजन उपलब्ध कराई गई। सेवा का यह सफर निरंतर जारी है
आशीष खरे, तहसीलदार नागदा



Nagda(mpnews24)।  हनुमान जन्म उत्सव पर्व मंगलवार को उल्लास के साथ मनाया गया। शहर व ग्रामीण क्षेत्रों के समस्त हनुमान व राम मंदिरों में हनुमानजी की आरती कर पूजन अर्जन किया गया। इस वर्ष भी कोरोना के चलते से सामूहिक व धूमधाम से कोई आयोजन नहीं हुए। लेकिन मंदिर समिति व संचालकों द्वारा विधि विधान से हनुमानजी का अभिषेक व आरती की।

पर्व को लेकर शहर के विभिन्न हनुमान मंदिरों में सोमवार को अखंड रामायण पाठ कि स्थापना हुई थी, जिसका समापन मंगलवार सुबह हुआ। इस वर्ष हनुमान जन्म उत्सव मंगलवार को होने से अधिक महत्व रहा। दशहरा मैदान स्थित हनुमान मंदिर पर सोमवार सुबह अखंड रामायण पाठ प्रारंभ हुआ था, जिसका समापन मंगलवार सुबह 9 बजे हुआ, जिसके बाद समाजसेवी ओमप्रकाश जायसवाल द्वारा हनुमानजी का अभिषेक किया गया। दोपहर को मंदिर के पुजारी अंकुर शर्मा द्वारा हनुमानजी का आकर्षण श्रृंगार किया गया। रात 8 बजे महाआरती हुई। आरती के बाद प्रतिदिन मंदिर की आरती में शामिल होने वाले बच्चों को समाजसेवी श्री जायसवाल द्वारा पुरस्कृत किया गया। इस मौके पर पुजारी शंतिलाल जोशी, नंदकिशोर मालपानी, अशोक शर्मा, सुरेंद्र चावड़ा, राजकुमार सिसौदिया, रविंद्रसिंह रघुवंशी, महेंद्र माली, संतोष बैरागी, सागर परमार आदि मौजूद थे।  

इसी प्रकार शहर के अन्य मंदिर इंगोरिया रोड स्थित खड़े हनुमान मंदिर, हनुमान डेम स्थित हनुमान मंदिर, लक्कड़दास मंदिर, डेलनपुर, हताई पालकी, अलसी, अयोध्याधाम नायन डेम स्थित हनुमान मंदिर, सिविल हाॅस्पिटल मार्ग स्थित हनुमान मंदिर, पवन पुत्र व्यायामशाला समेत विभिन्न मंदिरों में इस वर्ष भी कोरोना गाईड लाइन के अनुसार ही आरती हुई। कही दोपहर 12 बजे तो कही शाम को आरती हुई समस्त मंदिरों में बाबा का आकर्षण श्रृंगार भी किया गया।



Nagda(mpnews24)।  इबादत इमारत की तरह है, ईमान बुनियाद की मानिन्द है। इस्लाम मजहब अल्लाह (ईश्वर) पर ईमान लाना और अल्लाह के पैगंबर के अहकामे शरीअत को दिल से तस्लीम (स्वीकार) करना दरअसल मगफिरत (मोक्ष) का सिलसिला मानता है। रोजा भी इसी की एक कड़ी है। चूंकि रमजानुल-मुबारक के बयान की यह तहरीर सोलहवें रोजे तक अल्लाह की मेहरबानी से पहुंच गई है। लिहाजा रोजे की फजीलत के मद्देनजर यह नुमायाँ (जाहिर) हो जाता है कि रोजा अल्लाह पर ईमान है और मगफिरत का रोशनदान है।

अल्लाह पर ईमान रखना दरअसल अल्लाह को याद करना और अल्लाह का जिक्र करना है। मगफिरत नेक और रोजादार बंदे पर अल्लाह की नवाजिश (कृपा) होगी। इसको यूं समझ सकते हैं कि जब हमें किसी चीज की जरूरत होती है तो हम उसे खोजते हैं या तलाश करते हैं, जहाँ वो चीज रखी है वहाँ ढूँढते हैं या फिर उसको पुकारते हैं जिसके पास वो चीज रखी हुई है। मगफिरत ऐसी ही चीज है जो अल्लाह के पास है। ईमान (अल्लाह पर) लाकर हमें अल्लाह को पुकारना (याद करना) होगा। रोजा ईमान की मजबूती है। सही तरीके से रखा गया रोजा, रोजेदार के लिए अल्लाह की तरफ से मगफिरत की मंजूरी भी है।

कुरआने-पाक के अट्ठाइसवें पारे की सूरह तगावुन की पंद्रहवीं आयत में जिक्र है-तुम्हारे अमाल (क्रियाएँ) और औलाद बस तुम्हारे लिए एक आजमाइश की चीज हैं और जो शख्स इनमें पड़कर अल्लाह को याद रखेगा तो अल्लाह के पास उसके लिए बड़ा अजर (पुण्य) है। यह अज्र दरअसल मगफिरत का इशारा है और रोजा इसका जुज (घटक) है।



Nagda(mpnews24) देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केन्द्रीय मंत्री थावर चन्द गेहलोत मुख्यमंत्रीशिवराज सिंह प्रभारी मंत्री मोहन यादव को सामाजिक कार्यकर्ता अभय चोपड़ा ने मांग कि है कि बीमा अस्पताल को कोविड सेन्टर बनाने के लिये पचास लारव रुपये कि लागत से जो आक्सीजन प्लान्ट डाला जा २हा है उसे प्रारम्भ होने मे लगभग पन्द्रह दिन लगेंगे।और जब तक प्लान्ट स्थापित होकर कोविड सेन्टर चालू नही होता है तब तक स्थानीय जनसेवा हास्पिटल को अस्थायी कोविड सेन्टर बनाने कि घोषणा करे।
सामाजिक कार्यकर्ता अभय चोपड़ा ने केन्द्रीय मंत्री थावरचन्द गेहलोतको पचास लाख रुपये कि घोषणा प र धन्यवाद देते हुए करोना कि गंभीरता को ध्यान मे २खकर जनता को एक एक मिनट जीवन और मोत के लिये संघर्ष करना पड़ २हा है।१५ दिन के समय के लिये जनसेवा अस्पाताल को अस्थायी कोविड सेन्टर नही बनाया तो चिकित्सा के अभाव मे ओर कई लोगो कि जान जा सकती है।



Nagda(mpnews24)।  मध्यप्रदेश शिक्षक कांग्रेस प्रदेश महासचिव स्वरूप नारायण चतुर्वेदी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अवगत कराया कि 26 अप्रैल 2021 से कोरोना मुक्त अभियान में सम्पूर्ण प्रदेश में अध्यापकों, शिक्षकों को इस अभियान में घर-घर जाकर सर्दी, खांसी, बुखार के मरीजों का सर्वे कार्य में लगाया गय है शिक्षकों के साथ टीम में अन्य विभाग के कर्मचारी भी है लेकिन शिक्षकों को छोडकर सभी अन्य कर्मचारियों को शासन की कोविड योजना अन्तर्गत कोरोना योद्धा की श्रेणी में माना है जबकि शिक्षक वर्ग को इससे वंचित रख गया है जो सरासर अनुचित निर्णय है।
श्री चतुर्वेदी ने यह भी अवगत कराया कि प्रदेश में कोरोना महामारी से सेकडों संक्रमण से बचाव तक शिक्षकों की मृत्यों हो चुकी है इनमें उज्जैन अग्रणी है फिर भी इस महामारी से निपटने और डट के सामनाा करने को शिक्षक वर्ग भी तैयार है लेकिन इस वर्ग को कोरोना योद्धा से वंचित कर इनके मनोबल को कमजोर व हताहत करना न्यायोचित नहीं है। भीषण गर्मी में घर-घर जाकर सर्दी, खांसी, बुखार के मरीजोां का सर्वे करने वाले हर विभाग के कर्मचारी को कोरोना योद्धा माना है तो शिक्षक को भी यह दर्जा तत्काल प्रदान करें ताकि कोई अनहोनी हो जाए तो शिक्षक के परिवार को गुजारा करने में कठिनाई न हो शासन, प्रशासन की दोहरी नीति के कारण प्रदेश के अध्यापकों व शिक्षकों में भारी रोष है।



Nagda(mpnews24)।  जिला कलेक्टर के निर्देश पर संपूर्ण जिले में कोरोना कफ्र्यू 30 अप्रैल तक लागू किया गया है। ऐसे में नागदा शहर में भी संपूर्ण कफ्र्यू लागू है। जिला प्रशासन द्वारा लगाए गए कफ्र्यू के बावजुद अपना व्यापार संचालित करने वाले लोगों पर मंगलवार को पुलिस प्रशासन द्वारा छापामार कार्रवाई के तहत चालानी कार्रवाई की। इस दौरान लगातार व्यवसाय करने वाले राजस्थानी ढाबे एवं कई दुकानों के चालान बनाऐ गए तथा धारा 188 की कार्रवाई भी की गई।

क्या है मामला
मामले में प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर के व्यापारियों द्वारा लगातार कोरोना कफ्र्यू का उल्लंघन करते हुए आधी शटर खोलकर व्यवसाय किया जा रहा था। जिसके चलते उक्त दुकानों पर काफी भीड पड रही थी तथा कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा उत्पन्न हो गया था। पुलिस कई दिनों से ऐसे व्यापारियों पर कार्रवाई करने का प्रयास कर ही थी लेकिन पुलिस के वाहनों को देखकर उक्त व्यापारी भाग जाते थे। ऐसे में मंगलवार को थाना प्रभारी श्यामचन्द्र शर्मा के मार्गदर्शन में पुलिस अधिकारियों ने निजी कार में पेट्रोलिंग प्रारंभ की। निजी कार में पहुॅंचे अधिकारियों को देखकर व्यापारी भाग नहीं सके तथा दुकान खुली रहने पर स्पाॅट पर ही उनके विरूद्ध फाईन किया गया तथा धारा 188 की कार्रवाई भी की गई।


इन स्थानों पर की गई कार्रवाई
पुलिस प्रशासन द्वारा कार्रवाई के दौरान बायपास स्थित राजस्थानी ढाबा, जन्मेजय मार्ग स्थित मंसूरी किराना एवं अन्य स्थानों पर कार्रवाई की गई है। इनके विरूद्ध चालानी कार्रवाई के साथ-साथ धारा 188 के तहत कार्रवाई की गई है।

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शहर में लगातार रोको-टोको अभियान जारी

पुलिस प्रशासन एवं नपा के कर्मचारियों के माध्यम से कोरोना कफ्र्यू के दौरान लगातार रोको-टोको अभियान चला रखा है। कफ्र्यू के दौरान बिना कार्य के ही सडकों पर घुमने वाले लोगों पर प्रशासन द्वारा स्पाॅट फाईन एवं बिना मास्क एवं सोश्यल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध भी कार्रवाई की जा रही है। इस कार्य में पुलिस प्रशासन, राजस्व विभाग का अमला एवं नगर पालिका की टीम सतत लगी हुई है।



Nagda(mpnews24)।  अल्लाह (ईश्वर) की अजमत (गरिमा) का कुरआने-पाक में लगातार जिक्र है जिसमें अल्लाह को मेहरबानी करने वाला और बंदों के गुनाहों को माफ करके उन्हें बख्श देने वाला और मगफिरत से नवाजने वाला बताया गया है।

कुरआन के बाईसवें पारे (अध्याय-22) की सूरह फातिर की आयत नंबर पंद्रह (आयात-15) में जिक्र है ऐ लोगों! तुम ही खुदा के मोहताज हो और अल्लाह तो बेनियाज और खुद तमाम खूबियों वाला है।

यहां गौरतलब बात यह है कि अल्लाह की खूबियों में से एक खूबी उसके अहद यानी वादे की पाबंदी है। अल्लाह का वादा है कि वो अपने नेक बंदों को बख्श देगा। माहे रमजान में खासतौर पर अल्लाह अपना वादा पूरा करता है। अल्लाह चूंकि अपना वादा पूरा करता है इसलिए इस खूबी की रोशनी में यह बात सामने आती है कि बंदा भी अपने अहद पर कायम रहे।

यहां वादे से मतलब नेक काम या अच्छी मदद से है। वादा भी नेक हो, काम भी नेक हो, नीयत भी नेक हो, मदद भी नेक हो यानी नेकदिली और नेक अमल शर्त है।

पंद्रहवां रोजा चूंकि रमजान के मगफिरत के अशरे का अहम रोजा है और अल्लाह ने अपने रोजेदार से मगफिरत (मोक्ष) नवाजने का वादा किया है इसलिए रोजादार से भी अल्लाह (फरमादारी) चाहता है। रोजादार किसी से जो अहद या वादा करता है तो उसे पूरा करे यानी निभाए भी।

रोजा दरअसल वादे की पाबंदी और अल्लाह की रजामंदी भी है। कुरआन की सूरह सफ की आयत नंबर-3 (आयत-तीन) में जिक्र है- अल्लाह के नजदीक ये बात बहुत नाराजी की है कि ऐसी बात कहो जो करो नहीं।



NAgda(mpnews24)।  कोरोना महामारी के दौर में शहर में कई स्थानों पर कोरोना संक्रमित मरीज घरों में ही आईसोलेट होकर अपना उपचार करवा रहे है। ऐसे ही कुछ मरीजों से मंगलवार को अनुविभागीय अधिकारी आशुतोष गोस्वामी एव ंबीएमओ डाॅ. कमल सोलंकी ने मुलाकात कर उन से बात की।
एसडीएम श्री गोस्वामी व डाॅ. सोलंकी द्वारा नगर में बनाए गए कंटेंटमेंट क्षेत्र का निरीक्षण किया तथा होम आईसोलेशन में रह रहे मरीज, उनके परिजनों से चर्चा कर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली तथा सम्बंधित अधिकारीयों को दिशा निर्देश दिये। इस दौरान नपा के ललितदास पंथी, सहायक स्वच्छता निरीक्षण कुशल धौलपुरे, स्वास्थ्य विभाग के नितेश उपाध्याय, एसडीएम रीडर महेंद्र अरोड़ा, नपाकर्मी संदीप चैहान आदि उपस्थित थे।



Nagda(mpnews24)।  कोरोना महामारी के दौर में आदित्य बिरला ग्रुप ने प्रधानमंत्री केयर फण्ड में गत वर्ष 400 करोड नगद एवं 100 करोड रूपये की सामग्री प्रदान की थी। कोरोना महामारी की दुसरी लहर में जबकि एशिया का सबसे बडा फायबर प्लांट नागदा में स्थित है वहाॅं के रहवासियों के लिए उद्योग द्वारा एक आॅक्सीजन सिलेण्डर तक उपलब्ध नहीं करवाया जबकि उज्जैन में आॅक्सीजन कंसंट्रेटर सहित अन्य सामग्री उपलब्ध करवाई गई। क्षेत्र के नागरिकों एवं सोश्यल मिडिया में उद्योग प्रबंधन द्वारा नागदा-खाचरौद में कोई सामग्री नहीं दिए जाने पर काफी प्रतिक्रिया देखने को मिली है। ऐसे में उद्योग प्रबंधन का दायित्व था कि अपने सामाजिक उत्तरदायित्व का निर्वहन करते हुए नागदा-खाचरौद की जनता जो कि उद्योग के लिए आरंभ से ही समर्पित रही है की जीवन रक्षा हेतु नागदा सिविल हाॅस्पिटल एवं खाचरौद हाॅस्पिटल में सामग्री प्रदान की जाना चाहिए था।

क्षेत्र के विधायक ने आॅक्सीजन प्लांट लगाने का किया था अनुरोध
क्षेत्र के विधायक दिलीपसिंह गुर्जर ने गतदिनों शहर में संचालित होने वाले समस्त उद्योगों के प्रबंधकगण से अनुरोध किया था कि कोरोना महामारी के दौरान आॅक्सीजन की सबसे अधिक आवश्यकता है। ऐसे में सभी उद्योग मिलकर सिविल हाॅस्पिटल में एक आॅक्सीजन प्लांट स्थापित करें जिससे की शहर एवं आसपास के रहवासियों के जीवन को इस महामारी के दौर में बचाया जा सके। इसी प्रकार विधायक द्वारा 50 लाख रूपये की राशि आॅक्सीजन प्लांट लगाने (20 लाख) बीमा अस्पताल एवं सिविल हाॅस्पिटल में सामग्री क्रय हेतु (20 लाख) एवं खाचरौद अस्पताल में वेंटिलेटर एवं अन्य सामग्री हेतु 10 लाख की राशि प्रदान की है जो कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी उज्जैन को प्राप्त हो चुकी है। विधायक की अनुशंसा पर नागदा एवं खाचरौद के कोविड सेंटरों को उक्त सामग्री भी जल्द ही मिलने वाली है।

उज्जैन में 50 बेड सहित आॅक्सजन कंसंट्रेटर प्रदान किए
सूत्रों का कहना है कि सांसद एवं जिला कलेक्टर के आग्रह पर उद्योग प्रबंधन द्वारा बिरला हाॅस्पिटल उज्जैन में 50 बेड कोविड पेशेंट के लिए आरक्षित किए है। इसी प्रकार लगभग दर्जनों आॅक्सीजन कंसंटेªटर भी उद्योग द्वारा उज्जैन जिला प्रशासन को प्रदान किए गए है।

कोविड सेंटर में आॅक्सीजन लाईन एवं आॅक्सीजन प्लांट की है आवश्यकता
गौरतलब है कि जिला कलेक्टर के निर्देश पर बीमा अस्पताल में कोविड केयर सेंटर बनाया जा रहा है। लेकिन नेताओं के कई-कई बार निरीक्षण के उपरांत भी कोविड सेंटर का कार्य विगत 15 दिनों से चल ही रहा है। सूत्रों का कहना है कि अभी मरम्मत एवं रंगरोगन ही हो पाया है आॅक्सीजन लाईन डाले जाने का कार्य प्रारंभ होना है। ऐसे में बीमा सेंटर को प्रारंभ होने में अभी और समय लग सकता है। सिविल हाॅस्पिटल में वर्तमान में 5 बेड का आईसीयू एवं 10 बेड का आईसोलेशन वार्ड संचालित किया जा रहा है। लेकिन आईसोलेशन वार्ड में न तो आॅक्सीजन की लाईन है और ना ही 4 से अधिक आॅक्सीजन कंसंट्रेटर ऐसे में यहाॅं आॅक्सीजन कंसंट्रेटर एवं अन्य सामग्री की सख्त आवश्यकता है।

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केन्द्रीय मंत्री से राशि की मांग

पूर्व विधायक दिलीप शेखावत ने केन्द्रीय मंत्री थावरचन्द गेहलोत को पत्र प्रेषित कर उनके मंत्रालय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सीएसआर फण्ड से 50 लाख की राशि क्षेत्र में कोरोना संक्रमण को रोकने हेतु प्रदान करने का आग्रह किया है। शेखावत ने जारी प्रेस बयान में बताया कि नागदा एवं खाचरौद के शासकीय अस्पतालो में कोरोना जैसी गंभीर बिमार व्यक्तियों के इलाज के पर्याप्त संसाधन डॉक्टरो के पास नहीं है। जिसके कारण इलाज में कठिनाई हो रही है। केवल नागदा में आज 5 आईसीयू वार्ड है साथ ही 15 ऑक्सीजन बेड है। इसके अलावा कोरोना बिमारी का उपर्युक्त इलाज के संसाधनो का अभाव है। विशेष करके लगातार ऑक्सीजन की कमी के कारण कई बिमार व्यक्ति काफी सिरीयस हो जाते है। शेखावत ने बताया कि मैंने सारे विषय केन्द्रीय मंत्री थावरचंद गेहलोत के सामने रखे। साथ ही नागदा में शासकीय अस्पताल या नागदा में कहीं पर भी उचित स्थान पर ऑक्सीजन प्लान्ट लगाने का प्रस्ताव भी रखा। श्री गेहलोत ने सारे प्रस्तावो पर गंभीरता से विचार कर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय से सीएसआर फण्ड से 50 लाख रूपये की जल्द से जल्द स्वीकृत करने का आश्वासन दिया है।

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